(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-786/2010
Life Insurance Corporation of India & other Versus Smt. Asha Devi
दिनांक : 04.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-35/2008, आशा देवी बनाम भारतीय जीवन बीमा निगम व अन्य में विद्वान जिला आयोग, आजमगढ़ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 09.04.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री अरविन्द तिलहरी को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादिनी के पति विजय कुमार द्वारा बीमा पॉलिसी प्राप्त की गयी थी, परंतु 3-4 दिन बाद ही उनकी मृत्यु कारित हुई। बीमा क्लेम प्रस्तुत किया गया, जो इस आधार पर नकार दिया गया कि वास्तविक तथ्य को छिपाया गया, परंतु पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि बीमा धारक की मृत्यु दिनांक 02.02.2006 को हुई है, जबकि पॉलिसी दिनांक 06.02.2006 को जारी हुई है, इसलिए बीमे का प्रस्ताव स्वीकृति की सूचना होने से पूर्व ही बीमाधारक की मृत्यु हो चुकी थी। अत: बीमे की संविदा पूर्ण नहीं हुई। किसी भी प्रस्ताव की स्वीकृति की सूचना प्रस्तावक को मिलने के पश्चात ही कोई संविदा पूर्ण होना कहा जा सकता है, जैसा कि संविदा अधिनियम की धारा 4 मे व्यवस्था दी गयी है, चूंकि प्रस्तुत केस में बीमा प्रस्ताव की स्वीकृति की सूचना देने से पूर्व ही बीमा धारक की मृत्यु हो गयी, इसलिए कभी भी संविदा पूर्ण नहीं हुई। प्रस्ताव लैप्स हो चुका था। अत: कोई क्लेम देय नहीं है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2