राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
परिवाद संख्या– 86/2023
डेल्फी एडवाइजरी प्रा0 लि0 पंजीकृत पता: 1/15 विश्वास खंड, गोमती नगर, लखनऊ द्धारा अधिकृत प्राधिकारी।
बनाम
- अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कार्यालय स्थित 13 प्रथम तल उत्तर भारत युवक भवन, राना प्रताप मार्ग, लखनऊ द्धारा निदेशक।
- अंसल ए पी आई द्धितीय तल शापिंग स्क्वायर सेक्टर- डी सुशान्त गोल्फ सिटी, लखनऊ 226030 द्धारा निदेशक।
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
परिवादी की ओर से उपस्थित:श्री दिलीप कुमार शुक्ला,विद्धान अधिवक्ता।
विपक्षीगण की ओर से उपस्थित: सुश्री रेशू शर्मा, विद्धान अधिवक्ता।
दिनांक 14.03.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्धारा उदघोषित
निर्णय
निर्विवादित रूप से प्रस्तुत परिवाद, परिवादी द्धारा, विपक्षी द्धारा प्रायोजित प्रस्तावित भूखंड योजना अंतर्गत सुशान्त गोल्फ सिटी हाइटेक टाउनशिप, लखनऊ सेक्टर- ओ, पाकेट संख्या-3, यूनिट 0061 कुल एरिया 194 यार्ड आवंटित किया गया। आवंटन पत्र के अनुसार परिवादी द्धारा दिनांक 14.05.2012 से पूर्व दिनांक 25.04.2012 को अंकन 4,80,150.00 रूपये तदोपरान्त अगली किश्त अंकन 3,20,100.00 रूपये अर्थात कुल धनराशि अंकन 8,00,250.00 रूपये जमा की गई जिसके पश्चात विपक्षीगण से सम्पर्क करने पर परिवादी द्धारा यह पाया गया कि उपरोक्त प्रस्तावित योजना वास्तव में विपक्षी कम्पनी द्धारा समुचित रूप से अर्थात आवश्यकताओं के अनुसार जारी नहीं की जा सकी। अतएव भविष्य में अपेक्षित धनराशि परिवादी द्धारा जमा नहीं की गई। परन्तु विपक्षी द्धारा उपरोक्त योजना में परिवादी द्धारा जमा की गई भारी धनराशि अंकन 8,00,250.00 रूपये जो कि वर्ष 2012 में जमा की गई थी, को वापस न किये जाने के कारण प्रस्तुत परिवाद संस्थित किया गया है।
विपक्षी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता द्धारा इस न्यायालय को इस आशय से स्पष्ट रूप से अवगत कराया गया कि विपक्षी कम्पनी द्धारा प्रस्तावित उपरोक्त योजना, रेरा अथारिटी द्धारा दिनांक 09.04.20-21 को डी रजिस्टर की जा चुकी है। उपरोक्त डी रजिस्टर के संबंध में विपक्षी कम्पनी द्धारा परिवादी अथवा किसी भी आवंटी को कोई सूचना प्राप्त नहीं कराया गया।
परिवादी द्धारा प्रस्तुत परिवाद में कुल जमा धनराशि अंकन 8,00,250.00 रूपये मूल धनराशि पर 18 प्रतिशत ब्याज की गणना करते हुये धनराशि वापस करने की प्रार्थना की है। मानसिक, आर्थिक, शारीरिक क्षतिपूर्ति हेतु अंकन 5,00,000.00 रूपये तथा अन्य अनुतोष न्यायालय जो भी उचित समझे दिलाये जाने की प्रार्थना की है।
मेरे द्धारा श्री दिलीप कुमार शुक्ला परिवादी के विद्धान अधिवक्ता तथा सुश्री रेशू शर्मा को सुना गया तथा उभय पक्षों की ओर से दाखिल समस्त तथ्यों का परीक्षण एवं प्रपत्रों का परिशीलन करने के उपरान्त यह तथ्य पाया गया कि विपक्षी द्धारा प्रस्तावित योजना रेरा द्धारा डी रजिस्टर किये जाने के कारण परिवादी को समायानुकूल अपेक्षित भूखंड प्राप्त न कराये जाना अर्थात विपक्षीगण की विफलता के कारण परिवादी को जो आर्थिक एवं मानसिक कष्ट हुआ उस हेतु निर्णय/आदेश पारित किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। परिवादी द्धारा जमा कुल धनराशि अंकन 8,00,250.00 रूपये जमा की तिथि से भुगतान की तिथि तक 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज तथा परिवादी को हुये मानसिक, शारीरिक, आर्थिक कष्ट को दृष्टिगत रखते हुये विपक्षीगण द्धारा परिवादी को हर्जा धनराशि अंकन 2,00,000.00 रूपये तथा वाद व्यय के रूप में अंकन 20,000.00 रूपये की धनराशि भी प्राप्त कराया जाना उचित पाया जाता है।
तद्नुसार, परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी द्धारा जमा कुल धनराशि अंकन 8,00,250.00 रू0 (रूपये आठ लाख दो सौ पच्चास) जमा की तिथि से भुगतान की तिथि तक 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित तथा मानसिक, आर्थिक, शारीरिक कष्ट की क्षतिपूर्ति हेतु अंकन 2,00,000.00 (रूपये दो लाख) एवं वाद व्यय हेतु अंकन 20,000.00 रू0 (रूपये बीस हजार) एक माह में अदा करें।
अन्यथा की स्थिति में विपक्षी द्धारा मूल जमा धनराशि पर देय 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के स्थान पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अदायगी की तिथि तक भुगतेय होगा।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
रंजीत, पी.ए.
कोर्ट न0-01