राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-818/20007
(जिला उपभोक्ता आयोग (प्रथम), बरेली द्धारा परिवाद सं0-110/2006 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 20-03-2007 के विरूद्ध)
मै0 जे0के0 कन्स्ट्रक्शन्स व एक अन्य
बनाम
डॉ0 अशोक कुमार सिंघल
समक्ष :-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित :- श्री अरूण टण्डन विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक :- 18-06-2024.
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
जिला उपभोक्ता आयोग (प्रथम), बरेली द्धारा परिवाद सं0-110/2006 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 20-03-2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया।
पीठ द्वारा उपरोक्त आदेश दिनांक 20-03-2007 का सम्यक् रूप से परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त यह पाया गया कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख वर्ष 2006 में योजित किया गया जो एक पक्षीय रूप से विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया गया। निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि निर्णय में यह उल्लेख है कि एक तरफा सुनवाई दिनांक 13-02-2007 को आगे बढ़ाई गई, परन्तु यह निष्कर्ष अंकित नहीं है कि विपक्षीगण पर तामीला पर्याप्त मान ली गई है और विपक्षीगण तामीला के बाबजूद उपस्थित नहीं हुए। चूँकि निर्णय में यह निष्कर्ष नहीं है कि विपक्षीगण पर तामीला पर्याप्त है, अत: पीठ के अभिमत में विपक्षीगण को न्यायहित में सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाना उपयुक्त प्रतीत होता है।
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तदनुसार बिना किसी गुणदोष पर विचार किए हुए प्रस्तुत अपील अन्तिम रूप से निर्णीत करते हुए प्रकरण सम्बन्धित जिला आयोग को प्रतिप्रेषित किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है और जिला उपभोक्ता आयोग (प्रथम), बरेली द्धारा परिवाद सं0-110/2006 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 20-03-2007 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण प्रतिप्रेषित करते हुए विद्वान जिला आयोग को निर्देशित किया जाता है कि उक्त परिवाद को अपने मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करते हुए परिवाद के दोनों पक्षकारों को साक्ष्य एवं सुनवाई का विधि अनुसार समुचित अवसर प्रदान करते हुए यथा सम्भव 03 माह की अवधि में परिवाद सं0-110/2006 को गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जावे।
पक्षकार दिनांक 26-07-2024 को विद्वान जिला आयोग के समक्ष उपस्थित हों। अपीलार्थीगण द्वारा अपना लिखित कथन भी दिनांक 26-07-2024 को विद्वान जिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाए और उनके द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत करने के लिए किसी अतिरिक्त समय की मांग नहीं की जाएगी। इसके उपरान्त किसी भी पक्षकार को बिना किसी उपयुक्त कारण के स्थगन की अनुमति न प्रदान की जावे।
अपील व्यय उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1.
कोर्ट नं0-2.