( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :565/2019
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, द्वारा एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, इलेक्ट्रीसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन, ।।।, सफई, इटावा।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
1-अनुरूद्ध कुमार पुत्र शौकीन सिंह यादव, निवासी ग्राम वैदपुर, हिन्दूपुर, पो0 खरगपुर सरैया, थाना ऊसराहार, जिला इटावा।
- , विद्युत सुरक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश शासन, विद्युत खण्ड-2, गोमती नगर, लखनऊ।
प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2
समक्ष :-
1-मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2-मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री वकार हासिम।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री उमेश कुमार शर्मा ।
दिनांक : 08-02-2023
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-22/2018 अनुरूद्ध कुमार बनाम दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 व एक अन्य में विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 15-03-2019 के विरूद्ध प्रस्तुत अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
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“अत: प्रस्तुत परिवाद यथा-विरचित, उपरोक्त विपक्षीगण के विरूद्ध ससंघर्ष, बिना वाद व्यय के आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है और तदनुसार विपक्षी संख्या-1 दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड तृतीय, सैफई, जिला इटावा को यह निर्देश दिया जाता है कि आज दिनांक से दो माह के अंदर परिवादी को उपरोक्त अग्निकाण्ड में परिवादी की मृत तीन दुधारू भैंस के लिए तीस हजार प्रति भैस के हिसाब से रू0 90,000/- एक भैंसा के लिए रू0 25,000/- दो पडिया के लिए प्रति पडिया सोलह हजार रूपये के हिसाब से रू0 32,000/- एक बकरी के लिए रू0 3,000/- और बकरी के दो बच्चे के लिए प्रति बच्चे पन्द्रह सौ के हिसाब से रू0 3,000/- दस कुन्तल भूषा के लिए रू0 5,000/- और पॉंच कुन्तल गेहूँ के लिए रू0 10,000/- और छप्पर छानी के लिए रू0 25,000/- कुल 1,93,000/-रू0 अदा करें और ऐसा न करने की स्थिति में, विपक्षी संख्या-1 के द्वारा उपरोक्त क्षतिपूर्ति की धनराशि रू0 1,93,000/- पर वाद योजन की दिनांक 18-01-2018 से भुगतान की दिनांक तक 08 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी अदा करना होगा।”
विद्धान जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी संख्या-1 की ओर से यह अपील प्रस्तुत की गयी है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी विपक्षी विद्युत विभाग का उपभोक्ता है और उसके नाम विद्युत का कनेक्शन संख्या-646813 है। परिवादी के विद्युत कनेक्शन पर शार्ट सर्किट के कारण दिनांक 24-11-2017 की रात्रि विद्युत चिंगारी से रात्रि 10 बजे, विपक्षी विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण परिवादी के ग्राम वैदपुर, हिन्दूपुर पो0
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खरगपुर सरैया, थाना ऊसराहार, जिला इटावा स्थित घर में आग लग गयी जिससे छप्पर में बंधे हुए दो दुघारू भैस, एक भैसा, एक पडिया, एक बकरी, दो बकरी के बच्चे, एक दुधारू भैंस, एक पडिया, लगभग 80 प्रतिशत जल जाने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गये। इसके अतिरिक्त बीस कुन्तल भूषा, दस कुन्तल गेहूँ और छप्पर व अन्य गृहस्थी का सामान भी जलकर राख हो गया और जिसमें कुल क्षति रू0 6,75,000/-रू0 की हुई। घटना की सूचना ऊसराहार थाने में दी गयी तथा जिसके आधार पर प्राथमिकी अंकित की गयी, तहसीलदार ताखा ने मौका मुआयना कर क्षति का आंकलन किया और रू0 3,35,500/-रू0 की अनुमानित क्षति आंकलित की, उक्त की प्रतिलिपि विपक्षी विद्युत विभाग को दे दी गयी, किन्तु परिवादी को आज दिनांक तक कोई मुआवजा नहीं मिला जो कि विपक्षी के स्तर से सेवा में कमी है अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।
जिला आयोग द्वारा विपक्षीगण को नोटिस भेजी गयी। विपक्षीगण विलम्ब से हाजिर हुए और अपना प्रतिवाद पत्र अलग-अलग प्रस्तुत किया। विपक्षी संख्या-1 द्वारा कथन किया गया कि विद्युत विभाग की जिम्मेदारी मीटर तक विद्युत आपूर्ति देने की है और उसके बाद यदि उपभोक्ता के घर के अंदर कोई शार्ट सर्किट होता है तो उसके लिए विद्युत विभाग जिम्मेदार नहीं है। परिवादी यह साबित नहीं कर सका है कि किस स्थान पर शार्ट सर्किट हुआ था। परिवाद पत्र के अभिकथन से यह प्रतीत होता है कि परिवादी के घर के अंदर आग लगी और छप्पर में बंधे हुए जानवर, भूषा और अनाज की क्षति हुई। शार्ट सर्किट घर के अंदर हुआ है इसके लिए विपक्षी विद्युत विभाग जिम्मेदार नहीं है। तहसीलदार ताख के द्वारा मौका मुआयना और
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क्षति का आंकलन किया जाना स्वीकार किया गया किन्तु उससे किसी प्रकार विपक्षी विद्युत विभाग की लापरवाही प्रकट नहीं होती है। जिला फोरम को यह परिवाद सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है परिवाद खारिज होने योग्य है।
विद्धान जिला आयोग द्वारा उभयपक्ष को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का भली-भॉंति अवलोकन करने के उपरान्त विपक्षी के स्तर से सेवा में कमी पाते हुए प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जिसका उल्लेख ऊपर किया जा चुका है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री वकार हासिम उपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री उमेश कुमार शर्मा उपस्थित।
अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के विरूद्ध है।
प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के अनुसार है।
हमने उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण किया।
पत्रावली के परिशीलनोंपरान्त हमारे विचार से विद्धान जिला आयोग द्वारा सभी बिन्दुओं पर विस्तृत रूप से विचार करने के पश्चात विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, किन्तु विद्धान जिला आयोग द्वारा जो क्षतिपूर्ति की धनराशि पर 08 प्रतिशत की दर से ब्याज की देयता निर्धारित की है उसे वाद के तथ्यों और परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए
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05 प्रतिशत किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। तदुनसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुए ब्याज का प्रतिशत 08 प्रतिशत के स्थान पर 05 प्रतिशत किया जाता है। निर्णय के शेष भाग की पुष्टि जाती है।
अपीलार्थी विद्युत विभाग को आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय से एक माह की अवधि में जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें।
अपील में उभयपक्ष अपना अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) ( विकास सक्सेना )
अध्यक्ष सदस्य
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1