जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 01/2022 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-01.01.2022
परिवाद के निर्णय की तारीख:-07.07.2023
1. Smt. Maya Gupta W/o Mr. Gyan Prakash Gupta address Bharat Bhandar, Station town hall road Ballia, 277001 presently reside at 48, Vaibhav Enclave, Flat No. 401, Lakhman Puri, Lucknow.
2. Mr. Gyan Prakash Gupta S/o Late Ram Naresh permanent address 22, ward No. 3, Herpur-1 Ballia, 277001 and presently resident at 48 Vaibhav Enclave, Flat No. 401, Lakhman Puri, Lucknow.
…………….Complainants.
Versus
1. M/s Ansal Propertes & Infrastructure Limited, registered address 115, Ansal Bhawan, 16, Kasturba Gandhi Marg, New Delhi-110001 through its chairman.
2. M/s Ansal Propertes & Infrastructure Limited, branch/local office at First Floor, Y.M.C.A. Campus, 13 Rana Pratap Marg, Lucknow-226001 Through Executive Director.
3. M/s Ansal Propertes & Infrastructure Limited, office situated at Sushant Golf City, Sultanpur Road, Shoping Square, Sector-D, Lucknow-225030 Through Director Maintenance.
………………. Opposite Parties.
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री आनन्द भार्गव।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-श्री आसिफ अनीस।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादिनी ने प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा 35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत विपक्षीगण से फ्लैट की जमा धनराशि 25,15,295.00 रूपये मय 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतान की तिथि तक, मानसिक, शारीरिक शोषण के लिये 5,00,000.00 रूपये, डैमेज के लिये 2,00,000.00 रूपये एवं वाद व्यय 20,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने विपक्षीगण से एक प्लाट संख्या जे/02/0239 प्लाट एरिया 402 स्क्वायर गज विर्निमित क्षेत्रफल 1887 स्क्वायर फिट द्वितीय तल पाम फ्लोर सुशांत गोल्फ सिटी में दिनॉंक 22.02.2011 को विपक्षीगण तथा मि0 पवन कुमार अग्रवाल से एग्रीमेंट करके बुक कराया था। एग्रीमेंट के अनुसार इस प्लाट की वैल्यू 33,66,000.00 रूपये थी। विपक्षीगण ने इसको दो वर्ष में तैयार कर देने की शर्त के साथ परिवादिनी को आवंटित किया था।
3. दिनॉंक 13.05.2013 को इस प्लाट के ऑनर श्री पवन कुमार अग्रवाल द्वारा उक्त प्रापर्टी को परिवादिनी को सभी अधिकार देते हुए स्थानान्तरित कर दिया तथा कन्फर्मेशन लेटर निर्गत कर दिया। परिवादिनी ने विपक्षीगणों की सहमति से 13,84,332.00 रूपये उक्त प्रापर्टी के बाबत विपक्षीगणों को दिया और प्रापर्टी परिवादिनी को एलाट कर दी गयी।
4. उसके बाद परिवादिनी ने एग्रीमेंट की सेवा शर्तों के अनुसार मौके पर जाकर देखा तो कोई भी निर्माण कार्य विपक्षीगणों द्वारा नहीं कराया जा रह था। यह देख कर परिवादिनी अवाक रह गयी कि तय अवधि बीत जाने के बाद भी विपक्षीगण द्वारा कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है। विपक्षीगणों ने पुन: परिवादिनी को आश्वस्त किया कि जल्दी ही कार्य पूरा किया जाएगा और आपको सूचित किया जाएगा। परिवादिनी विपक्षी संख्या 02 के पास कई बार गयी और अनुरोध किया कि जल्द निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाए, परन्तु कोई प्रगति नहीं हुई।
5. पॉंच वर्ष बाद विपक्षीगणों ने परिवादिनी से अनुरोध किया कि यदि कुछ धनराशि आप जमा कर दें तो निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जा सकता है।परिवादिनी ने उनके अनुरोध के आधार पर पुन: विपक्षीगण को धनराशि 7,00,000.00 रूपये दिनॉंक 02.07.2018 को तथा 4,30,964.00 रूपये दिनॉंक-03.07.2018 को जमा की गयी। दिनॉंक:-03.07.2018 तक परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण को कुल 25,15,296.00 रूपये अदा किए गए। परन्तु 08 वर्ष बीत जाने के बाद भी फ्लैट का निर्माण विपक्षीगण द्वारा नहीं कराया गया और न ही भविष्य में निर्माण की कोई आशा दिखायी दे रही है।
6. सितम्बर, 2021 को विपक्षी संख्या 02 ने फिर से परिवादिनी से संपर्क किया कि फ्लैट निर्माण का जो शेष पैसा बाकी है उसे जमा कर दें। परिवादिनी ने होम लोन लेने के लिये विपक्षीगण से कुछ दस्तावेजों की मॉंग की जिसे विपक्षीगण द्वारा मुहैया नहीं कराया गया, जिससे परिवादिनी को कुछ शंका हुई कि परिवादिनी के साथ कुछ गलत तो नहीं हो रहा है, क्योंकि 25,15,296.00 रूपये जमा होने के बावजूद आज तक फ्लैट निर्माण का कार्य आज तक पूरा नहीं हुआ। परिवादिनी पुन: विपक्षी संख्या 02 के पास गयी और उनसे अनुरोध किया कि आठ-नौ वर्षों में फ्लैट का निर्माण आप द्वारा नहीं कराया जा सका है, इसलिए उसके द्वारा जमा धनराशि मय 18 प्रतिशत ब्याज के साथ उसे लौटा दें। इससे स्पष्ट है कि विपक्षीगण द्वारा सेवा में अत्यन्त कमी की गयी है।
