( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
पुनरीक्षण वाद संख्या :87/2022
सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया द्वारा ब्रांच मैनेजर
आशा राम
दिनांक 13-12-2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका परिवाद संख्या-153/2018 आशा राम बनाम सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया में जिला उपभोक्ता आयोग, हरदोई द्वारा पारित आदेश दिनांक 29-12-2021 के विरूद्ध इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है :-
‘’दिनांक 29-12-2021
पत्रावली पेश हुई।
पक्षकार उपस्थित। पत्रावली वास्ते वादोत्तर नियत है, परन्तु विपक्षी की तरफ से आज कोई वादोत्तर दाखिल नहीं किया गया है। जब कि विपक्षी की तरफ से उपस्थित हैं और विपक्षी को अंतिम अवसर प्रदत्त किया जा चुका है। अत: विपक्षी को अंतिम अवसर दिये जाने के बावजूद अभी तक वादोत्तर दाखिल नहीं किये जाने पर विपक्षी के वादोत्तर का अवसर समाप्त किया जाता है तथा परिवादी का वाद एकपक्षीय रूप से अग्रसारित किया जाता है।
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अत: पत्रावली वास्ते एकपक्षीय साक्ष्य दिनांक 10-01-2022 को पेश हो। ‘’
जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय एवं आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया की ओर से प्रस्तुत की गयी है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्धान अधिवक्ता श्री शरद कुमार शुक्ला उपस्थित आए। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
मेरे द्वारा पुनरीक्षणकर्ता के विद्धान अधिवक्ता श्री शरद कुमार शुक्ला को सुना गया तथा आदेश दिनांक 29-12-2021 का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया। चूंकि विद्धान जिला आयोग द्वारा पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया के विरूद्ध वादोत्तर दाखिल न किये जाने के कारण परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से अग्रसारित की है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि वह जिला आयोग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका है, अत: न्यायहित में उन्हें वादोत्तर प्रस्तुत करने एवं अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु एक अवसर प्रदान किया जावे।
मेरे द्वारा पुनरीक्षणकर्ता के विद्धान अधिवक्ता को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्धान अधिवक्ता को सुनने तथा पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है कि चूंकि पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया जिला आयोग के समक्ष अपना वादोत्तर प्रस्तुत नहीं कर सका और न ही अपना पक्ष ही प्रस्तुत कर सका है जो कि परिवाद को गुणदोष के आधार पर निर्णीत करने हेतु आवश्यक प्रतीत होता है। अत: पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी सेन्ट्रल बैंक आफ
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इण्डिया को न्यायहित में अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु एक अवसर प्रदान किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है।
तदनुसार प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका स्वीकार की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 29-12-2021 अपास्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला आयोग उभयपक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर 06 माह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें।
उभयपक्ष जिला आयोग के सम्मुख दिनांक 17-01-2023 को उपस्थित होंवे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1