(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
परिवाद संख्या-360/2019
शादाब अब्बासी पुत्र स्व0 श्री मो0 मतीम अब्बासी, निवासी 17/1 लैण्डमार्क रिजेन्सी, प्लाट नं0-11, पटेल ननजुन्नदप्पा रोड, कामनाहल्ली, बैंगलोर, वर्तमान निवास 1861, बैनब्रिज डा0, पिकिंग, ओनेरियो, कनाडा L1V6H6.
परिवादी
बनाम
अंसल प्रोपर्टीज एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि0, प्रथम तल YMCA कैमपस, 13, राणा प्रताप मार्ग, लखनऊ 226001 ।
विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री अदील अहमद, विद्वान
अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : श्री मानवेन्द्र प्रताप सिंह, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक: 29.08.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद, परिवादी द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख निम्न अनुतोष प्रदान किए जाने हेतु योजित किया गया है :-
" Direct the opposite party company to refund the amount paid i.e Rs. 1310425/- (Rupees Thirteen Lacs ten thousand four hundred and twenty five only) with 18% interest from the date booking of the plot i.e 20-11-2019 which will amount to Rs. 18,87,012/- (Rupees Eighteen Lacs Eighty Seven thousand twelve only) as on date as the complainant is salaried employee with no additional source of income and
has invested hard earned money which he needs now to pay for higher education of children.
(b) Hold the opposite parties jointly and severally liable to pay to the complainant a sum of Rs. 5,00,000/- (Rupees Five Lakhs Only) as mental trauma and agony.
(c) Hold the opposite parties jointly and severally liable to pay to the complainant a sum of Rs. 50,000/- (Rupee Fifty thousand) legal expenses.
(d) To pass any other order or direction as this Hon'ble forum may deem fit in the facts and circumstances of the case protecting the rights and interests of the complainant. "
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा विपक्षी कम्पनी द्वारा प्रस्तावित निवासीय योजना में एक प्लाट संख्या-02/283 सुशांत गोल्फ सिटी, निकट शहीद पथ, लखनऊ में आवंटन किए जाने हेतु आग्रह किया गया, जिसका कुल मूल्य विपक्षी कम्पनी द्वारा 26,20,850/-रू0 आवंटन पत्र जारी करते हुए तथा पक्षकारों के मध्य सम्पादित हुए समझौते/एग्रीमेंट दिनांक 20.10.2011 में अंकित किया गया, जिसके विरूद्ध परिवादी द्वारा दिनांक 09.01.2012 को 13,10,425/-रू0 जमा किए गए, परन्तु विपक्षी कम्पनी द्वारा उपरोक्त आवंटित भूखण्ड का कब्जा परिवाद प्रस्तुत किए जाने की तिथि तक परिवादी को प्राप्त नहीं कराया गया और न आज की तिथि तक ही प्राप्त कराया गया।
दौरान प्रस्तुत परिवाद लम्बन परिवादी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिनांकित 25.08.2022 इस प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया गया कि विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी द्वारा जमा की गई सम्पूर्ण धनराशि पर 18 प्रतिशत ब्याज की गणना कर जमा की तिथि से भुगतान की तिथि तक प्राप्त कराए जाने हेतु आदेश पारित किया जावे।
हमारे द्वारा परिवादी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री अदील अहमद तथा विपक्षी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री मानवेन्द्र प्रताप सिंह को सुना गया।
अत: ऊपर उल्लिखित तथ्यों के संबंध में विपक्षी कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा किसी प्रकार का कोई विवाद अथवा उत्तर नहीं दिया गया तथा यह कथन किया गया कि आवंटित भूखण्ड का कब्जा विपक्षी कम्पनी को आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हो सका, अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के कारण विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी को उपरोक्त भूखण्ड प्राप्त नहीं कराया जा सका तथा यह कि विपक्षी कम्पनी परिवादी को जमा धनराशि पर 09 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज निश्चित अवधि में देने हेतु स्वीकृत देती है।
यह तथ्य भी निर्विवादित रूप से विपक्षी कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा स्वीकार किया गया कि परिवादी द्वारा दिनांक 09.01.2012 तक कुल धनराशि 13,10,425/-रू0 जमा की गई, जिसके संबंध में जमा प्राप्ति रसीद सलंग्नक-2 के रूप में पत्रावली पर उपलब्ध है तथा परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए विपक्षी कम्पनी के पास जमा धनराशि की वापसी के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है।
उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्व्य को सुनने के उपरांत तथा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत परिवाद को अंतिम रूप से पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता द्व्य की सहमति से निम्न आदेश पारित करते हुए निस्तारित किया जाता है :-
विपक्षी कम्पनी द्वारा एक माह की अवधि में परिवादी द्वारा जमा सम्पूर्ण धनराशि 13,10,425/-रू0 मय 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की गणना करते हुए उपरोक्त धनराशि की जमा की तिथियों से भुगतान की तिथि तक सम्पूर्ण धनराशि इस निर्णय की तिथि से 01 माह की अवधि के अन्दर वापस की जावे।
परिवादी को हुए मानसिक एवं शारीरिक कठिनाई हेतु 50,000/-रू0 तथा परिवाद व्यय हेतु 20,000/-रू0 भी विपक्षी कम्पनी द्वारा उपरोक्त समयावधि में अदा की जावे। तदनुसार प्रस्तुत परिवाद अंतिम रूप से निस्तारित किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
अध्यक्ष सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1