राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(सुरक्षित)
अपील संख्या:-2377/2012
(जिला मंच, श्रावस्ती द्धारा परिवाद सं0-37/2007 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 14.9.2012 के विरूद्ध)
1- Nokia Care Center/B.N. Enterprises, Near Railway Crossing, Dargah Road, Bahraich.
2- Navneet Agarwal, Proprietor, Nokia Center/B.N. Enterprises, Near Railway Crossing, Dargah Road, Bahraich.
........... Appellants/Opp. Parties
Versus
Arvind Kumar Gupta, S/o Sri Devi Prasad Gupta, R/o Mohalla Nai Bazar, Kasba, Post, Pargana and Tehsil Bhinga, District Shrawasti.
……..…. Respondent/ Complainant
समक्ष :-
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य
मा0 गोवर्धन यादव, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री अंजनी नाथ खरे
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :-18-6-2018
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील परिवाद संख्या-37/2007 में जिला मंच, श्रावस्ती द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 14.9.2012 के विरूद्ध योजित की गई है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी के कथनानुसार प्रत्यर्थी/परिवादी ने दिनांक 18.11.2005 को एक मोबाइल नोकिया सेट मॉडल नं0-7610 रू0 14,500.00 में खरीदा था। उक्त मोबाइल में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण उसे ठीक कराने हेतु दिनांक 02.8.2007 को अपीलार्थी को दिया गया। अपीलार्थी के मकैनिक ने
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उसे ठीक कराने का खर्च 1200.00 रू0 बताया। प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थीगण के विश्वास में आकर मोबाइल सेट ठीक कराने हेतु दे दिया। अपीलार्थीगण द्वारा 20 दिन बाद मोबाइल सेट देने के लिए बुलाया गया और जब प्रत्यर्थी/परिवादी 20 दिन बाद मोबाइल सेट लेने गया, तो अपीलार्थीगण के अनुसार सेट बन गया था, किन्तु मोबाइल ऑन करने पर ऑन नहीं हो रहा था, इसलिए अपीलार्थीगण द्वारा फिर एक सप्ताह बाद बुलाया गया। उसके पश्चात प्रत्यर्थी/परिवादी कई बार अपीलार्थीगण की दुकान पर गया, किन्तु अपीलार्थीगण द्वारा न तो मोबाइल सेट बनाकर दिया गया और न ही सेट वापस किया गया। अत: परिवाद जिला मंच के समक्ष इस अनुतोष के साथ योजित किया गया कि प्रत्यर्थी/परिवादी से मोबाइल सेट की मरम्मत के 1200.00 रू0 लेकर प्रत्यर्थी/परिवादी का मोबाइल वापस करने हेतु अपीलार्थीगण को निर्देशित किया जाए अथवा मोबाइल सेट की पूरी कीमत 14,500.00 रू0 अपीलार्थीगण से दिलायी जाए एवं मानसिक तथा शारीरिक क्षतिपूर्ति के रूप में 30,000.00 रू0 और 2500.00 रू0 वाद व्यय के रूप में भी दिलाया जाए।
अपीलार्थीगण के कथनानुसार प्रश्नगत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच, श्रीवस्ती को प्राप्त नहीं है। अपीलार्थी के कथनानुसार प्रत्यर्थी/परिवादी प्रश्नगत मोबाइल सेट को लेकर दिनांक 02.8.2007 को अपीलार्थी के प्रतिष्ठान पर आया था और मोबाइल सेट में त्रुटि होना बताया गया था, जिसे ठीक किए जाने के लिए प्रश्नगत मोबाइल सेट अपीलार्थी के प्रतिष्ठान पर छोड़ गया था और एक सप्ताह बाद प्रत्यर्थी/परिवादी को मोबाइल ठीक करने में आने वाले खर्च का भुगतान करके मोबाइल सेट प्राप्त करने हेतु बुलाया गया था, किन्तु परिवादी 15 दिन बाद आया। प्रत्यर्थी/परिवादी के मोबाइल सेट के दोष को दोष रहित करने में आये व्यय 1200.00 रू0 बताया गया और इस धनराशि का भुगतान करके मोबाइल सेट लेने को कहा गया, किन्तु इस
