Uttar Pradesh

StateCommission

RP/90/2023

Mujeeb Khan - Complainant(s)

Versus

Ashok Kumar - Opp.Party(s)

Vineet Kumar

30 May 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/90/2023
( Date of Filing : 21 Aug 2023 )
(Arisen out of Order Dated 24/03/2023 in Case No. Complaint Case No. CC/183/2017 of District Hardoi)
 
1. Mujeeb Khan
R/o-Mohalla-Dilwarpur, Town-Sahabad, Tehsil-Sahabad,Dist.-Hardoi
...........Appellant(s)
Versus
1. Ashok Kumar
R/O Village-Babarpur Sisla, Tehsil-Savayajpur, Dist.-Hardoi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 May 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

पुनरीक्षण संख्‍या-90/2023

मुजीब खॉं पुत्र श्री मजीद खॉं

बनाम

अशोक कुमार पुत्र श्री प्रकाश नारायण

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य। 

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री विनीत कुमार,  

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 30.05.2024

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका पुनरीक्षणकर्ता मुजीब खॉं द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग, हरदोई द्वारा परिवाद संख्‍या-183/2017 अशोक कुमार बनाम मुजीब खॉं में पारित निम्‍न आदेश दिनांक 24.03.2023 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है:-

''पत्रावली पेश हुई।

पक्षकार उपस्थित। पत्रावली से परिलक्षित है कि पत्रावली आज वास्‍ते आमद कमिश्‍नर रिपोर्ट नियत है, परन्‍तु अभी तक कमिश्‍नर महोदय द्वारा अपनी आख्‍या दाखिल नहीं की गयी है। उक्‍त वाद में विपक्षी की उपस्थिति पत्रावली से प‍रिलक्षित है। उक्‍त वाद में विपक्षी की तरफ से अपना वकालतनामा कागज सं0-10 दिनांक-28.04.2018 को दाखिल किये जाने के बावजूद उक्‍त वाद में अभी तक वादोत्‍तर दाखिल नहीं किये जाने के कारण परिवादी का वाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से अग्रसारित किया जाता है। पत्रावली वास्‍ते तदनुसार आमद कमिश्‍नर आख्‍या एवं एकपक्षीय साक्ष्‍य दिनांक-02.05.2023 को पेश हो।''

प्रश्‍नगत   आदेश   के   द्वारा   जिला   उपभोक्‍ता   आयोग   ने

 

 

 

 

-2-

पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी द्वारा वादोत्‍तर दाखिल करने का अधिकार समाप्‍त करते हुए परिवाद को पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से अग्रसारित किया गया।

हमारे द्वारा पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

चूँकि जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत परिवाद में पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी द्वारा उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 38 के अन्‍तर्गत निर्धारित समयावधि में वादोत्‍तर दाखिल नहीं किया गया है, अत: माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्णय न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कं.लि. बनाम हिली मल्‍टी परपस कोल्‍ड स्‍टोरेज I (2016) CPJ 1 (SC) में दिये गये दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पुनरीक्षणकर्ता को परिवाद पत्र में वादोत्‍तर प्रस्‍तुत करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवादी का परिवाद एकपक्षीय रूप से अग्रसारित करने का आदेश पारित किया गया है। इस सम्‍बन्‍ध में प्रश्‍नगत आदेश का अवलोकन करने से स्‍पष्‍ट होता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने पुनरीक्षणकर्ता पर तामील पर्याप्‍त मानते हुए आदेश पारित किया है, अत: विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की जाती है। पत्रावली वास्‍ते एकपक्षीय साक्ष्‍य दिनांक 02.05.2023 को पेश हो।

     उक्‍त आदेश के संबंध में स्‍थापित विधि यह है कि किसी पक्ष के अनुपस्थित रहने पर एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित करने का कोई अधिकार न्‍यायालय को नहीं है। यह बिन्‍दु माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्णय संग्राम सिंह बनाम इलेक्‍शन ट्रिब्‍यूनल कोटा प्रकाशित ए.आई.आर. 1955 सुप्रीम कोर्ट पृष्‍ठ 425 में विश्‍लेषित किया गया है कि प्रत्‍येक मामले में एकपक्षीय कार्यवाही का तात्‍पर्य एक पक्षकार की अनुपस्थिति में कार्यवाही होना है न कि किसी भी पक्षकार को अग्रिम कार्यवाहियों में सम्मिलित होने से मना करना है। माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के अनुसार एकपक्षीय रूप से

 

 

 

 

-3-

कार्यवाही अग्रसारित करने से किसी भी पक्षकार को अग्रिम कार्यवाही में सम्मिलित होने से मना करने का कोई अधिकार न्‍यायालय को नहीं है। सिविल प्रक्रिया संहिता अथवा अन्‍य किसी अधिनियम में एकपक्षीय कार्यवाही का विकल्‍प मात्र पक्षकार की अनुपस्थिति में कार्यवाही चलाये जाने की अनुमति मात्र है। किसी भी पक्षकार को अग्रिम कार्यवाही में सम्मिलित होने से निषेध करने का कोई अधिकार एकपक्षीय कार्यवाही के आड़ में नहीं दिया जा सकता है।

     विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के आदेश दिनांकित 24.03.2023 के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित करने से एकपक्षीय साक्ष्‍य के लिए तिथि नियत की थी, जबकि माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा स्‍थापित उपरोक्‍त विधि के अनुसार पक्षकार को अग्रिम कार्यवाही में सम्मिलित होने से मना नहीं किया जा सकता है।

     उपरोक्‍त विवेचन से स्‍पष्‍ट है कि पुनरीक्षणकर्ता को वादोत्‍तर प्रस्‍तुत करने का अधिकार अब नहीं रह गया है, क्‍योंकि माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्णय न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कं.लि. बनाम हिली मल्‍टी परपस कोल्‍ड स्‍टोरेज I (2016) CPJ 1 (SC) में दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार विधायिका के अन्‍तर्गत समय-सीमा निकल चुकी है तथा इसके उपरान्‍त अधिनियम के प्रावधानानुसार पुनरीक्षणकर्ता को वादोत्‍तर का अधिकार नहीं रह जाता है, किन्‍तु पुनरीक्षणकर्ता को अग्रिम कार्यवाही में सम्मिलित होने का पूर्ण अधिकार है, अत: वे अग्रिम कार्यवाही में शपथ पत्र के माध्‍यम से अपना साक्ष्‍य प्रस्‍तुत कर सकते हैं एवं इसके उपरान्‍त दोनों पक्ष के साक्ष्‍य के प्रकाश में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा वाद का निस्‍तारण किया जा सकता है। 

     तदनुसार पुनरीक्षण याचिका स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है एवं विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांकित 24.03.2023 अपास्‍त किये जाने योग्‍य है।

 

 

 

 

 

-4-

आदेश

प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता  आयोग, हरदोई द्वारा परिवाद संख्‍या-183/2017 अशोक कुमार बनाम मुजीब खॉं में पारित आदेश दिनांक 24.03.2023 अपास्‍त किया जाता है। पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी को यह अधिकार है कि वे अपना साक्ष्‍य परिवादी के साक्ष्‍य के उपरान्‍त प्रस्‍तुत कर सकते हैं, यद्यपि उन्‍हें वादोत्‍तर का अधिकार नहीं है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग से अपेक्षा की जाती है कि दोनों पक्ष को साक्ष्‍य का अवसर देते हुए परिवाद का निस्‍तारण यथासम्‍भव 03 माह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

        (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)             (विकास सक्‍सेना)    

                अध्‍यक्ष                        सदस्‍य

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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