Uttar Pradesh

Barabanki

CC/116/2017

Mohd. Zaleel - Complainant(s)

Versus

Aryawart Gramin Bank & Others - Opp.Party(s)

Prem Pal Singh

14 Feb 2023

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि       12.10.2017
अंतिम सुनवाई की तिथि            01.02.2023
निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि  14.02.2023
परिवाद संख्याः 116/2017
मोहम्मद जलील आयु करीब 68 वर्ष पुत्र असगर अली निवासी ग्राम अहमदपुर पोस्ट-अहमदपुर थाना जैदपुर-बाराबंकी।
द्वारा-श्री प्रेम बख्श सिंह, अधिवक्ता
 
बनाम
1. आर्यावर्त ग्रामीण बैंक शाखा अहमदपुर (नेवछना) बाराबंकी जरिये प्रबन्धक उक्त ग्रामीण बैंक परगना सूर्यपुर तहसील रामसनेहीघाट जिला-बाराबंकी।
2. श्रीमान क्षेत्रीय प्रबंधक महोदय, क्षेत्रीय कार्यालय बाराबंकी द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधक उक्त बैंक, बाराबंकी।
3. उप प्रबंधक महोदय आर्यावर्त ग्रामीण बैंक प्रधान कार्यालय विजय खण्ड गोमतीनगर, लखनऊ।
 द्वारा-श्री टी0 यू0 चैधरी, अधिवक्ता 
समक्षः-
माननीय श्री संजय खरे, अध्यक्ष
माननीय श्रीमती मीना सिंह, सदस्य
माननीय डाॅ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य
उपस्थितः परिवादिनी की ओर से -कोई नहीं
               विपक्षीगण की ओर से-श्री टी0 यू0 चैधरी, अधिवक्ता
द्वारा-श्री संजय खरे, अध्यक्ष
निर्णय
          परिवादी ने यह परिवाद, विपक्षीगण के विरूद्व धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 प्रस्तुत कर रू0 25,000/- नियमानुसार ब्याज सहित, मानसिक आघात हेतु रू0 20,000/- व मुकदमा खर्चा दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
         परिवादी ने परिवाद में मुख्य रूप से अभिकथन किया है कि उसका विपक्षी संख्या-01 के बैंक में बचत खाता संख्या-12895 है जिसका संचालन बराबर दिनांक 24/04/2017 से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत आवास निर्माण हेतु मु0 70,000/-परिवादी के खातें में भेजा गया। परिवादी ने आवास योजना से प्राप्त धनराशि को आवश्यकतानुसार दिनांक 09/08/2017 को मु0 10,000/-, दिनांक 24/08/2017 को मु0 20,000/-, दिनांक 05/09/2017 को मु0 15,000/-, मु0 15,000/-निकाला जिसका उपभोग आवास निर्माण में खर्च कर लिया। दिनांक 05/09/2017 के बाद परिवादी द्वारा कोई धनराशि नहीं निकाली गई। दिनांक 05/09/2017 को मु0 15,000/-निकालने के बाद परिवादी के खातें में मु0 25,173/-शेष होना चाहिये। परिवादी ने दिनांक 16/09/2017 को मु0 15,000/-विपक्षी संख्या-01 के बैंक से नहीं निकाला। परिवादी को पता चला कि उसके पासबुक से दिनांक 12/09/2017 को मु0 10,000/-निकाला गया। परिवादी का कथन है कि विपक्षी संख्या-01 ने साज करके परिवादी के खातें से जाल व धोखा करते हुये मु0 10,000/-दिनांक 12/09/2017 को निकाल लिया। जब परिवादी ने विपक्षी संख्या-01 बैंक से सम्पर्क किया तो विपक्षी संख्या-01 ने परिवादी से कहा कि मु0 1500/-खाते के मुआइना करने की सरकारी फीस जमा करें। परिवादी बैंक के बाराबर चक्कर लगाता रहा लेकिन इस संबंध में विपक्षीगण ने कोई कार्यवाही नहीं की। परिवादी ने दिनांक 21/09/2017 को जिलाधिकारी व अन्य विपक्षी सं0-02 व 03 को रजिस्टर्ड नोटिस भेजा परन्तु विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। अतः परिवादी ने उक्त अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया है। परिवाद के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।
          परिवादी ने दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में बैंक पासबुक दो वर्क छायाप्रति दाखिल किया है। 
          विपक्षीगण द्वारा वादोत्तर दाखिल करते हुये परिवाद पत्र की धारा-1, 2 को स्वीकार किया है तथा धारा-4, 5, 6 से इंकार किया है। यह भी कहा गया है कि परिवादी द्वारा दिनांक 14/08/2017 को मु0 1,200/-, दिनांक 19/08/2017 को मु0 10,000/-, दिनांक 24/08/2017 को मु0 20,000/-, दिनांक 05/09/2017 को मु0 15,000/-निकाले उसके बाद दिनांक 12/09/2017 को मु0 10,000/-, दिनांक 16/09/2017 को मु0 15,000/-निकाला। परिवादी का यह कथन गलत है कि उसने दिनांक 05/09/2017 के बाद खाता से कोई धनराशि नहीं निकाली। प्रश्नगत खाता में आवास योजना के अन्तर्गत रू0 70,000/-दिनांक 16/08/2017 को निफ्ट के माध्यम से हस्तान्तरित हुये। परिवादी द्वारा समय-समय पर विदड्राल पर्ची के माध्यम से दिनांक 19/08/2017 को मु0 10,000/-, दिनांक 24/08/2017 को मु0 20,000/-, दिनांक 05/09/2017 को मु0 15,000/-, दिनांक 12/09/2017 को रू0 10,000/-व दिनांक 16/09/2017 को मु0 15,000/-निकाले गये। परिवादी द्वारा विदड्राल पर्ची से नकद रकम प्राप्त की गई है जिसकी इन्ट्री कम्प्यूटर में दर्ज है। 
          विपक्षीगण ने सूची दिनांक 08/09/2022 से स्टेटमेन्ट आफ एकाउन्ट तथा दो विदड्राल फार्म की रंगीन छाया प्रति दाखिल किया है। विपक्षीगण ने दिनांक 01/02/2023 को सूची से मो0 जलील के दो प्रार्थना पत्र की प्रतियां दाखिल की है। 
          अनेकों अवसर देने के पश्चात भी उभय पक्षों की ओर से कोई लिखित बहस नहीं दाखिल की गई। मौखिक बहस के स्तर पर कई अवसर देने के बाद भी परिवादी के अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुये। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी मौखिक बहस की।
          वर्तमान प्रकरण में परिवादी का परिवाद पत्र में कथन है कि उसने अपने बचत खाता संख्या-12895 में प्रधानमंत्री आवास योजना के जमा धनराशि में से उसकी पासबुक में दिनांक 12/09/2017 को रू0 10,000/-व दिनांक 16/09/2017 को रू0 15,000/-परिवादी द्वारा निकालना जो दर्शाये गये है, वह गलत है। परिवादी का कथन है कि इन दो तिथियों पर उसने कोई भी धनराशि बैंक में जाकर नहीं निकाली। परिवादी का यह भी कथन है कि विपक्षीगण ने साज करके उपरोक्त धनराशि निकाल ली। वर्तमान प्रकरण में विपक्षी संख्या-01 आर्यावर्त ग्रामीण बैंक शाखा अहमदपुर जरिये प्रबंधक, विपक्षी संख्या-02 क्षेत्रीय प्रबंधक, क्षेत्रीय कार्यालय आर्यावर्त ग्रामीण बैंक, विपक्षी संख्या-03 उप प्रबंधक आर्यावर्त ग्रामीण बैंक प्रधान कार्यालय को पक्षकार बनाया है। जबकि विपक्षी बैंक का कथन है कि परिवादी खातेदार ने बैंक में आकर स्वयं विदड्राल फार्म देकर उपरोक्त दोनों तिथियों पर उपरोक्त वर्णित दोनो धनराशियाॅ निकाली है। विपक्षी बैंक ने दोनो विदड्राल फार्म के अग्र व पृष्ठ भाग की रंगीन प्रति (जिस पर परिवादी का नाम व निशानी अगूॅठा अंकित है) साक्ष्य में सूची से दाखिल किया है। विपक्षी बैंक ने परिवादी के बचत खाता का कम्प्यूटराइज्ड सत्यापन स्टेटमेन्ट भी दाखिल किया है।
