(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1303/2009
कम्प्यूटर गैलरी गिरजा काम्पलेक्स बनाम अनसार हुसैन पुत्र श्री अनवार हुसैन
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक: 05.12.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0-116/2007, अनसार हुसैन बनाम मै0 कम्प्यूटर गैलरी में विद्वान जिला आयोग, शाहजहांपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 18.6.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री विकास अग्रवाल की सहायक अधिवक्ता सुश्री पलक सहाय गुप्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से सूचना के बावजूद कोई उपस्थित नहीं है, इसी अवसर पर स्पष्ट किया जाता है कि प्रत्यर्थी की ओर से पूर्व में अधिवक्ता सुश्री तारा गुप्ता उपस्थित होती थीं, परन्तु उनका अन्यथा चयन हो जाने के कारण इस पीठ के आदेश पर आयोग के निबंधक द्वारा प्रत्यर्थी को सूचित किया गया था, सूचना की प्रति पत्रावली पर मौजूद है, परन्तु सूचना के बावजूद प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ, इसलिए उन्हें सुना नहीं जा सका।
2. अपीलार्थी की ओर से यह बहस की गई है कि परिवादी को मोबाइल सेट अंकन 8,000/-रू0 में विक्रय किया गया, इस मोबाइल में त्रुटि होने पर केवल अपीलार्थी के विरूद्ध परिवाद दायर किया गया है, जबकि निर्माण संबंधी त्रुटि की स्थिति में मोबाइल निर्माता कंपनी को पक्षकार बनाया जाना आवश्यक था तथा मोबाइल की कीमत वापस लौटाने या मोबाइल परिवर्तित
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करने का आदेश मोबाइल निर्माता कंपनी के विरूद्ध ही पारित किया जाना चाहिए था। चूंकि अपीलार्थी द्वारा मोबाइल विक्रय करने पर एक मामूली सा कमीशन प्राप्त किया गया है। मोबाइल की पूर्ण कीमत अपीलार्थी द्वारा प्राप्त नहीं की गई है।
3. विद्वान जिला आयोग ने निष्कर्ष दिया है कि मोबाइल में निर्माण संबंधी त्रुटि थी। अत: निर्माण संबंधी त्रुटि होने पर मोबाइल निर्माता कंपनी को पक्षकार बनाया जाना आवश्यक था और निर्माता कंपनी के विरूद्ध ही मोबाइल की कीमत वापस लौटाने या मोबाइल परिवर्तित करने का आदेश देने का आदेश दिया जाना चाहिए था। अत: यह निर्णय/आदेश अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है। यद्यपि परिवादी को यह अधिकार रहेगा कि वह मोबाइल निर्माता कंपनी के विरूद्ध परिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2