Uttar Pradesh

StateCommission

MA/406/2023

Nikhil Ranjan - Complainant(s)

Versus

Ansal Properties and Infrastructure Ltd - Opp.Party(s)

23 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Miscellaneous Application No. MA/406/2023
( Date of Filing : 14 Sep 2023 )
In
Execution Application No. EA/48/2019
 
1. Nikhil Ranjan
aa
...........Appellant(s)
Versus
1. Ansal Properties and Infrastructure Ltd
aa
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

विविध वाद संख्‍या-406/2023   

निखिल रंजन बनाम अंसल प्रापर्टीज एंड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर लि0

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित।

दिनांक: 23.09.2024 

     पुकारा गया।

उभय पक्ष के अधिवक्‍तागण को सुना। चूंकि इस विविध वाद से सम्‍बन्धित निष्‍पादन वाद सहमति/समझौता के आधार पर निस्‍तारित हो चुका है। ऐसे में इसे चलाया जाना उचित नहीं है।

तदनुसार प्रस्‍तुत विविध वाद, सम्‍बन्धित निष्‍पादन वाद संख्‍या-48/2019 निस्‍तारित होने के बिन्‍दु को दृष्टिगत रखते हुये निरस्‍त की जाती है।

यदि कोई स्‍थगन पूर्व में पारित किया गया हो तो उसे निरस्‍त किया जाता है।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

  (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

   अध्‍यक्ष

 

 

रंजीत, पी0 ए0,

कोर्ट न0-1

 

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

निष्‍पादन वाद संख्‍या-48/2019   

निखिल रंजन बनाम अंसल प्रापर्टीज एंड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर लि0

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित।

दिनांक: 23.09.2024 

     पुकारा गया।

डिक्रीदार की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता सुश्री तनुश्री गोयल व निर्णीत ऋणी की अधिवक्‍ता श्री रेशू शर्मा उपस्थित है जिनके द्धारा न्‍यायालय को अवगत कराया गया कि प्रस्‍तुत निष्‍पादन वाद में संबंधित विवाद एवं इस न्‍यायालय के निर्णय एवं आदेश दिनांक 24.09.2019 का पक्षकारों के मध्‍य विवाद समझौता/सहमति के आधार पर अंतिम रूप से समाप्‍त हो चुका है। समझौते से डिक्रीदार पूर्ण रूप से संतुष्‍ट है तदनुसार प्रस्‍तुत परिवाद निस्‍तारित किया जावे।

डिक्रीदार के उपरोक्‍त प्रार्थना को स्‍वीकृत करते हुये निष्‍पादन वाद उभय पक्षों की संतुष्टि में निस्‍तारित किया जाता है।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

  (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

   अध्‍यक्ष

रंजीत, पी0 ए0,

कोर्ट न0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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