Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1252

M/s Chandel Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Asha Ram - Opp.Party(s)

Himanshu Suryawanshi & Rajesh Kumar Singh

23 Sep 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1252
( Date of Filing : 22 Jul 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s Chandel Cold Storage
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Asha Ram
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Sep 2021
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1252/2010

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी द्वारा परिवाद संख्‍या 160/2008 में पारित आदेश दिनांक 11.05.2010 के विरूद्ध)

मै0 चन्‍देल कोल्‍ड स्‍टोरेज राम नगर परगना एण्‍ड तहसील राम नगर जिला, बाराबंकी द्वारा पार्टनर श्री दुष्‍यन्‍त सिंह चन्‍देल।

                                ........................अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

आशा राम उम्र लगभग 45 वर्ष पुत्र भभूती प्रसाद, निवासी हरसौली, कटहली, पोस्‍ट आफिस- सेमराय, परगना व तहसील- राम नगर, जिला- बाराबंकी।

                                  ......................प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य। 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री विकास अग्रवाल एवं श्री हिमांशु                                                              

                           सूर्यवंशी, विद्वान अधिवक्‍तागण।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री नरेश सिंह चौहान, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 23.09.2021

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख अपीलार्थी मै0 चन्‍देल कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी द्वारा परिवाद संख्‍या-160/2008 आशा राम बनाम चन्‍देल कोल्‍ड स्‍टोरेज में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 11.05.2010 के विरूद्ध योजित की गयी।

     विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी के द्वारा योजित उपरोक्‍त परिवाद को प्रत्‍यर्थी/परिवादी के पक्ष में निर्णीत करते हुए यह आदेश पारित किया कि अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा उपरोक्‍त निर्णय दिनांक 11.05.2010 के परिपालन में 45 दिवस की अवधि में प्रत्‍यर्थी/परिवादी को क्षतिग्रस्‍त भण्‍डारित आलू की कुल कीमत   1,33,770/-रू0 तथा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को  उपरोक्‍त  क्षतिग्रस्‍त  भण्‍डारित

 

 

-2-

आलू के कारण हुई आर्थिक क्षति, शारीरिक कष्‍ट के लिए 20,000/-रू0 एवं 2,000/-रू0 परिवाद व्‍यय के रूप में प्रदान किया जाये।

     उक्‍त निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध प्रस्‍तुत अपील में इस न्‍यायालय द्वारा दिनांक 26.07.2010 को अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा 50,000/-रू0 जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी के सम्‍मुख 04 सप्‍ताह की अवधि में जमा करने पर अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश के अनुपालन में निष्‍पादन कार्यवाही को स्‍थगित किया गया।

     प्रस्‍तुत अपील विगत 11 वर्षों से अधिक समय से लम्बित है, जो कि अनेकों तिथियों पर स्‍थगित हुई तथा आदेश फलक दिनांक 16.10.2019 में निम्‍न आदेश वर्णित है:-

     ''आज यह पत्रावली प्रस्‍तुत हुई। अधिवक्‍ता अपीलार्थी उपस्थित हैं। उनके द्वारा सूचित किया गया कि‍ मा0 उच्‍च न्‍यायालय इलाहाबाद की खण्‍ड पीठ लखनऊ के निर्देशानुसार वांछित धनराशि आयोग में जमा नहीं की जा सकी है। यह धनराशि जमा किए जाने हेतु समय की प्रार्थना की गई। अपीलार्थी को निर्देशित किया जाता है कि‍ वांछित धनराशि आयोग में जमा किया जाना सुनिश्चित करें। तदोपरान्‍त पत्रावली सुनवाई हेतु दिनांक 31.10.2019 को सूचीबद्ध हो।''

     तदोपरान्‍त इस न्‍यायालय द्वारा पारित अन्‍तरिम आदेश दिनांक 26.07.2010 का अनुपालन अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा लगभग 09 वर्ष की अवधि के पश्‍चात् किया गया। आदेश फलक दिनांक 02.12.2020 में यह तथ्‍य वर्णित है कि उक्‍त अपील पूर्व में खारिज की जा चुकी थी। दिनांक 16.09.2019 को रेस्‍टोरेशन प्रार्थना पत्र अपील के पुनर्स्‍थापन के लिए प्रस्‍तुत किया गया। अत: प्रत्‍यर्थी को नोटिस जारी करते हुए उपरोक्‍त प्रार्थना पत्र के निस्‍तारण के लिए तिथि नियत की गयी। तदोपरान्‍त अनेकों तिथियों पर प्रस्‍तुत अपील सूचीबद्ध हुई व अधिवक्‍तागण को समय प्रदान किया जाता रहा। अन्‍तत: दिनांक 31.08.2021 एवं दिनांक 09.09.2021 को निम्‍न  आदेश  पारित  किया

