न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग,कन्नौज ।
उपस्थित......................श्री राम करन एच0जे0एस0 अध्यक्ष
सुश्री वन्दना मिश्रा, सदस्या
परिवाद संख्याः- 63/2017
रामनरायन पुत्र जानकी प्रसाद उम्र 60 साल पेशा कृषि निवासी ग्राम खेमपुरवा पोस्ट इन्दरगढ परगना व तहसील तिर्वा जनपद कन्नौज । ....परिवादी
बनाम
1-रज्जू लाला उर्फ गोपाल आर्शीवाद कोल्डस्टोरेज तिर्वा रोड नजरापुर पोस्ट
नजरापुर जनपद कन्नौज । कोल्ड मालिक
2-प्रबन्धक आर्शीवाद कोल्डस्टोरेज तिर्वा रोड नजरापुर पोस्ट नजरापुर,जनपद
कन्नौज । .............विपक्षीगण
श्री राम करन एच0जे0एस0 अध्यक्ष द्वारा पारित ।
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी की तरफ से विपक्षीगण के विरूद्ध विपक्षी से भण्डारित आलू 292 पैकेट की कीमत 1,02,200/- एवं क्षतिपूर्ति 30,000/- कुल 1,32,000/- मय 18ः ब्याज दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी गांव में सपरिवार रहकर कृषि कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है परिवादी ने दिनांक 17.02.2017 को लाल आलू छटटा 115 पैकेट व 48 पैकेट दिनांक 18.02.2017 को 96 पैकेट दिनांक 03.03.2017 को 33 पैकेट कुल 292 पैकेट विपक्षी कोल्डस्टोरेज में भण्डारित करवाये थे जिसकी आमद रसीदें विपक्षी द्वारा दी गयी थी और कहा गया कि तकपटटी बाद में ले लेना । परिवादी माह जुलाई 2017 में विपक्षी कोल्डस्टोरेज में जाकर सम्बन्धित कर्मचारी व विपक्षी से सम्पर्क कर अपनी पहुंच रसीद के आधार पर भण्डारित आलू कुल 292 पैकेट की तकपटटी के बाबत कहा तो विपक्षी एक दूसरे पर टालते हुए तकपटटी बाबत एक सप्ताह बाद कह कर टाल दिया । परिवादी विपक्षी के बताने के अनुसार कोल्डस्टोरेज में जाकर अपनी तकपटटी सम्बन्धित कर्मचारी से भी मिलकर चाही गयी परन्तु विपक्षी द्वारा तकपटटी उपलब्ध नहीं करायी गयी । परिवादी ने माह जुलाई में कई बार विपक्षी कोल्डस्टोरेज में जाकर अपने भण्डारित आलू के बाबत कहा लेकिन विपक्षी हीला हवाली करते हुये टालते रहे । परिवादी को अज्ञात सूत्रों से जानकारी हुई कि विपक्षी द्वारा परिवादी का भण्डारित आलू 292 पैकेट किसी अज्ञात मार्केट में बिक्री कर बेईमानी से रूपया हडप कर लिया है। जिसकी कीमत प्रति पैकेट 350/- की दर से 1,02,200/-होती है इसी वजह से विपक्षी परिवादी को कोई जानकारी नहीं दी ।
परिवादी ने अपने भण्डारित आलू की बाबत अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस दिनांक 06.09.17 व 22.09.2017 को पंजीकृत डाक द्वारा भेजा गया लेकिन विपक्षी द्वारा कोई जबाब नहीं दिया एवं न ही भण्डारित आलू की बिक्रीत धनराशि परिवादी को दी गयी । परिवादी को अगर आलू सही समय पर बिक्री कर और उसका पैसा मिल जाता तो वह उसको अपने कार्य में लाता जिससे परिवादी को दूसरी जगह से कर्ज लेकर पैसा उठाकर काम करना पडा जिससे उसको 30,000/- आर्थिक व मानसिक क्षति उठानी पडी । और प्रार्थना किया है कि विपक्षी से भण्डारित आलू 292 पैकेट की कीमत 1,02,200/- एवं क्षतिपूर्ति 30,000/- कुल 1,32,000/- 18 प्रतिशत ब्याज की दर से दावा दायर करने की तिथि से दिलाया जावे ।
3- विपक्षीगण पर नोटिस की तामीला होने के पश्चात् उनकी तरफ से कोई उपस्थित नहीं आया एवं न ही कोई वादोत्तर प्रस्तुत किया गया अतः विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एक पक्षीय अग्रसर की गयी ।
4- अपने कथनों के समर्थन में परिवादी की तरफ से अभिलेखीय साक्ष्य में सूची से 04 अदद आमद रसीदें,आधार कार्ड की छायाप्रतियॅा,रजिस्ट्री रसीद,02 अदद लीगल नोटिसों की छायाप्रतियॅा एवं सूची से चार अदद मूल आमद रसीदें प्रस्तुत की गयी हैं। एवं मौखिक साक्ष्य में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। विपक्षीगण की तरफ से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
