(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1317/2023
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0
बनाम
अनुज कुमार गौतम पुत्र सकटेलाल
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री संतोष कुमार मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 16.08.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-185/2022, अनुज कुमार गौतम बनाम अधिशासी अभियंता, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 में विद्वान जिला आयोग, हरदोई द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29.4.2023 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री संतोष कुमार मिश्रा को विलम्ब के बिन्दु पर सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29.4.2023 के विरूद्ध यह अपील दिनांक 7.8.2023 को प्रस्तुत की गई है। अत: प्रस्तुत अपील समयावधि से बाधित है।
3. देरी माफ करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जो पत्रावली पर मौजूद है। इस आवेदन के साथ संलग्न शपथपत्र में यह उल्लेख है कि परिवादी को नोटिस प्रेषित किया गया था कि वह अपीलार्थी द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले विकल्प को चुन ले, परन्तु यह उल्लेख देरी माफी का आधार नहीं हो सकता। निर्णय होने के पश्चात अपील समयावधि के अंतर्गत ही
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प्रस्तुत की जानी चाहिए और यदि अपील देरी से प्रस्तुत की जाती है तब उसका कारण स्पष्ट किया जाना चाहिए। मर्यादा अधिनियम की धारा 5 की व्याख्या के अनुसार देरी माफ करने लिए पर्याप्त कारण, वह कारण होता है, जो पक्षकारों के नियंत्रण के बाहर हो। प्रस्तुत केस में निर्णय के पश्चात परिवादी को नोटिस देना किसी भी दृष्टि से अपीलार्थी के नियंत्रण के बाहर नहीं कहा जा सकता, इसलिए देरी माफ करने का कोई आधार नहीं है। अत: देरी माफ करने के लिए प्रस्तुत किया गया आवेदन निरस्त किया जाता है तथा प्रस्तुत अपील भी निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1