Uttar Pradesh

StateCommission

RP/92/2019

Meerut Development Authority - Complainant(s)

Versus

Ashok Kumar jain - Opp.Party(s)

Piyush Mani Tripathi

03 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/92/2019
( Date of Filing : 14 Oct 2019 )
(Arisen out of Order Dated 09/08/2019 in Case No. C/225/2011 of District Meerut)
 
1. Meerut Development Authority
Meerut Through its Secretary
...........Appellant(s)
Versus
1. Ashok Kumar jain
S/O Prem Chand jain R/O 133 Ganj Bazar Anaj Mandi SAdar meerut Cantt. Presently R/O H-204 Aruna Apartment 33-I.P. Extension Patpadganj Meerut
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 03 Nov 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

पुनरीक्षण संख्‍या-92/2019

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद संख्‍या 225/2011 में पारित आदेश दिनांक 09.08.2019 के विरूद्ध)

1. मेरठ डेवलपमेन्‍ट अथॉरिटी, मेरठ, द्वारा सेक्रेटरी

2. योजना अधिकारी, मेरठ डेवलपमेन्‍ट अथॉरिटी मेरठ

........................पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षीगण

बनाम

अशोक कुमार जैन, पुत्र प्रेम चन्‍द जैन, निवासी-133 गंज बाजार अनाज मण्‍डी, सदर मेरठ कैण्‍ट वर्तमान निवासी- एच-204, अरूणा अपार्टमेन्‍ट 33-आई0पी0 एक्‍सटेंशन पटपड़गंज, मेरठ

                                   ...................विपक्षी/परिवादी

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री पियूष मणि त्रिपाठी, 

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी की ओर से उपस्थित : श्री वी0एस0 बिसारिया, 

                          विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 03.11.2022

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी को सुना। विपक्षी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता             श्री वी0एस0 बिसारिया को सुना।

प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद संख्‍या-225/2011 अशोक कुमार जैन बनाम एम0डी0ए0 में पारित आदेश दिनांक 09.08.2019 के विरूद्ध योजित की गयी है।

     उपरोक्‍त आदेश दिनांक 09.08.2019 के द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवादी की ओर से परिवाद के अभिकथनों में संशोधन हेतु दिनांक 30.04.2015 को प्रस्‍तुत किये  गये  प्रार्थना  पत्र  में  उल्लिखित

 

 

-2-

अभिकथनों में यह तथ्‍य पाया कि उपरोक्‍त अभिकथनों में संशोधन किये जाने से मूल परिवाद की प्रकृति में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं हो रहा है। यह भी उल्लिखित किया है कि प्रतिपक्षी की ओर से उपरोक्‍त अभिकथनों में संशोधन हेतु दिये गये प्रार्थना पत्र के विरूद्ध कोई लिखित आपत्ति भी प्रस्‍तुत नहीं की गयी।

अतएव समस्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पाया गया कि प्रतिपक्षी को देय परिव्‍यय पर संशोधन प्रार्थना पत्र स्‍वीकार किया जावे तथा देय अंकन 500/-रू0 हर्जे पर परिवादी का संशोधन प्रार्थना पत्र स्‍वीकार किया गया।

     विपक्षी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0एस0 बिसारिया द्वारा अवगत कराया गया कि पुनरीक्षणकर्ता द्वारा उक्‍त आदेश के अनुपालन में देय अंकन धनराशि 500/-रू0 वास्‍ते हर्जा स्‍वीकार की जा चुकी है।

     तदनुसार प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका अपोषणीय पायी जाती है। अतएव प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                           (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)           

                         अध्‍यक्ष             

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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