Uttar Pradesh

StateCommission

A/1117/2015

Sri Ram Transport Finance - Complainant(s)

Versus

Arun Kumar Singh - Opp.Party(s)

Manu dixit

09 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1117/2015
( Date of Filing : 05 Jun 2015 )
(Arisen out of Order Dated 23/01/2015 in Case No. 92/2014 of District Auraiya)
 
1. Sri Ram Transport Finance
Auraiya
...........Appellant(s)
Versus
1. Arun Kumar Singh
Auraiya
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 09 Sep 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1117/2015

श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेन्‍स कम्‍पनी लिमिटेड।

                             अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्  

अरूण कुमार सिंह।

                      प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सद्‍य

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित       : श्री मनु दीक्षित, विद्वान

                                                       अधिवक्‍ता के सहयोगी

                                                         अधिवक्‍ता श्री प्रमेन्‍द्र वर्मा।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित         : कोई नहीं।

दिनांक:  09.09.2022 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.                    परिवाद संख्‍या-92/2014, अरूण कुमार सिंह बनाम लाईक फाइनेन्‍स एण्‍ड ट्रेवलिंग सर्विसेज तथा चार अन्‍य में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, औरैया द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.01.2015 के विरूद्ध यह अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने तथ्‍य एवं विधि के विपरीत निर्णय पारित किया है। परिवादी पर अभी भी ऋण की राशि बकाया है, इसलिए परिवादी के पक्ष में एनओसी जारी नहीं की जा सकती। अपीलार्थी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई है, इसलिए मानसिक प्रताड़ना की मद में हर्जा अदा करने का आदेश अनुचित है।

2.          निर्णय/आदेश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि अपीलार्थी द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष परिवाद पत्र का कोई उत्‍तर प्रस्‍तुत नहीं  किया  गया। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि यथार्थ में

-2-

उन्‍हें कोई नोटिस प्राप्‍त नहीं हुई है, इसलिए वह विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्‍तुत नहीं कर सके। चूंकि पक्षकारों के मध्‍य परिवादी द्वारा लिए गए ऋण की सम्‍पूर्ण अदायगी होने का प्रश्‍न विवादित है, इसलिए दोनों पक्ष को सुनने के पश्‍चात ही यह प्रश्‍न सुनिश्‍चित किया जा सकता है कि क्‍या परिवादी द्वारा लिए गए समस्‍त ऋण की अदायगी की जा चुकी है और यदि इस प्रश्‍न का उत्‍तर सकारात्‍मक पाया जाता है, केवल तब ही एनओसी जारी करने तथा अन्‍य मद में क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया जा सकता है, परन्‍तु चूंकि अपीलार्थी विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष परिवादी द्वारा अदा किए गए ऋण की राशि के संबंध में तथा अपने क‍थनानुसार बकाया राशि होने के संबंध में कोई सबूत प्रस्‍तुत नहीं कर सके, इसलिए दोनों पक्षकारों को अपना-अपना पक्ष विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत करने के उद्देश्‍य से यह प्रकरण प्रतिप्रेषित किए जाने और अपील तदनुसार स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

3.             प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.01.2015 अपास्‍त करते हुए प्रकरण विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह अपीलार्थी को सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए 03 माह की अवधि के अन्‍दर गुणदोष के आधार पर निर्णीत करना सुनिश्चित करें। पक्षकार दिनांक 20.10.2022 को विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों। अपीलार्थी द्वारा इस दिन अपना समस्‍त लिखित कथन मय साक्ष्‍य शपथ पत्र समर्थन सहित प्रस्‍तुत किया जाए। अपीलार्थी को विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष लिखित कथन तथा साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करने के लिए कोई अतिरिक्‍त समय प्रदान नहीं किया जाएगा।

            उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगें।

            अपीलार्थी द्वारा अपील योजित करते समय अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज अपीलार्थी को 01 माह के अन्‍दर विधिनुसार वापस कर दी जाए।

-3-

      आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(विकास सक्‍सेना)                           (सुशील कुमार)

        सदस्‍य                                    सदस्‍य

 

 

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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