Uttar Pradesh

StateCommission

A/2000/273

Videocon - Complainant(s)

Versus

Arvind Kumar Diwan - Opp.Party(s)

V N Tandan

01 Mar 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2000/273
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Videocon
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Arvind Kumar Diwan
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
  Mr. Mohd. Rais Siddaqui REGISTRAR
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

         मौखिक

अपील सं0-273/2000

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या-१३३/१९९६ में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-२८/१२/१९९९ के विरूद्ध)

M/s Videocon VCR Ltd. Auto Cars Compound Adalat Road Aurangabad. (MAHARASTRA).                       

                                       .............Appeallant.                                      

Versus

Arvind Kumar Diwan 120/324 Lajpat Nagar Kanpur & Other.        

                                     ..............Respondents.

समक्ष:-

  1. माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठा0सदस्‍य
  2. माननीय श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य ।

अपीलकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टण्‍डन विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।

दिनांक:१०/०५/२०१६ 

माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा,पीठा0 सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

     जिला उपभोक्‍ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या-१३३/१९९६ अरविन्‍द कुमार बनाम मै0 विडियोकॉन वी0सी0आर0 लि0 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-२८/१२/१९९९ के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है जिसमें विवादित आदेश निम्‍न प्रकार है-

‘’ फोरम आदेश करता है कि विपक्षी आदेश प्राप्‍त होने के ३० दिन के अंदर विपक्षी सं0-1 मूल धनराशि १०००/-रू0 मय १२ प्रतिशत ब्‍याज दिनांक १२/०१/१९९० से जोड़कर परिवादी को अदायगी की तिथि तक का अदा करना सुनिश्चित करे। विपक्षी संपूर्ण धनराशि का बैंक ड्राफ्ट परिवादी के नाम बनवाकर फोरम में जमा करे जहां से परिवादी उसे प्राप्त कर सकेगा। ‘’ 

इस आदेश से क्षुब्‍ध होकर यह अपील अपीलकर्ता द्वारा योजित की गयी है।

अपीलकर्ता की ओर से श्री अरूण टण्‍डन उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया।

     कथन संक्षेप में इस प्रकार हैं कि उसने १०/-मूल्‍य के १०० शेयर के लिये प्रार्थना पत्र के साथ मु0 १०००/-रू0 यूको बैंक लाजपत नगर दिनांक १२/०१/१९९० को विपक्षी सं0-2 ग्रिण्डलेज बैंक जो विपक्षी सं0-1 का एजेण्‍ट है, के माध्‍यम से विपक्षी को भेजी। नियत समय पर आवंटित अंशपत्र न मिलने व रिफण्‍ड आर्डर न

 

-२-

 प्राप्‍त होने के कारण परिवादी ने विपक्षी से लिखा-पढ़ी की, परन्‍तु विपक्षी ने कोई उत्‍तर नहीं दिया। काफी प्रतीक्षा करने के बाद परिवादी ने दिनांक ०३/०२/१९९५ को रजिस्‍ट्री से विपक्षी को विधिक नोटिस रिफण्‍ड आर्डर के संबंध में भेजा जिसके उत्‍तर में विपक्षी ने दिनांक ०५/०६/१९९५ को परिवादी को लिखा ‘’ दि विल रिप्‍लाई इन डयू कोर्स आफ टाईम ’’ इस उत्‍तर के बाद भी परिवादी ने प्रतीक्षा की परन्‍तु पर्याप्‍त समय बीतने के बाद भी रिफण्‍ड आर्डर प्राप्‍त नहीं हुआ न ही कोई संतोषजनक उत्‍तर मिला। अत: परिवादी ने यह परिवाद योजित किया।

     विपक्षी ने उत्‍तर पत्र में लिखा कि परिवादी ने कनवर्टेबिल डिवेन्‍चर के लिये आवेदन किया था जो ‘’ माल ‘’ की परिभाषा में है न आने के कारण ‘’ सेल आफ गुड्स ‘’ में नहीं आता है। अत: परिवादी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता तथा उपभोक्‍ता संरक्षण के अन्‍तर्गत क्षतिपूर्ति पाने का भी अधिकारी नहीं है। साथ ही विपक्षी ने फोरम के कार्यक्षेत्र पर भी आपत्ति जताई है।

     पीठ इस निष्‍कर्ष पर पहुंचती है कि परिवादी मूल धनराशि मय ब्‍याज के पाने का अधिकारी है। इस संदर्भ में जिला मंच के निष्‍कर्ष में किसी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं है।

जिला मंच ने जमा धनराशि पर १२ प्रतिशत ब्‍याज दिलाया है, जो अधिक है। मुकदमें की सम्‍पूर्ण परिस्थितियों पर विचार करते हुए पीठ इस निष्‍कर्ष पर पहुंचती है कि जिला मंच द्वारा जो १२ प्रतिशत ब्‍याज दिलाया गया है उसके स्‍थान पर ०४ प्रतिशत ब्‍याज दिलाया जाना उचित होगा। तदनुसार अपील अंशत: स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है। 

आदेश

     अपील अंशत: स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या-१३३/१९९६ अरविन्‍द कुमार बनाम मै0 विडियोकॉन वी0सी0आर0 लि0 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-२८/१२/१९९९ में १२ प्रतिशत ब्‍याज के स्‍थान पर ०४ प्रतिशत ब्‍याज संशोधित किया जाता है । जिला मंच के शेष आदेश की पुष्टि की जाती है। 

 

 

(जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)                        ( महेश चन्‍द )

   पीठा0सदस्‍य                                      सदस्‍य

सत्‍येन्‍द्र, आशु0 कोर्ट नं0-4

 

 

 
 
[ Mr. Mohd. Rais Siddaqui]
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