 

 

 

-3-

गया:-

''31.08.2021

प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री नरेश सिंह चौहान द्वारा अपना लिखित कथन प्रस्‍तुत करने हेतु 01 सप्‍ताह का समय प्रदान किये जाने की प्रार्थना की। अन्तिम रूप से 01 सप्‍ताह का समय प्रदान किया जाता है। यदि अगली तिथि पर प्रत्‍यर्थी की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया जायेगा तब अपील को अन्तिम रूप से गुणदोष के आधार पर निर्णीत किया जायेगा एवं प्रत्‍यर्थी के विरूद्ध हर्जाना योजित किया जायेगा।

प्रस्‍तुत अपील को पुन: दिनांक 09.09.2021 को सूचीबद्ध किया जावे।''

''09.09.2021

आदेश दिनांक 31.08.2021 के अनुपालन में प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कार्यालय में अपना लिखित कथन दिनांक 06.09.2021 को प्रस्‍तुत किया गया, जिसकी एक प्रति अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को उपलब्‍ध करायी गयी है। उपरोक्‍त प्रपत्र/‍लिखित कथन अगली निश्चित तिथि पर पत्रावली के साथ प्रस्‍तुत किया जाये। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता यदि उपरोक्‍त लिखित कथन के उत्‍तर में प्रपत्र अथवा कथन प्रस्‍तुत करना चाहें तो 01 सप्‍ताह की अवधि में उसकी प्रति प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को उपलब्‍ध कराकर कार्यालय में प्रस्‍तुत करें।

प्रस्‍तुत अपील को पुन: दिनांक 23.09.2021 को सूचीबद्ध किया जावे।''

     उपरोक्‍त आदेश फलक के परिशीलन से यह सुस्‍पष्‍ट है कि अपील अन्‍तरिम आदेश का पालन न करने की दशा में खारिज की गयी थी, जिसके विरूद्ध दिनांक 16.09.2019 को पुनर्स्‍थापन प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किया गया, परन्‍तु उक्‍त प्रार्थना पत्र पर कोई आदेश आज दिनांक तक पारित नहीं किया गया। इस तथ्‍य को उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण द्वारा दौरान अन्तिम बहस इस न्‍यायालय के सम्‍मुख इंगित नहीं किया गया।

     अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि‍‍

 

 

-4-

जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश विधि विरूद्ध है तथा तथ्‍यों से परे है।

     संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज में विभिन्‍न तिथियों पर फरवरी 2008 से लेकर 15 मार्च 2008 के मध्‍य कुल 637 बोरी आलू जमा किया था, जिसके विरूद्ध अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को जमा के सम्‍बन्‍ध में रसीद जारी की गयीं, जिनमें कुल जमा किये गये आलू के बोरों का विवरण एवं ति‍थियॉं अंकित की गयी।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया  कि‍ उपरोक्‍त जमा किये गये आलू का भण्‍डारण एवं सुरक्षा-संरक्षण अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा समुचित रूप से नहीं किया गया, जिससे अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में भण्‍डारित आलू सुरक्षित रूप से भण्‍डारित नहीं रहा तथा उपरोक्‍त आलू पूर्ण रूप से अंकुरित होने लगा, साथ ही बहुत तेज गति से उपरोक्‍त भण्‍डारित आलू सड़ने लगा।

     प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि‍ चूँकि अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा भण्‍डारित आलू का सही रूप से रख-रखाव एवं संरक्षण नहीं किया गया, अतएव उसके द्वारा निर्धारित ग्राहक सेवा में कमी सुस्‍पष्‍ट है, जो यह सिद्ध करता है कि‍ प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा भण्‍डारित आलू अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज ने सुरक्षित रूप से नहीं रखा, जिसके कारण प्रत्‍यर्थी/परिवादी को न सिर्फ आर्थिक वरन् मानसिक एवं शारीरिक कष्‍ट हुआ।

     अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा अपने कथन में कहा गया कि‍ अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा भण्‍डारित आलू की सुरक्षा हेतु समुचित व्‍यवस्‍था की गयी, परन्‍तु कुछ ऐसी घटना हो गयी जिसकी वजह से उक्‍त आलू तेज गति से अंकुरित होने लगा, जिसके कारण अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को सूचित किया गया कि‍ वह भण्‍डारित आलू शीघ्र ही कोल्‍ड स्‍टोरेज से वापस प्राप्‍त करे अन्‍यथा की स्थिति में अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा उपरोक्‍त आलू को अपने कोल्‍ड स्‍टोरेज से बाहर कर दिया जायेगा।

