जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
1. अनिल बिहारी लाल सक्सेना पुत्र श्री मुकुट बिहारी लाल सक्सेना
2. विपिन सक्सेना पुत्र स्व0श्री मुकुट बिहारी लाल सक्सेना,
निवासियान-17/19, परोपकारी औषधालय के पास, उसरी गेट के बहार, अजमेर ।
- प्रार्थीगण
बनाम
1ण् ।देंस च्तवचमतजपमे - प्दतिंेजतनबजनतम स्जकण् ज्ीतवनही पजे ळण्डण्;च्तवरमबजद्धब्पजलव्ििपबम.।रउमत.प्प्प् थ्सववत एप्दकपं ैुनंतम ठनपसकपदह एप्दकपं डवतवज ब्पतबसमए ज्ञनजबीमतल त्वंक ए ।रउमत ;त्ंरंेजींद द्ध
2ण् ।देंस च्तवचमतजपमे - प्दतिंेजतनबजनतम स्जकण् ज्ीतवनही पजे टण्च्ण्;च्तवरमबजद्ध त्महकण् व्ििपबम. 1115ए ।देंस ठींूंदए ज्ञंेजनतइं ळंदकीप डंतहए छमू क्मसीप. 110001
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 158/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री गोपाल सिंह गौड़, अधिवक्ता, प्रार्थीगण
2.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 23.08.2016
1. प्रार्थीगण द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि
उन्हांेने अप्रार्थीगण की ’’अभिलाषा घर ’’ सुषांत सिटी में यूनिट नं.ई-216 ग्राउण्ड फ्लोर हेतु दिनाकं 29.01.2009 को आवेदन किया और दिनंाक
13.1.2009 को बुकिंग राषि रू. 25,000/- जरिए चैक जमा कराए । उक्त आवास की लागत सभी कर सहित रू. 6,30,000/- थी और उक्त राषि जैसे जैसे यूनिट का निर्माण होता जाता तब तब किष्तों में अदा करने का करार हुआ । उक्त आवास का कब्जा दिनांक 29.1.2009- 29.11.2009 से 30 माह से 36 माह की अवधि में लाॅक एण्ड की के साथ सुपुर्द करना था । प्रार्थीगण ने उक्त आवास पेटे कुल राषि मय ब्याज के रू. 7,82,635/- दिनंाक 14.6.2013 तक कर दी । आवास पेटे सम्पूर्ण राषि अदा कर दिए जाने के बाद उन्हांेने अप्रार्थी संख्या 1 से उक्त आवास का कब्जा दिलाए जाने का व्यक्तिगत रूप से बार बार सम्पर्क किया । किन्तु जब आवास का कब्जा उन्हें नहीं सौंपा गया तो उन्होने अधिवक्ता के जरिए दिनंाक 3.2.2015 को नोटिस भी भिजवाया । अप्रार्थीगण ने उक्त नोटिस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई । प्रार्थीगण ने इसे अप्रार्थीगण की सेवाओं में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थीगण ने अपने अपने षपथपत्र पेष किए है ।
2. अप्रार्थीगण ने जवाब प्रस्तुत कर प्रार्थीगण द्वारा प्रष्नगत आवास के पेटे किष्तों में राषि जमा कराए जाने व आवास की राषि मय ब्याज अदा कर दिए जाने के तथ्य को स्वीकार किया है साथ ही यह भी स्वीकार किया कि प्रार्थीगण को 36 माह में यूनिट का पूर्ण रूप से कब्जा सुपुुर्द किया जाना था किन्तु प्रार्थीगण को समय समय पर कब्जा देने में हुए देरी के संबंध में अवगत करा दिया गया था । प्रार्थीगण का नोटिस प्राप्त होने पर व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर यूनिट का कब्जा देरी से दिए जाने के कारणों से अवगत करा दिए जाने पर प्रार्थीगण इससे सहमत भी हो गए थे । उत्तरदातागण आज भी प्रार्थीगण को प्रष्नगत यूनिट का कब्जा संविदा की षर्तांे के अनुसार देने को तैयार व तत्पर है । अन्त में परिवाद निरस्त करते हुए जवाब के समर्थन में श्री प्रवीण कुमार षर्मा, मैनेजर सेल्स एण्ड मार्केटिंग का षपथपत्र पेष किया है ।
