Uttar Pradesh

StateCommission

A/1943/2017

Sudhanshu - Complainant(s)

Versus

Ansal Properties and Infracture Ltd - Opp.Party(s)

Self

18 May 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1943/2017
( Date of Filing : 27 Oct 2017 )
(Arisen out of Order Dated 27/09/2017 in Case No. C/341/2014 of District Lucknow-I)
 
1. Sudhanshu
R/O 16/103 Gandhar Sahara State Jankipuram Lucknow 226001
...........Appellant(s)
Versus
1. Ansal Properties and Infracture Ltd
First Floor YMCA Complex 13 Rana Pratap Marg Lucknow 226001
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 18 May 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-1943/2017

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम-प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या 341/2014 में पारित आदेश दिनांक 27.09.2017 के विरूद्ध)

VETERAN GROUP CAPTAIN SUDHANSHU S/O LATE  R P SRIVASTAVA, R/O 16/103, GANDHAR, SAHARA STATE, JANKIPURAM, LUCKNOW, 226021

                                 ...................अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

ANSAL PROPERTIES & INFRASTRUCTURE LTD,              1st FLOOR, YMCA COMPLEX, 13, RANA PRATAP MARG, LUCKNOW, 226001.                                

                                     ................प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : स्‍वयं।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री विकास कुमार वर्मा,

                          विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 18-05-2018

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-341/2014 सुधांशु बनाम अंसल प्रापर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लि0 में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम-प्रथम, लखनऊ द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 27.09.2017 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्‍त परिवाद के परिवादी श्री सुधांशु की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी श्री सुधांशु व्‍यक्तिगत रूप

 

 

-2-

से उपस्थित आए हैं और प्रत्‍यर्थी अंसल प्रापर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लि0 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री विकास कुमार वर्मा उपस्थित आए हैं।

हमने उभय पक्ष के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

जिला फोरम ने प्रश्‍नगत फ्लैट की कीमत 16,91,250/-रू0 को याचित अनुतोष में सम्मिलित करते हुए परिवाद का मूल्‍यांकन 20,00,000/-रू0 से ऊपर माना है और इसी आधार पर यह माना है कि परिवाद जिला फोरम के आर्थिक क्षेत्राधिकार से परे है।

अपीलार्थी का तर्क है कि अपीलार्थी ने मात्र प्रश्‍नगत फ्लैट के कब्‍जा अन्‍तरण में विलम्‍ब के लिए क्षतिपूर्ति मांगी है और क्षतिपूर्ति की धनराशि 20,00,000/-रू0 से कम है। अत: यह परिवाद जिला फोरम के आर्थिक क्षेत्राधिकार में है। परिवाद के मूल्‍यांकन में फ्लैट का मूल्‍य सम्मिलित नहीं किया जाएगा।

प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अम्‍बरीश शुक्‍ला आदि बनाम फेरस इन्‍फ्रास्‍ट्रकचर प्राइवेट लिमिटेड 2016 (4) सी0पी0आर0 83 के वाद में माननीय राष्‍ट्रीय आयोग की पूर्ण पीठ द्वारा पारित निर्णय में प्रतिपादित सिद्धान्‍त से यह स्‍पष्‍ट है कि फ्लैट का मूल्‍य याचित अनुतोष में परिवाद के मूल्‍यांकन हेतु शामिल किया जाएगा। ऐसी स्थिति में जिला फोरम ने फ्लैट के मूल्‍य को याचित अनुतोष में सम्मिलित करते हुए परिवाद का जो मूल्‍यांकन किया है, वह उचित है।

 

 

-3-

हमने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

माननीय राष्‍ट्रीय आयोग ने अम्‍बरीश शुक्‍ला आदि बनाम फेरस इन्‍फ्रास्‍ट्रकचर प्राइवेट लिमिटेड के वाद में स्‍पष्‍ट मत व्‍यक्‍त किया है कि आवंटित फ्लैट की सेवा में कमी से सम्‍बन्धित परिवाद का मूल्‍यांकन आवंटित फ्लैट के बेसिक मूल्‍य और याचित प्रतिकर के जोड़ के आधार पर किया जाएगा। अत: जिला फोरम ने परिवाद का मूल्‍यांकन जो अपीलार्थी/परिवादी को आवंटित प्रश्‍नगत फ्लैट के मूल्‍य को सम्मिलित करते हुए किया है, वह माननीय राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा उपरोक्‍त वाद में प्रतिपादित सिद्धान्‍त के अनुकूल है। उसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। अत: अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थी/परिवादी को इस छूट के साथ निरस्‍त की जाती है कि अपीलार्थी/परिवादी परिवाद विधि के अनुसार राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत करने हेतु स्‍वतंत्र है।

     अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।    

 

 

      (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)          (महेश चन्‍द)       

           अध्‍यक्ष                   सदस्‍य           

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.