Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/82/2008

DHARMENDRA - Complainant(s)

Versus

ANUP KESARWANI - Opp.Party(s)

AJAY KUMAR RAI

04 Apr 2019

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 82 सन् 2008

   प्रस्तुति दिनांक 08.04.2008

                                     निर्णय दिनांक 04.04.2019

धर्मेन्द्र उम्र तखo 30 साल पुत्र शिवनाथ निवासी हाल मोकाम जहानागंज बाजार तप्पा खानपुर, परगना- चिरैयाकोट, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।

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बनाम

  1. अनूप केशरवानी डायरेक्टर केशरवानी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड 53/20 नयागंज कानपुर उoप्रo पिन कोड संख्या 208004
  2. रमाशंकर एरिया मैनेजर आजमगढ़ क्षेत्र आजमगढ़ स्थाई पता केशरवानी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड 53/20 नयागंज कानुपर उoप्रo पिन कोड संख्या 208004
  3. अशोक ऑफिस मैनेजर केशरवानी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड 53/20 नया गंज कानपुर उoप्रo पिन कोड संख्या 208004
  4. स्वतन्त्र कुमार गौड़ एजेण्ट आजमगढ़ क्षेत्र आजमगढ़ स्ताई पता केशरवानी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड 53/20 नयागंज कानपुर उoप्रo पिन कोड संख्या 208004 ..........विपक्षीगण प्रथम पक्ष।
  5. अलगू पुत्र स्वo बाबूलाल प्रोपराइटर अनिल किराना स्टोर जहानागंज बाजार तप्पा खानपुर परगना चिरैयाकोट, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।

...........................................................विपक्षीगण द्वितीय पक्ष।

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

 

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अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि केशरवानी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड 53/20 नयागंज कानपुर एक रजिस्टर्ड व्यावसायिक संस्था है, जिसकी मुख्य ऑफिस कानपुर में है। यह कम्पनी भोला इण्डिस मसाला का निर्माण कर अपने एजेण्टों एवं                                                                                                                                                                                                                                                                                                       P.T.O.

2

स्टॉकिस्टों के माध्यम से व्यवसाय करती है। विपक्षीगण प्रथम पक्ष केशरवानी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड 53/20 नयागंज कानपुर के डायरेक्टर एवं कर्मचारियों के एजेन्ट हैं, जो कम्पनी के लिए कार्य करते हैं और विपक्षी द्वितीय पक्ष आजमगढ़ जनपद का मुख्य स्टॉकिस्ट है और जहानागंज में अपना व्यवसाय खोला है। कम्पनी अपने व्यवसाय को गति देने व प्रतिस्पर्धा में कायम रहने एवं ग्राँहकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से अपने थोक व्यवसाइयों, फुटकर व्यवसाइयों एवं ग्राँहकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार की स्कीमें अपनी पॉलिसी के तहत लागू करती है और अपनी शर्तों एवं स्कीमों के आधार पर उसका प्रदान भी करती रहती है। कम्पनी द्वारा ‘बन्धन उपहार योजना’ एवं ‘लकी ड्रॉ’ नाम से उपहार योजना का संचालन किया गया, जिसमें कई स्तर के इनाम जैसे- भोला कूपन ड्रॉ, भोला पिटारा कूपन ड्रॉ एवं लकी ड्रॉ के नाम से इनामों की घोषणा की गयी। जिसके शर्तों के तहत याची द्वारा व्यवसाय किया गया और अपने व्यवसाय के माध्यम से कुल 393 कूपन प्राप्त किया, जिसके तहत याची को लकी ड्रॉ के साथ-साथ शर्तिया इनाम भी प्राप्त करना था। कम्पनी अपनी योजना पूर्ण होने पर इनामों की घोषणा अपनी शर्तों के मुताबिक घोषित की गयी और लकी ड्रॉ द्वारा भी इनामों की घोषणा की गयी। याची की कम्पनी की शर्तों एवं लकी ड्रॉ के माध्यम से इनाम द्वितीय पुरस्कार जीतने में सफल रहा। लिहाजा कुछ इनाम प्राप्त करना था। जिसके बाबत विपक्षी संख्या 04 स्वतन्त्र कुमार गौड़ एजेन्ट कम्पनी ने विपक्षी द्वितीय पक्ष याची की फोटो भी अपने साथ ले गए और याची द्वारा जीते गए उपहारों की लिस्ट भी ली। याची बराबर विपक्षीगण से सम्पर्क करता रहा, लेकिन आज तक उसे उपहार नहीं मिले। विपक्षीगण प्रथम याची द्वारा उपहार योजना में जीते गए पुरस्कारों को अभी तक न देना उनके द्वारा किए गए करार का उल्लंघन एवं अनफेयर डोलिंग का हिस्सा है। अतः विपक्षीगम अपने द्वारा उद्घोषित उपहार योजना में याचिका के आखिर में दिए गए उपहारों की कीमत लगभग 1,00,000/- रुपया याची को प्रदान करे।                                                   P.T.O.

3

कूपन स्कीम पर जीते गए इनाम 393 कूपन पर झुमका एक अदद सोने का 06 ग्राम का, सूटकेश बड़ा एक अदद, एयर बैक एक अदद, कूपन ड्रॉ- पंखा फर्राटा एक अदद, दीवाल घड़ी एक अदद, कैमरा एक अदद, पिटारा कूपन- द्वितीय पुरस्कार- सोने का हार 50 ग्राम का, अधिक कूपन पर एक कलाई टाइटन घड़ी दिलाया जावे।

     परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 9/1 बन्धन योजना का छायाप्रति, कागज संख्या 9/2 केशरवानी मार्केटिंग लिमिटेड कानपुर द्वारा जारी लिस्ट का प्रतिलिपि प्रस्तुत किया है।

विपक्षी संख्या 05 ने जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है और विशेष कथन में यह कहा है कि कम्पनी द्वारा उपहार योजना एवं लकी ड्रॉ के नाम से योचना संचालित की गयी, जिसमें कई स्तर से इनामों की घोषणा की जानी थी। याची द्वारा कई स्तर के इनाम जीते गए, जिसकी लिखित सूचना विपक्षी संख्या 04 द्वारा दी गयी और इस सिलसिले में विपक्षी संख्या 04 द्वारा याची का फोटो आदि भी इनामों की अदायगी के लिए मांगे, लेकिन उसे कोई इनाम नहीं मिला। विपक्षीगण प्रथम पक्ष की नियत खराब चल रही है।

विपक्षी संख्या 01 ता 04 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र का पैरा 01 अस्वीकार किया है। पैरा 02 को अंशतः स्वीकार करते हुए यह कहा है कि उन्हें यह मालूम नहीं है कि याची द्वितीय पक्ष अनिल किराना स्टोर जहानागंज आजमगढ़ के माध्यम से फुटकर व्यापार करता है और न ही इससे कोई सरोकार है। क्योंकि विपक्षी संख्या 01 क्षेत्रों एवं जिलों में अपना थोक व्यापार हेतु स्टाकिस्ट, एजेन्ट नियुक्त किये हैं। धारा- 3 से इन्कार करते हुए यह कहा है कि कम्पनी की स्कीम वितरकों एवं सह वितरकों पर लागू नहीं थी। जैसा कि कम्पनी अपने विज्ञापन से भोला योजना नियम में                                              P.T.O.

4

ज्ञापित किया है तथा याची अपने आप को फुटकर विक्रेता बताया है। याचना पत्र के पैरा 04 को आंशिक रूप से स्वीकार कर यह कहा है कि उसने 393 कूपन प्राप्त किए थे और उसे नियमानुसार उपहार प्रदान किया गया। याचिका की धारा- 5 को अंशतः स्वीकार करते हुए यह कहा है कि याची का यह कहना है कि उसका द्वितीय पुरस्कार जीतना बिल्कुल गलत है तथा यह भी गलत है कि कम्पनी के अधिकृत एजेन्ट श्री स्वतंत्र कुमार गौड़ याची की फोटो ले गये तथा इनामों की लिस्ट दे गए। इनामों के बाबत कम्पनी तथा उसके प्रतिनिधि से सम्पर्क करता रहा क्योंकि याची का उक्त इनाम ही नहीं निकाला गया था। जवाबदावा में धारा 6,7,8 और 9 से इन्कार किया गया है। आगे उसने यह कहा है कि उक्त योजना के तहत तमाम मोटर साइकिलें एवं एक कार भी इनाम में निकली उसे दुकानदारों को दी गयी। यह कि कम्पनी के उक्त योजना में दो हार निकले जिसमें एक मीडियांव में महाजन तेली गोपालपुर जिला जौनपुर को दे दी गयी एवं एक अन्य हार स्टाकिस्ट को दी गयी। जिसे उन्होंने अपने फुटकर ग्रांहकों की वितरित किया। याची की कोई दुकान नहीं थी। फर्जी ढंग से हार हड़पने के लिए उसने दावा किया है। कम्पनी के विज्ञापन भोला योजना के नियम की धारा- 7 में स्पष्ट किया गया है कि उपहार योजना के अन्तर्गत किसी प्रकार के विवाद पर कम्पनी का निर्णय अन्तिम एवं मान्य होगा एवं किसी भी न्यायालय में वाद योग्य नहीं होगा। अतः याचना अस्वीकार की जाए।

विपक्षीगण प्रथम पक्ष की ओर से अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

यदि हम अनुतोष का अवलोकन करें तो परिवादी ने विपक्षीगण से अनुतोष चाहा है। इस परिवाद में कुल 05 विपक्षी हैं और अनुतोष देने के लिए एक ही विपक्षी को बाध्य किया जा सकता है। यहां इस बात का भी उल्लेख कर देना आवश्यक है कि परिवादी विपक्षी का                                                   P.T.O.

 

5

कन्ज्यूमर नहीं है, क्योंकि यह लॉटरी का मामला है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवादी कोई भी अनुतोष पाने के लिए अधिकृत नहीं है।  

आदेश

परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।  

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                     (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

                        दिनांक 04.04.2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                   (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

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