Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/2815

A B E S Institute Of Technology - Complainant(s)

Versus

Arvind Singh Rawat - Opp.Party(s)

Prateek Saxena

09 Jan 2020

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/2815
( Date of Filing : 18 Dec 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. A B E S Institute Of Technology
Vijay Nagar Ghaziabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Arvind Singh Rawat
Collectrate Karamchari Sudari Akbarpur Ambedkar Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 09 Jan 2020
Final Order / Judgement

सुरक्षित

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम,  अम्‍बेडकर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या 136 सन 2009 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.11.2012  के विरूद्ध)

 

अपील संख्‍या  2815 सन 2012

ए0बी0ई0एस0 इन्‍स्‍टीटयूट आफ टेक्‍नालाजी, विजयनगर, गाजियाबाद, निदेशक ।

                                                  .......अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी

-बनाम-

 

1. अरविंद सिंह रावत पुत्र श्री हरदेव सिंह, निवासी ग्राम चरेरा पोस्‍ट पूरा बाजार जनपद फैजाबाद हाल पता कलेक्‍ट्रेट  कर्मचारी आवासीय कालोनी निवियहवा पोखरा, अफजलपुर सुडारी, अकबरपुर जिला अम्‍बेडकरनगर ।

2. उत्‍तर प्रदेश प्राविधिक विश्‍वविद्यालय इनस्‍टीटयूट आफ इंजीनियरिंग एण्‍ड टेक्‍टानोलाजी परिसर, सीतापुर रोड, लखनऊ द्वारा कुल सचिव ।

. .........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

 

समक्ष:-

मा0   श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन  सदस्‍य।

मा0    श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री प्रतीक सक्‍सेना।

प्रत्‍यर्थी   की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  कोई नहीं ।

 

दिनांक:-28-01-20

 

श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित

निर्णय

 

      प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम,  अम्‍बेडकर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या 136 सन 2009 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.11.2012  के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है ।

      संक्षेप में, प्रकरण के आवश्‍यक तथ्‍य इस प्रकार हैं परिवादी ने यू0पी0टी0यू0 प्रवेश परीक्षा उत्‍तीर्ण करके ए0बी0ई0एस0 इन्‍स्‍टीटयूट आफ टेक्‍नालाजी, विजयनगर, गाजियाबाद में दाखिला लिया और विभिन्‍न तिथियों में मु0 1,06,800.00 रू0 संस्‍थान में जमा करके अध्‍ययन करना प्रारम्‍भ किया। इन्‍स्‍टीटयूट द्वारा अभिभावक का आय प्रमाण पत्र विगत शिक्षण संस्‍थान की टी0सी0 की मांग करने पर परिवादी उसे लेने अपने घर चला गया और वापस आने पर उसके साथ उचित व्‍यवहार नहीं किया गया और उपस्थिति कम दर्शा कर उसे टेस्‍ट में बैठने नहीं दिया गया तथा परिवादी को संस्‍था से प्रवेश निरस्‍त कराने हेतु विवश करते हुए उसका प्रवेश निरस्‍त कर दिया गया । परिवादी के पिता द्वारा जमा शुल्‍क वापस किए जाने की मांग करने पर केवल 35000.00 रू0 वापस किए गए, जिससे क्षुब्‍ध होकर जिला मंच के समक्ष परिवाद योजित किया गया ।

      विपक्षी गण की ओर से जिला मंच के समक्ष पर्याप्‍त सूचना के बावजूद कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही वादोत्‍तर प्रस्‍तुत किया गया अत:   जिला मंच ने परिवादी  के साक्ष्‍य एवं अभिवचनों के आधार पर निम्‍न आदेश पारित किया :-

      '' परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्‍या 01 के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्‍या 01 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को रूपया 71,800.00 पर परिवाद प्रस्‍तुत होने की तिथि से ता अदायगी 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर से एक माह के अन्‍दर अदा करे तथा क्षतिपूर्ति के मद में 5000.00 रू0 व वाद व्‍यय के पद में 1000.00 रू0 भी अदा करे। परिवाद विपक्षी संख्‍या 02 के विरूद्ध निरस्‍त किया जाता है।  ''

      उक्‍त आदेश से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत अपील ए0बी0ई0एस0 इन्‍स्‍टीटयूट आफ टेक्‍नालाजी द्वारा योजित की गयी है।

अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला मंच का प्रश्‍नगत निर्णय विधिपूर्ण नहीं है तथा सम्‍पूर्ण तथ्‍यों को संज्ञान में लिए बिना प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया गया है। परिवादी के पिता हरदेव सिंह ने 36500.00 रू0 का चेक संख्‍या 519148 स्‍वेच्‍छा से पूर्ण एवं अंतिम मानते हुए स्‍वीकार किया गया था । परिवादी का परिवाद क्षेत्राधिकार से बाहर है। अपीलार्थी का कथन है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने मिथ्‍या आरोप लगाकर जिला मंच में परिवाद दाखिल किया था। परिवादी को कभी भी जाति सूचक शब्‍दों से सम्‍बोधित नहीं किया गया। परिवादी की कम उपस्थिति के संबंध में दिनांक 07.12.2007 को सूचित कर दिया गया था।  

      हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क विस्‍तारपूर्वक सुने एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों का सम्‍यक अवलोकन किया। बहस हेतु प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ ।

      पत्रावली का अवलोकन करने से स्‍पष्‍ट होता है कि परिवादी ने यू0पी0टी0यू0 प्रवेश परीक्षा उत्‍तीर्ण करके ए0बी0ई0एस0 इन्‍स्‍टीटयूट आफ टेक्‍नालाजी, विजयनगर, गाजियाबाद में दाखिला लिया और विभिन्‍न तिथियों में मु0 1,06,800.00 रू0 संस्‍थान में जमा किए।  इन्‍स्‍टीटयूट में उसके साथ उचित व्‍यवहार नहीं किया गया और उपस्थिति कम दर्शा कर उसे टेस्‍ट में बैठने नहीं दिया गया तथा परिवादी को संस्‍था से प्रवेश निरस्‍त कराने हेतु विवश करते हुए उसका प्रवेश निरस्‍त कर दिया गया । परिवादी के पिता द्वारा जमा शुल्‍क वापस किए जाने की मांग करने पर केवल 35000.00 रू0 वापस किए गए ।

      अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह तर्क लिया है कि अद्यतन विधिक दृष्‍टांतों के अनुसार शिक्षा विवाद के मामले सुनने का कोई क्षेत्राधिकार उपभोक्‍ता फोरम को नहीं रह गया है।

उन्‍होंने अपने मत के समर्थन में III (2014) CPJ 120 (NC) रीजनल इन्‍स्‍टीटयूट आफ कोआपरेटिव मैनेजमेंट बनाम नवीन कुमार चौधरी को उद्धरित किया है जिसमें मा0 राष्‍ट्रीय आयोग ने यह कहा है कि शिक्षण संस्‍थान किसी भी प्रकार की सेवा प्रदान नहीं करते हैं और न ही विद्यार्थी उपभोक्‍ता की परिभाषा में आते हैं। उक्‍त के अतिरिक्‍त अधिवक्‍ता अपीलकर्ता द्वारा म‍हर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी बनाम सुरजीत III 210 CPJ 90 (SC)  का उद्धरण प्रस्‍तुत किया जिसमें माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा यह निर्धारित किया गया है कि शिक्षा परिषद परीक्षा का संचालन अंकपत्र का वितरण आदि अपने विधिक दायित्‍व की पूर्ति में सम्‍पादित करता है। शिक्षा बोर्ड द्वारा विद्यार्थी को सेवा प्रदान नहीं की जाती है।

      उपर्युक्‍त सम्‍मानित विधि व्‍यवस्‍था के प्रकाश में हम यह पाते हैं कि जिला फोरम को फीस वापसी के मामले से संबंधित परिवाद अवधारित करने का कोई क्षेत्राधिकार नही था । चूंकि उपभोक्‍ता फोरम को इस प्रकरण की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं रह गया है, अत: जिला मंच का प्रश्‍नगत निर्णय निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

                                               

आदेश

 

      प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम,  अम्‍बेडकर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या 136 सन 2009 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.11.2012  अपास्‍त किया जाता है।

   उभय पक्ष इस अपील का अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगें।

 

 

 

(उदय शंकर अवस्‍थी)                         (गोवर्धन यादव)

  पीठासीन सदस्‍य                                                             सदस्‍य

    कोर्ट-2

 (S.K.Srivastav,PA)

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER
 

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