जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री महेन्द्र कुमार अग्रवाल - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 822/2013
कालूराम जी सैनी पुत्र श्री पाॅचूराम जी सैनी, निवासी झालानी फार्म हाउस के पास, माली की कोठी, आगरा रोड़, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
एपेक्स नोवा इलेक्ट्रोमेक प्रा0लि0 जरिए अधिकृत प्रतिनिधि, यू.एल 20, अम्बर टाॅवर, संसार चन्द्र रोड़, जयपुर Û
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री रामबाबू यादव - परिवादी
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 24.06.13
आदेश दिनांक: 19.01.2015
यह परिवाद कालूराम सैनी ने विपक्षी एपेक्स नोवा इलेक्ट्रोमेक प्रा0लि0 जरिए अधिकृत प्रतिनिधि के विरूद्ध धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत पेश किया है । परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने 19.10.2010 को विपक्षी से एक आर.ओ. सिस्टम 10,000/- रूपए में क्रय किया था । परिवादी का कथन है कि उक्त आर.ओ.सिस्टम खरीद के कुछ दिनों पश्चात ही खराब हो गया जिसके बारे में विपक्षी को बार-बार सूचना दी गई एवं शिकायत दर्ज करवाई परन्तु उक्त मशीन को ना तो बदला गया ना ही सुधारा गया । परिवादी का कथन है कि दिनांक 23.08.2011 को जरिए अधिवक्ता विधिक नोटिस भी विपक्षी को दिया परन्तु फिर भी मशीन को बदलकर नहीं दिया ना ही राशि का भुगतान किया गया । परिवादी का कथन है कि इस प्रकार विपक्षी द्वारा गम्भीर सेवादोष किया गया एवं अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस अपनाई गई है जिससे परिवादी को मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ा है। परिवाद ने आर.ओ. की राशि 10,000/- रूपए, क्षतिपूर्ति के लिए 50,000/- रूपए,आर्थिक हानि कारित हुई उसके लिए 21000/- रूपए, परिवाद व्यय व अधिवक्ता फीस के 11000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षी की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ना ही कोई उपस्थित आया है ।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, आर.ओ. खरीदने का बिल, अधिवक्ता द्वारा भेजे गए नोटिस की काॅपी पेश की है ।
परिवादी का यह तर्क है कि उसके द्वारा दिनांक 10.10.2010 को जो आर.ओ.क्रय किया गया था उसमें प्रारम्भ से ही तकनीकी खामियां थी जिसके सम्बन्ध मेें विपक्षी को बार-बार शिकायत की गई परन्तु उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया । दिनांक 23.08.2011 को अधिवक्ता द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद भी आर.ओ. मशीन बदलकर नहीं दी ना ही उसकी राशि लौटाई । दौराने बहस परिवादी ने यह बताया कि तीन साल की वांरटी इस आर.ओ. के लिए दी गई थी और वांरटी के अंदर आर.ओ. खराब हो जाने पर शिकायत की गई परन्तु शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया ना ही आर.ओ. ठीक करके दिया गया । चूंकि विपक्षी द्वारा बावजूद तामील नोटिस कोई जवाब पेश नहीं किया गया है इसलिए परिवादी के कथनों पर अविश्वास किए जाने का कोई आधार नहीं है और इस प्रकार विपक्षी द्वारा सेवादेाष कारित किया जाना प्रमाणित है ।
आदेश
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि परिवादी एक माह की अवधि में विपक्षी को आर.ओ. मशीन लौटाएगा और उसके तुरन्त बाद बिना किसी देरी के विपक्षी परिवादी को आर.ओ.मशीन की कीमत 10,000/- रूपए अक्षरे दस हजार रूपए लौटाएगा अन्यथा परिवादी इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा । इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप के लिए उसे 1,000/- रूपए अक्षरे एक हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेगा। परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 19.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (महेन्द्र कुमार अग्रवाल)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष