(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
निष्पादनवाद सं0- 74/2020
विनोद कुमार निगम उम्र लगभग 66 वर्ष पुत्र राधे विहारी निगम निवासी-252/147 रकाबगंज कदीम नेहरू क्रास, लखनऊ
........डिक्रीदार/परिवादी।
बनाम
1. अंसल प्रापर्टीज एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर लि0, द्वितीय तल, शापिंग स्क्वायर, सेक्टर-डी सुशांत गोल्प्फ सिटी, लखनऊ द्वारा प्रबंधक।
2. मेसर्स अंसल प्रापर्टीज एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर लि0, 115 असंल भवन-16, कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली-110001 द्वारा प्रबंध निदेशक।
.........निर्णीत ऋणीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
माननीय डॉ0 आभा गुप्ता, सदस्य।
डिक्रीदार की ओर से : श्री सत्य प्रकाश पाण्डेय,
विद्वान अधिवक्ता।
निर्णीत ऋणीगण की ओर से : श्री मानवेन्द्र प्रताप सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 05.01.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय/आदेश
डिक्रीदार के विद्वान अधिवक्ता श्री सत्य प्रकाश पाण्डेय एवं निर्णीत ऋणीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री मानवेंद्र प्रताप सिंह को सुना गया। उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्व्य द्वारा यह अवगत कराया गया कि निर्णीत ऋणीगण कम्पनी द्वारा डिक्रीदार को इस न्यायालय द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश के अनुपालन में बाकी की देय धनराशि रू0 2,58,000/- चेक सं0- 247242 दि0 20.12.2021 द्वारा प्राप्त करायी जा चुकी है।
उक्त धनराशि प्राप्ति के सम्बन्ध में कोई विवाद डिक्रीदार के विद्वान अधिवक्ता द्वारा नहीं किया गया। अर्थात डिक्रीदार द्वारा धनराशि प्राप्त की गई। उक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत निष्पादनवाद निष्क्रिय हो गया है, अतएव अन्तिम रूप से निस्तारित किया जाता है।
पूर्व के आदेश के अनुपालन में निर्णीत ऋणीगण कम्पनी के डायरेक्टर/कर्मचारी के विरुद्ध जारी गैर जमानती वारण्ट की कार्यवाही निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना) (डॉ0 आभा गुप्ता)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 1