          यह परिवादी को सिद्व करना है कि उसने विपक्षी संख्या-01 बैंक में अपने बचत खाता संख्या-12895 में जमा धनराशि में से दिनांक 12/09/2017 को रू0 10,000/-तथा दिनांक 16/09/2017 को रू0 15,000/-नहीं निकाले। परिवादी को यह सिद्व करने के लिये सर्वश्रेष्ठ साक्ष्य परिवादी का नमूना अंगॅूठा निशानी तथा विदड्राल फार्म पर अंकित निशानी अंगूॅठा फिंगर प्रिन्ट विशेषज्ञ से मिलान/तुलना कराके तथा आख्या प्राप्त करके साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करना चाहिये था। परिवादी ने ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है। यह भी विशेष ध्यान देने योग्य तथ्य है कि विपक्षी बैंक ने दिनांक 08/09/2022 को सूची से परिवादी के बैंक खाते का सत्यापित कम्प्यूटराइज्ड स्टेटमेन्ट तथा दिनांक 12/09/2017 तथा दिनांक 16/09/2017 को निकाली गई धनराशि के प्रस्तुत विदड्राल फार्म की रंगीन छाया प्रति दाखिल की। परिवादी उसके बाद से लगातार प्रकरण में नियत तिथि पर अनुपस्थित रहा। अतः ऐसी स्थिति में दिनांक 12/09/2017 तथा 16/09/2017 को विपक्षी संख्या-01 बैंक में प्रस्तुत परिवादी के खातें से पैसा निकालने के संबंध में विदड्राल फार्म पर परिवादी का निशानी अंगूॅठा न होना सिद्व नहीं होता है।
          विपक्षी बैंक ने सूची दिनांकित 01/02/2023 से परिवादी द्वारा विपक्षी बैंक में दिनांक 25/09/2017 को दिये गये प्रार्थना पत्र की बैंक की मुहर लगी प्रति दाखिल की है जिसमे परिवादी ने यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि ‘‘सी. सी. टी. वी. कैमरा मेरे द्वारा देखने पर याद आया कि मैने रू0 10,000/-प्राप्त किया है। मैंने भ्रम वश शिकायत कर दी थी। सी.सी.टी.वी. कैमरा देखने के बाद पूर्णतया संतुष्ट हूॅ। पैसा प्राप्त करने की बात स्वीकार करता हूॅ..............मैं अपनी शिकायत वापस लेता हूॅ, क्षमा चाहता हूॅ, कष्ट के लिये खेद है।‘‘ परिवादी की ओर से इस पत्र का खंडन नहीं किया गया है जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि परिवादी स्वयं ने बैंक के समक्ष दिनांक 25/09/2017 के पत्र से दिनांक 12/09/2017 को रू0 10,000/-निकालना स्वीकार किया है।
          उपरोक्त से स्पष्ट है कि दिनांक 12/09/2017 को रू0 10,000/-तथा दिनांक 16/09/2017 को रू0 15,000/-की निकासी हेतु जो विदड्राल फार्म बैंक में दाखिल किया गया उस पर परिवादी के निशानी अंगूठा है और विपक्षी बैंक के अभिलेखीय साक्ष्य का कोई खंडनकारी साक्ष्य पत्रावली पर नहीं है।
          उपरोक्त विवेचन से यह निष्कर्ष निकलता है कि विपक्षीगण बैंक के विरूद्व परिवाद पत्र में अंकित दिनांक 12/09/2017 को रू0 10,000/-, दिनांक 16/09/2017 को रू0 15,000/-विपक्षी बैंक या परिवादी के अंतिरिक्त किसी अन्य के द्वारा निकाले जाने के तथ्य सिद्व करने में परिवादी असफल रहा है। विपक्षी बैंक द्वारा परिवादी को बैंक में बचत खाता संख्या-12895 के संबंध में सेवा प्रदाता के रूप में कोई सेवा में कमी किया जाना सिद्व नहीं होता है। 
          अतः परिवादी का वर्तमान परिवाद पत्र निरस्त किये जाने योग्य है। 
आदेश
परिवाद संख्या-116/2017 निरस्त किया जाता है। 
 
 
  (डाॅ0 एस0 के0 त्रिपाठी)       (मीना सिंह)         (संजय खरे)
          सदस्य                       सदस्य               अध्यक्ष
यह निर्णय आज दिनांक को  आयोग  के  अध्यक्ष  एंव  सदस्य द्वारा  खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
 
 
      (डाॅ0 एस0 के0 त्रिपाठी)        (मीना सिंह)          (संजय खरे)
             सदस्य                          सदस्य               अध्यक्ष
 
 
दिनांक 14.02.2023
 
 
 
 
 

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