Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/1719

Prabandhak, Sahkari Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Ashok Kumar - Opp.Party(s)

Anil Kumar

22 Feb 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/1719
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Prabandhak, Sahkari Cold Storage
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ashok Kumar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Jugul Kishor MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                   (सुरक्षित)

अपील संख्‍या :1719/2003

(जिला मंच, मैनपुरी द्धारा परिवाद सं0-75/2000 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 18.12.2000 के विरूद्ध)

Prabhandak Sahkari Cold Storage, Sahkari Krai Vikrai Samiti Ltd., Bewar, Mainpuri.

                                      ........... Appellant/Opp.Party.                                                                                    

Versus       

Ashok Kumar, S/o Sri Parottam Singh, R/o Narampurm, Post Bhainsroli, District Mainpuri.

 ……..Respondent/Complainant

समक्ष :-

मा0 श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य

मा0 श्री जुगुल किशोर, सदस्‍य

अपीलार्थी की ओर से अधिवक्‍ता  :  कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी की ओर से अधिवक्‍ता    :  श्री वी0एस0 बिसारिया

दिनांक : 13-3-2016

          मा0 श्री जे0एन0 सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

            वर्तमान अपील, परिवाद सं0 75/2000 अशोक कुमार बनाम प्रबन्‍धक, सहकारी कोल्‍ड स्‍टोरेज में जिला मंच, मैनपुरी द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 18.12.2000, जिसके माध्‍यम से 25,436.00 रू0 10 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से आदेश की तिथि से भुगतान की तिथि तक अदा किये जाने हेतु दिये गये आदेश से क्षुब्‍ध होकर विपक्षी/अपीलार्थी की ओर से प्रस्‍तुत की गई है।

अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0एस0 बिसारिया उपस्थित आये। यह प्रकरण वर्ष-2003 से पीठ के समक्ष विचाराधीन है, अत: पीठ द्वारा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना तथा प्रश्‍नगत निर्णय व उपलब्‍ध अभिलेखों का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

परिवाद पत्र का अभिवचन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने माह मार्च, 1999 में 40 बोरा आलू विपक्षी अपीलार्थी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखा था और रू0 200.00 अग्रिम किराये के रूप में भी अदा किया गया था। दिनांक

 

-2-

12.10.1999 को जब परिवादी रखे गये आलू को लेने के लिए गया, तो विपक्षी/अपीलार्थी ने किराये के रूप में रू0 2816.00 प्राप्‍त किये और 120.00 रू0 लेबर चार्ज के रूप में प्राप्‍त एवं कुल 2936.00 रू0 प्राप्‍त किये, परन्‍तु रखे गये आलू परिवादी/प्रत्‍यर्थी को उपलब्‍ध नहीं कराये गये और इस प्रकार परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा आलू की कीमत किराये के मूल के मद में अदा की गई कीमत आदि एवं क्षतिपूर्ति हेतु परिवाद जिला मंच के समक्ष विपक्षी के विरूद्ध प्रस्‍तुत किया गया है एवं जिला मंच के समक्ष विपक्षी/अपीलार्थी उपस्थित नहीं हुए, अत: परिवादी/प्रत्‍यर्थी को सुनवाई के पश्‍चात और उसकी ओर से प्रस्‍तुत साक्ष्‍य पर विचार करते हुए जिला मंच द्वारा उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया गया, जिससे क्षुब्‍ध होकर विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा वर्तमान अपील दिनांक 04.7.2003 को योजित की गई है।

अविवादित रूप से वर्तमान अपील कालबाधित है। अविवादित रूप से अपीलार्थी की ओर से विलम्‍ब क्षमा किये जाने हेतु कोई प्रार्थनापत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। आधार अपील में मुख्‍य रूप से यह अभिवचित किया गया है कि प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 18.12.2000 में परिवाद की बावत उन्‍हें कोई सूचना नहीं थी और एकपक्षीय आदेश पारित किया गया है और विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा उपरोक्‍त वर्णित एकपक्षीय आदेश दिनांक 18.12.2000 को अपास्‍त किये जाने हेतु जिला मंच के समक्ष प्रार्थनापत्र प्रस्‍तुत किया गया था, जो प्रर्कीण वाद सं0-41/2001 के रूप में पंजीकृत हुआ एवं जिला मंच द्वारा प्रर्कीण वाद सं0-41/2001 दिनांक 02.01.2003 को निरस्‍त कर दिया गया और इस प्रकार वर्तमान अपील के माध्‍यम से उपरोक्‍त वर्णित निरस्‍तीकरण आदेश दिनांक 02.01.2003 और 18.12.2000 को अपास्‍त किये जाने हेतु वर्तमान अपील प्रस्‍तुत की गई है।

आदेश दिनांक 18.12.2000 की प्रतिलिपि दिनांक 31.10.2001 को प्राप्‍त किये जाने का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख जिला मंच द्वारा निर्गत प्रमाणित प्रतिलिपि में उल्लिखित है। अत: आदेश दिनांक 18.12.2000 की जानकारी दिनांक 31.10.2001 को होना अविवादित है और इस तिथि अर्थात दिनांक 31.10.2001 की तिथि को भी वर्तमान अपील बावत आदेश दिनांक 18.12.2000 कालबाधित है।

आदेश दिनांक 02.01.2003 की प्रतिलिपि दिनांक 16.6.2003 को प्राप्‍त हुई और उस तिथि से गणना करते हुए दिनांक 04.7.2003 को अपील योजित

-3-

की गई और इसी कारण विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा विलम्‍ब क्षमा किये जाने हेतु कोई प्रार्थनापत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। इस संदर्भ में इतना ही कहना पर्याप्‍त है कि जिला मंच या राज्‍य आयोग को स्‍वयं द्वारा पारित आदेश पर पुनर्विचार किये जाने का अधिकार प्राप्‍त नहीं है। ऐसी स्थिति में आदेश दिनांक 02.01.2003 विधि अनुकूल है और विपक्षी/अपीलार्थी को उक्‍त प्रार्थनापत्र को प्रस्‍तुत करने के कारण मूल आदेश के संदर्भ में जो विलम्‍ब है, उसकी बावत कोई लाभ नहीं दिया जा सकता है। अविवादित रूप से आदेश दिनांक 18.12.2000 के संदर्भ में वर्तमान अपील कालबाधित है और विलम्‍ब क्षमा किये जाने जाने हेतु कोई प्रार्थनापत्र प्रस्‍तुत नहीं है, अत: कालबाधित होने के कारण वर्तमान अपील खण्डित किये जाने योग्‍य है।

चूंकि वर्तमान अपील में प्रत्‍यर्थी उपस्थित हो गये और गुणदोष के आधार पर भी उन्‍होंने यह बहस की गई और यह कहा गया है कि आधार अपील में भी विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा यह अभिवचित नहीं किया गया है कि प्रश्‍नगत आलू उनके स्‍टोर में नहीं रखा गया था। ऐसी स्थिति में जिला मंच द्वारा जो आदेश पारित किया गया है, वह गुणदोष के आधार पर भी विधि अनुकूल है और वर्तमान अपील में गुणदोष के आधार पर भी बल नहीं पाया जाता है।

प्रस्‍तुत अपील खण्डित किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील खण्डित की जाती है।

 

 

            (जे0एन0 सिन्‍हा)                   (जुगुल किशोर)

            पीठासीन सदस्‍य                     सदस्‍य

हरीश आशु.

कोर्ट सं0-2

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Jugul Kishor]
MEMBER

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