7. विपक्षीगण ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत करते हुए परिवादिनी द्वारा जमा की गयी धनराशि को स्वीकार किया गया है तथा उक्त धनराशि पर 08 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देने के संबंध में मा0 सर्वोच्च न्यायालय के केस बीकाराम चटर्जी व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया व अन्य रिट संख्या 940/2017 में 08 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दिये जाने के आदेश दिए गए हैं। अन्य अनुतोष न दिये जाने का भी अनुरोध किया गया है। अपने कथन की पुष्टि में साक्ष्य व अभिलेख प्रस्तुत किए गए हैं। परन्तु मा0 सर्वोच्च न्यायालय के उक्त आदेश की प्रति संलग्न नहीं की गयी है।
8. परिवादिनी द्वारा मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में एग्रीमेंट, पेमेंन्ट डिटेल्स, ई-मेल, आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल किया है। विपक्षीगण ने भी मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र तथा दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में पत्र, ग्रेडिंग सिस्टम का प्रपत्र आदि दाखिल किया है।
8. मैंने उभयपक्ष के विद्वान अधिक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
9. परिवादिनी का कथानक है कि परिवादिनी ने विपक्षीगण से एक प्लाट संख्या जे/02/0239 प्लाट एरिया 402 स्क्वायर विर्निमित क्षेत्रफल 1887 स्क्वायर फिट द्वितीय तल पाम फ्लोर सुशांत गोल्फ सिटी में दिनॉंक 22.02.2011 को विपक्षीगण तथा मि0 पवन कुमार अग्रवाल से एग्रीमेंट करके बुक कराया था। एग्रीमेंट के अनुसार इस प्लाट की वैल्यू 33,66,000.00 रूपये थी। विपक्षीगण ने इसको दो वर्ष में तैयार कर देने की शर्त के साथ परिवादिनी को आवंटित किया था। उक्त प्रापर्टी विपक्षी के माध्यम से प्रापर्टी आवेदक को हस्तांतरित कर दी गयी जिसमें कि अंसल प्लाजा के हस्ताक्षर हैं।
10. 13,84,332.00 रूपये पूर्व में पवन कुमार अग्रवाल द्वारा जमा किया गया था जो बाद में एग्रीमेंट होने पर परिवादिनी के हक में हुआ माना जायेगा, और आवेदक के द्वारा उसी फ्लैट के संबंध में बाद में 7,00,000.00 रूपये तथा 4,30,964.00 रूपये अदा किये गये हैं। इस प्रकार कुल 25,15,296.00 रूपये विपक्षी को दिये गये जिसको प्राप्त करने की वह अधिकारी है, और जिस-जिस तिथि से पैसा दिया गया है, उस तिथि से उस पर ब्याज भी देय होगा।
11. विपक्षी द्वारा यह कहा गया कि 08 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा, परन्तु परिवादिनी द्वारा 09 प्रतिशत दिलाये जाने पर बल दिया गया है। परिवादिनी ने 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दिये जाने के संबंध में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के आदेश परिवाद संख्या 724/2018 अमित गोयल बनाम अन्सल हाउसिंग एण्ड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड में दिनॉंक 22.02.2023 के आदेश में 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दिए जाने के आदेश पारित किये गये हैं जो निम्नवत है:-In the result, the complaints are partly allowed. The opposite party is directed to refund entire amount deposited by the complainants with interest @ 09% per annum from the date of respective deposit till the date of payment, within a period of two months from the date of this judgment.
12. विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को फ्लैट निर्मित कर तय समय में न देकर अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है, तथा सेवा में अत्यन्त कमी की गयी है। अत: परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। परिवादिनी द्वारा फ्लैट के लिये जमा की गयी कुल धनराशि मुबलिग 25,15,296.00 (पच्चीस लाख पन्द्रह हजार दो सौ छियानबे रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ जिस-जिस तिथि में धनराशि जमा की गयी हो तब से धनराशि वास्तविक रूप से अदा करने तक देय होगी। मानसिक व शारीरिक शोषण के लिये 50,000.00 (पचास हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्यय के लिये 15,000.00 (पन्द्रह हजार रूपया मात्र) भी अदा करेगें। निर्धारित अवधि में यदि आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-07.07.2023