5- परिवादी के कथनानुसार उसने दिनांक 17.02.2017 को 115 पैकेट व 48 पैकेट व दिनांक 18.02.17 को 96 पैकेट,03.03.17 को 23 पैकेट कुल 292 पैकेट लाल छटटा आलू विपक्षी के कोल्डस्टोरेज में भण्डारित कराया जिसकी आमद रसीद दिया गया परन्तु तकपटटी नहीं दी गयी तकपटटी बाद में देने के लिये कहा गया । परिवादी माह जुलाई 2017 में कोल्डस्टोरेज में जाकर तकपटटी की मांग किया तो दूसरे दिन आने की कह कर टाल दिया बार‘बार जाने पर तकपटटी नहीं दिया। जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि विपक्षी द्वारा परिवादी के भण्डारित आलू को अज्ञात मार्केट में बेईमानी से विक्रय करके रूपया हडप लिया है जिसकी कोई जानकारी परिवादी को नहीं दी ।
6- इस सम्बन्ध में परिवादी की तरफ से दाखिल मूल आमद रसीदों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि परिवादी द्वारा दिनांक 17.02.17 को रसीद संख्या-134/48 से 48 पैकेट क्रम संख्या-164/96 दिनांकित 18.02.17 से 96 पैकेट और क्रम संख्या-64/115 दिनांकित 17.02.17 से 115 पैकेट व क्रम संख्या-5142/33 दिनांकित 03.03.17 से 33 पैकेट कुल 292 पैकेट लाल छटटा आलू जमा किया गया है जिसमें यह अंकित है कि “यह रसीद 30 जून तक वैध है तब तक पक्की रसीद तकपटटी ले लेवें”। इसका तात्पर्य यह हुआ कि उपरोक्त आमद रसीदों के द्वारा परिवादी के आलू विपक्षी ने अपने कोल्डस्टोरेज में रख कर कच्ची रसीद उपरोक्त जारी किया और बाद में पक्की रसीद अर्थात तकपटटी लेने के लिये निर्देशित किया गया जिसकी अवधि 30 जून तक रखी गयी परन्तु यह शर्त विपक्षी द्वारा एकतरफा रखी गयी है कुछ विलम्ब होने से इस शर्त का कोई अर्थ नहीं है न ही लागू कराया न किये जाने योग्य है क्योंकि यदि तुरन्त पक्की रसीद यानि तकपटटी नहीं दी जाती तो तकपटटी देने के लिये ऐसी कोई शर्त नहीं रखा जा सकता जिससे काश्तकार अपनी कृषि उपज को कोल्डस्टोरेज में रखने के बाद तकपटटी प्राप्त न कर सके और भण्डारित आलू से उसका हक समाप्त हो जाये । नोटिस का तामीला होने के बाबजूद विपक्षी द्वारा आयोग के समक्ष उपस्थित आकर परिवादी के कथनों का खण्डन नहीं किया गया । परिवादी को अपने कथन को आमद रसीद एवं शपथ पत्र से समर्थित साबित किया है जिस पर अविश्वास किये जाने का कोई औचित्य नहीं है।
7- इस प्रकार परिवादी द्वारा विपक्षी के कोल्डस्टोरेज में 292 पैकेट लाल छटटा आलू जमा किया जाना व उसकी कच्ची आमद रसीद परिवादी को दिया जाना व विपक्षी द्वारा परिवादी को पक्की रसीद तकपटटी न दिया जाना साबित होता है। आलू जमा करने के बाद तकपटटी मांगने हेतु परिवादी के जाने पर विपक्षी द्वारा तकपटटी नहीं दिया गया । आलू जमा किये हुये लगभग 06 साल हो चुका है इसलिए अब इस स्तर पर तकपटटी दिलाये जाने से परिवादी की समस्या का समाधान नहीं हो सकता और न ही उसके द्वारा भण्डारित आलू विपक्षी द्वारा दिया जा सकता है और न परिवादी द्वारा लिया जा सकता है। ऐसी परिस्थिति में उपरोक्त भण्डारित आलू का मूल्य तत्कालीन बाजारी मूल्य की दर से एवं वाद व्यय दिलाये जाने योग्य है।
तदनुसार परिवाद परिवादी एक पक्षीय रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद परिवादी आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे एक माह के अन्दर परिवादी द्वारा भण्डारित 292 पैकेट लाल छटटा आलू की कीमत कृषि विपणन निरीक्षक, कन्नौज के रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन बाजारू मूल्य की दर से अंकन 465×292=13,578/- मय 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज जो परिवाद संस्थित किये जाने की तिथि से अंतिम भुगतान किये जाने की तिथि तक देय होगा,अदा कर दें। एवं 5,000/- वाद-व्यय भी अदा करें ।
(वन्दना मिश्रा) (राम करन)
सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रति0 आयोग, जिला उपभोक्ता विवाद प्रति0आयोग,
कन्नौज । कन्नौज ।
24.05.2023 24.05.2023
यह निर्णय आज आयोग के खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एंव दिनांकित कर उद्घोषित किया गया ।
(वन्दना मिश्रा) (राम करन)
सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रति0 आयोग, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग,
कन्नौज । कन्नौज ।