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पर परिवादी नाराज हो गया और धमकी देकर बिना मोबाइल सेट लिए चला गया। अपीलार्थी ने परिवादी से सम्पर्क करने का प्रयास किया, किन्तु पता उपलब्ध न होने के कारण सम्पर्क नहीं हो सका। अपीलार्थी ने प्रत्यर्थी/परिवादी को प्रश्नगत मोबाइल सेट प्राप्त कराने हेतु अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिला मंच के समक्ष कहा गया, किन्तु प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा मोबाइल सेट प्राप्त नहीं किया गया।
विद्वान जिला मंच ने प्रश्नगत मोबाइल सेट दो वर्ष पुराना हो जाने के कारण जिसके मूल्य में 4,350.00 रू0 की कटौती करते हुए तथा 1200.00 रू0 मजदूरी का काटते हुए प्रत्यर्थी/परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया तथा अपीलार्थीगण को निर्देशित किया कि प्रत्यर्थी/परिवादी के प्रश्नगत मोबाइल का निर्धारित मूल्य 8,950.00 रू0 अदा करें, इसके अतिरिक्त शारीरिक, मासिक एवं आर्थिक कष्ट की क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000.00 एवं वाद व्यय के रूप में 2,500.00 रू0 निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर अदा करें। निर्धारित अवधि में भुगतान न किए जाने पर प्रत्यर्थी/परिवादी इस धनराशि पर 08 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी होगा।
इस निर्णय से क्षुब्ध होकर अपील योजित की गई है।
हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अंजनी नाथ खरे के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्यर्थी/परिवादी पर नोटिस की तामील आदेश दिनांक 25.7.2017 द्वारा पर्याप्त मानी गई है। प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से तर्क प्रस्तुत करने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ।
अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच, श्रावस्ती को प्राप्त नहीं था। इस सम्बन्ध में अपीलार्थीगण द्वारा जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किए गये प्रतिवाद पत्र में स्पष्ट रूप से आपत्ति प्रस्तुत की गई, किन्तु विद्वान जिला मंच द्वारा इस बिन्दु का उचित
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निस्तारण न करते हुए प्रश्नगत निर्णय पारित किया गया है। अपीलार्थीगण की ओर से इस संदर्भ में यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि अपीलार्थीगण की कोई शाखा जनपद श्रावस्ती में स्थित नहीं है। अपीलार्थीगण भी जनपद श्रावस्ती में नहीं रहते हैं। अपीलार्थीगण के सेंटर से कोई मकैनिक किसी काल पर कही नहीं जाता है और न ही जाकर किसी त्रुटि का निरीक्षण करता है और न ही कोई त्रुटि पूर्ण सेट लेकर सेंटर पर आता है।
अपीलार्थी ने प्रश्नगत परिवाद की फोटा प्रति दाखिल की है, जिसमें परिवादी द्वारा यह अभिकथित किया गया है कि परिवादी के प्रश्नगत मोबाइल सेट में कुछ तकनीकी कमी आ गई, जिसे सही करवाने के लिए परिवादी ने फोन किया, तब अपीलार्थीगण का मकैनिक आया। दिनांक 02.8.2007 को परिवादी के मोबाइल सेट में दो कमियॉ बताई, 1- कीपैड आई0सी0, 2-रैम में खराबी बतायी, जिसका खर्चा अपीलार्थीगण के मकैनिक ने 1200.00 रू0 बताया।
उल्लेखनीय है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद के अभिकथनों में यह स्पष्ट नहीं किया है कि अपीलार्थीगण का कथित रूप से कौन सा मकैनिक परिवादी द्वारा फोन करने पर उसके पास आया, जबकि अपीलार्थीगण का यह स्पष्ट कथन है कि परिवादी स्वयं उसके सर्विस सेंटर स्थित जिला बहराइच में उपस्थित हुआ और त्रुटि पूर्ण मोबाइल की मरम्मत के संदर्भ में तैयार किए गये जॉब शीट पर उसने अपने हस्ताक्षर किए। इस प्रकार तैयार की गई जॉब शीट की फोटा प्रति जिला मंच के समक्ष अपीलार्थीगण द्वारा दाखिल की गई। प्रत्यर्थी/परिवादी का यह कथन नहीं है कि अपीलार्थीगण द्वारा तैयार कथित जॉब शीट पर उसने हस्ताक्षर नहीं किए। प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थीगण के प्रतिवाद पत्र के इस अभिकथन कि, परिवादी स्वयं अपीलार्थीगण के सर्विस सेंटर पर दिनांक 02.8.2007 को उपस्थित हुआ था तथा प्रश्नगत मोबाइल की मरम्मत के संदर्भ में जॉब शीट
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तैयार की गई और उस पर उसने हस्ताक्षर किए थे, के विरूद्ध उसने कोई प्रत्युत्तर जिला मंच के समक्ष प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया। ऐसी परिस्थिति में प्रत्यर्थी/परिवादी का यह कथन, "किसी साक्ष्य के अभाव में" स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है कि प्रश्नगत मोबाइल सेट की मरम्मत हेतु परिवादी द्वारा फोन किए जाने पर अपीलार्थीगण का कोई मकैनिक बहराइच से परिवादी के पास जनपद श्रावस्ती में आया था, बल्कि अपीलार्थीगण द्वारा प्रस्तुत की गई साक्ष्य के आधार पर यह स्वीकार किए जाने योग्य है कि वस्तुत: प्रत्यर्थी/परिवादी स्वयं अपीलार्थीगण के सर्विस सेंटर स्थित बहराइच में प्रश्नगत मोबाइल सेट की मरम्मत हेतु गया था। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-11 में परिवाद योजित किए जाने के संदर्भ में निम्नलिखित प्रावधान दिए गये है:-
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-11 (2) परिवाद किसी ऐसे जिला पीठ में संस्थित किया जाएगा जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर-
- विरोधी पक्षकार या जहॉ एक से अधिक विरोधी पक्षकार हों, वहॉ उनमें से प्रत्येक परिवाद के संस्थित किए जाने के समय वस्तुत: और स्वेच्छापूर्वक निवास करता है (या कारबार चलाता है या शाखा कार्यालय है) या व्यक्तिगत रूप से अभिलाभ के लिए कार्यकरता है, या
- जहॉ एक से अधिक विरोधी पक्षकार हैं वहॉ वाद विरोधी पक्षकारों में से कोई भी विरोधी पक्षकार परिवाद के संस्थित किए जाने के समय वास्तव में और स्वेच्छा से निवास करता है या (कारबार करता है अथवा शाखा कार्यालय में है) या अभिलाभ के लिए स्वयं काम करता है, परन्तु यह तब जबकि ऐसी अवस्था में या तो जिला पीठ की इजाजत दे दी गई है या जो विरोधी पक्षकार पूर्वोक्त रूप में निवास नहीं
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- करते या (कारबार नहीं करते या अभिलाभ के लिए स्वयं काम नहीं करते,) वे ऐसे संस्थित किए जाने के लिए उपमत हो गये हैं; अथवा
- वाद-हेतुक पूर्णत: या भागत: पैदा होता है।
अपीलार्थीगण का यह अभिकथन है कि उनकी सर्विस सेंटर की कोई शाखा जनपद श्रावस्ती में नहीं है और न ही अपीलार्थीगण जनपद श्रावस्ती के निवासी हैं और कोई वाद कारण जनपद श्रावस्ती में उत्पन्न होना प्रतीत नहीं हो रहा है। ऐसी परिस्थिति में अपीलार्थीगण का यह तर्क स्वीकार किए जाने योग्य है कि प्रश्नगत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच श्रावस्ती को प्राप्त नहीं था। हमारे विचार से क्षेत्राधिकार के अभाव में प्रश्नगत निर्णय पारित होने के कारण आपस्त किए जाने योग्य है। अपील तद्नुसार स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। परिवाद संख्या-37/2007 में जिला मंच, श्रावस्ती द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांकित 14.9.2012 को अपास्त किया जाता है। परिवाद निरस्त किया जाता है। प्रत्यर्थी/परिवादी सक्षम जिला मंच के समक्ष परिवाद योजित करने के लिए स्वतंत्र होगा।
उभय पक्ष अपीलीय व्यय भार स्वयं वहन करेंगे।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट सं0-5