(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1003/2016
इण्डसइंड बैंक लि0
बनाम
अशोक कुमार जैन
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री बृजेन्द्र चौधरी,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 25.07.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-70/2012, अशोक कुमार जैन बनाम इण्डसइंड बैंक में विद्वान जिला आयोग, सहारनपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 21.3.2016 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री बृजेन्द्र चौधरी को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए परिवादी को कारित नुकसान की मद में अंकन 1,21,600/-रू0, मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 10,000/-रू0 तथा परिवाद व्यय की मद में अंकन 5,000/-रू0 अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि यह उपभोक्ता विवाद नहीं है, क्योंकि परिवादी एक व्यापारी है, वह एक नहीं अपितु अनेक ट्रकों का संचालन करता है। उसके पास 07 ट्रक हैं। दो स्वंय
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परिवादी के नाम हैं एवं दो ट्रक उसकी पत्नी के नाम है तथा तीन ट्रक अमर जैन के नाम हैं। उसके व्यापार का नाम महावीर गुड्स कैरियर है, इसलिए जीविकोपार्जन के लिए ट्रक क्रय नहीं किया गया है। लिखित कथन में भी इस तथ्य का उल्लेख किया गया था। ट्रकों की सूची नम्बर सहित पत्रावली में दाखिल की गई है, जिससे कोई इंकार नहीं है। अत: स्पष्ट है कि परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है, अपितु वह व्यापारिक गतिविधियों में संलग्न है, इसलिए उपभोक्ता विवाद संधारणीय नहीं था। विद्वान जिला आयोग ने गैर उपभोक्ता विवाद पर निर्णय पारित किया है, जो अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 21.3.2016 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद संधारणीय न होने के कारण खारिज किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह(
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दि. 25.7.2023
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2