 

 

-5-

     हमारे द्वारा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त तथ्‍यों का समुचित परिशीलन किया गया, उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा यह पाया गया कि‍ अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दिनांक 29.10.2008 में एक पत्र जारी किया गया, जो कि दिनांक 31.10.2008 को डाक से प्रेषित करना पाया गया, जिसमें इस तथ्‍य का वर्णन किया गया कि, ''भण्‍डारित आलू डेमेज हो रहा है। आप अपना आलू नोटिस भेजने की तारीख के एक सप्‍ताह के अन्‍दर आकर निकाल लें।

     यदि नोटिस भेजने की दिये दिनॉंक तक आप नहीं आते हैं तो कम्‍पनी आपका आलू बेच कर अपना किराया खर्चा अदा कर लेगी। इसका सारा उत्‍तरदायित्‍व आपका होगा।

     सादर धन्‍यवाद। 

भवदीय

बंधक चंदेल कोल्‍ड

स्‍टोरेज राम नगर

बाराबंकी''

     उपरोक्‍त प्रपत्र के परिशीलन एवं उसमें वर्णित तथ्‍यों से यह सुस्‍पष्‍ट है कि‍ भण्‍डारित आलू जब कोल्‍ड स्‍टोरेज में अंकुरित होने लगा तथा उसकी दशा सड़ने की आ गयी तब अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा रजिस्‍टर्ड डाक द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को सूचना भेजी गयी, जबकि‍ पक्षकारों के दिये हुए पते से यह सुस्‍पष्‍ट है कि‍ कोल्‍ड स्‍टोरेज जिस जगह पर स्‍थापित है, वह राम नगर, परगना व तहसील राम नगर, जिला बाराबंकी है साथ ही प्रत्‍यर्थी/परिवादी का निवास भी परगना व तहसील राम नगर, जिला बाराबंकी है।

     प्रश्‍न यह उठता है कि जब कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखा आलू अंकुरित होना प्रारम्‍भ हो गया तथा वह सड़ने की अवस्‍था में आ गया तब डाक द्वारा सूचना देने का क्‍या औचित्‍य था। उक्‍त पत्र दिनांक 29.10.2008 में इंगित तथ्‍यों के परिशीलन से भी यह स्‍पष्‍ट है कि‍ कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा आलू की सुरक्षा एवं संरक्षण समुचित रूप से नहीं किया गया तथा अन्तिम दिवस अर्थात् दिनांक 31.10.2008 को पत्र  डाक  द्वारा  प्रेषित

 

-6-

किया गया। अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तथ्‍य नहीं स्‍पष्‍ट किया जा सका कि‍ उपरोक्‍त डाक द्वारा प्रेषित पत्र के उपरान्‍त अन्‍ततोगत्‍वा भण्‍ड‍ारित आलू के सम्‍बन्‍ध में उत्‍तरदायित्‍व किसने निभाया।

     हमारे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया, पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों का परिशीलन किया गया तथा यह पाया गया कि‍ जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यद्यपि एकपक्षीय रूप से आदेश पारित किया गया है, परन्‍तु आदेश में यह सुस्‍पष्‍ट रूप से इंगित किया गया है कि‍ विपक्षी पर नोटिस की तामीली होने के बावजूद भी परिवाद में विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अतएव परिवाद पत्र में वर्णित तथ्‍यों एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन करने के उपरान्‍त जो निर्णय एवं आदेश विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी द्वारा पारित किया गया है, उसमें किसी प्रकार के कोई हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। अतएव प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत जमा की गयी धनराशि             25,000/-रू0 मय अर्जित ब्‍याज और अन्‍तरिम आदेश के अनुपालन में जमा की गयी धनराशि 50,000/-रू0 मय अर्जित ब्‍याज जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी को इस निर्देश के साथ प्रेषित की जाये कि जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी उक्‍त धनराशि को प्रत्‍यर्थी/परिवादी को             02 माह की अवधि में अवमुक्‍त करे तथा आक्षेपित निर्णय और आदेश के अनुपालन में बाकी की देय धनराशि को अपीलार्थी/विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अपील दाखिल करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 30 दिन की अवधि में दिया जावे।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

      (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                (राजेन्‍द्र सिंह)      

              अध्‍यक्ष                         सदस्‍य        

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 

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