3. प्रार्थीगण का तर्क रहा है कि उनके द्वारा अप्रार्थीगण की स्कीम में आवास हेतु बुकिंग राषि दिनांक 13.1.2009 को जमा कराए जाने के व कुल राषि मय ब्याज किष्तों के माध्यम से जमा कराए जाने के बावजूद भी अप्रार्थीगण द्वारा उक्त आवास को पूर्ण रूप से तैयार कर सभी सुविधाओं के साथ करार की दिनंाक 29.1.2009 -2011.2009 से 30माह से 36 माह की अवधि में पूर्ण रूप से प्रार्थी को कब्जा सुपुर्द करना था, को नहीं सौंपा है एवं तयषुदा किष्तों की अदायगी के बावजूद अब तक उक्त यूनिट का कब्जा नहीं सौंपा गया है । कई बार सम्पर्क किए जाने के बावजूद कब्जा नहीं दिया गया है । जिसके कारण उन्हंे काफी ब्याज अदा करना पड़ रहा है व किराये के मकान में निवास करना पड़ रहा है जिसके कारण उसे भारी आर्थिक , मानसिक क्षति उठानी पड़ रही है । परिवाद स्वीकार किया जाकर उक्त यूनिट/आवास का कब्जा दिलाया जावे अथवा वांछित राषि बतौर प्रतिकर दिलााई जावें ।
4. अप्रार्थीगण ने इन तर्को का खण्डन करते हुए प्रार्थीगण द्वारा यूनिट को बुक कराए जाने , कुल राषि जमा कराए जाने बाबत् करार होने व इसकी अनुपालना में उनके द्वारा राषि जमा कराए जाने को स्वीकार किया । किन्तु तर्क प्रस्तुत किया कि प्रार्थीगण को 36माह में यूनिट का पूर्ण रूप से कब्जा सुपुर्द नहीं किया गया था । तथा जो उनके नियंत्रण के बाहर था इस बाबत् उन्हें समय समय पर देरी होने से अवगत करा दिया गया था । प्रार्थीगण इस बात से सहमत हो गए थे लेकिन बहकावें में परिवाद प्रस्तुत किया गया है । अप्रार्थीगण आज भी प्रार्थीगण को यूनिट का कब्जा संविदा की षर्त के तहत देने को तैयार व तत्पर है। उनकी ओर से किसी प्रकार की सेवा में कोई कमी नहीं की गई है । कब्जा देने में देरी को उनके नियन्त्रण के बाहर बताते हुए प्रार्थीगण का अप्रार्थीगण से कोई अनुतोष या क्षतिपूर्ति राषि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं होना बताया ।
5. हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6. उपलब्ध अभिलेखों के अनुससार प्रार्थीगण द्वारा अप्रार्थीगण की परिवाद की चरण संख्या 1 में वर्णित अनुसार स्कीम के अन्तर्गत आवेदन कर बुकिंग राषि रू. 25,000/- दिनंाक 13.1.2009 व ष्षेष राषि किष्तों के माध्यम से यथा कुल राषि रू. 7,82.635/- दिनांक 14.6.2013 तक मय ब्याज के अप्रार्थीगण के पास जमा करवाना सिद्व रूप से प्रकट हुआ है क्योंकि इस तथ्य को अप्रार्थीगण द्वारा स्वीकार किया गया है । चूंकि अप्रार्थीगण ने यह स्वीकार किया है कि प्रार्थीगण को 36 माह में यूनिट/आवास का पूर्ण रूप से कब्जा सुपुर्द नहीं किया गया है तथा यह देरी उनके नियन्त्रण के बाहर थी । अतः यह सिद्व है कि प्रार्थीगण को उभय पक्षकारों के मध्य हुए करार के अनुरूप तयषुदा अवधि में यूनिट/आवास का कब्जा नहीं सौंपा गया । अप्रार्थीगण को करार के अनुसार दिनंाक 29.1.2009-20.11.2009 से 30माह से 36माह की अवधि में यूनिट का पूर्ण रूप से कब्जा प्रार्थीगण को सुपुर्द करना था व इस करार की स्थिति को देखते हुए नहीं किया गया । इस प्रकार अप्रार्थीगण ने अनुचित व्यापार व्यवहार अपनाया है व सेवा में दोष कारित किया है । मंच की राय में प्रार्थीगण का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
7. (1) प्रार्थीगण अप्रार्थीगण से उसकी ’’अभिलाषा घर ’’ सुषान्त सिटी में यूनिट संख्या ई-0216 का कब्जा उनके मध्य हुए करार के अनुसार लाॅक एण्ड की सहित इस आदेष से दो माह की अवधि में प्राप्त करने के अधिकारी होगें । (2) प्रार्थीगण अप्रार्थी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू. 1,00,000 /- (अक्षरे रू. एक लाख मात्र ) एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000 /- भी प्राप्त करने के अधिकारी होगें।
(3) क्रम संख्या 2 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण प्रार्थीगण को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 23.08.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष