राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
परिवाद संख्या :83/2019
प्रदीप प्रभाकर आयु लगभग 55 वर्ष पुत्रस्व0 बी0 एल0 चौधरी निवासी एच0आई0जी0-बी-328 सिद्धार्थ इन्क्लेव, तारामण्डल, गोरखपुर।
बनाम्
असंल प्रापर्टीज एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि0, वाई0एम0सी0ए0 कैम्पस-13, राणा प्रताप मार्ग, लखनऊ द्वारा मैनेजिंग डाइरेक्टर।
........विपक्षी
समक्ष :-
- मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष ।
- मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
- मा0 श्री विकास सक्सेना , सदस्य।
उपस्थिति :
परिवादी की ओर से उपस्थित- श्री विकास अग्रवाल ।
विपक्षी की ओर से उपस्थित- श्री मानवेन्द्र प्रताप सिंह।
दिनांक : 25-08-2021
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवादी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री विकास अग्रवाल तथा विपक्षी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री मानवेन्द्र प्रताप सिंह उपस्थित आए। विपक्षी द्वारा पूर्व के आदेशों तथा दिनांक 08-07-2021, पुन: आदेश दिनांक 10-08-2021 का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया गया है, दिनांक 10-08 2021 का आदेश निम्नवत है:-
दिनांक- 10.08.2021
परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री विकास अग्रवाल उपस्थित हुए। विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री मानवेन्द्र प्रताप सिंह उपस्थित
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हुए। पूर्व में अनेक तिथियों पर विस्तृत आदेश प्रस्तुत परिवाद में पारित किया गया जिनका अनुपालन विपक्षी द्वारा नहीं किया गया। अतएव पिछली तिथि दिनांक 03-08-2021 को निम्न आदेश पारित किया गया:-
03-08-2021
परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री विकास अग्रवाल उपस्थित हैं। विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्ता सुश्री सुरंगमा शर्मा उपस्थित हैं। दि0 08.07.2021 को प्रस्तुत परिवाद में उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्तागण की उपस्थिति में निम्न आदेश पारित किया गया:-
परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री विकास अग्रवाल उपस्थित हैं। विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्ता सुश्री सुरंगमा शर्मा उपस्थित हैं। विद्वान अधिवक्ताद्व्य की सहमति से यह आयोग परिवादी को यह आदेशित करता है कि वे विपक्षी मै0 अंसल प्रापर्टीज एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर लि0 के प्रोजेक्ट मैनेजर/ऑफीसर कंसल्ट ऑफ प्रोजेक्ट Celebrity Greens, Sushant Golf City के कार्यालय में दि0 15.07.2021 को पूर्वाह्न 11:00 बजे जायेंगे तथा विपक्षी द्वारा सम्पूर्ण विवरण तालिका यदि कोई धनराशि परिवादी द्वारा देय हो तो परिवादी को लिखित रूप में अवगत कराया जायेगा तथा यदि परिवादी को ऐसा प्रतीत होता है कि उसकी कोई भविष्य में देनदारी नहीं है, वरन विपक्षी द्वारा पूर्व में दी हुई धनराशि में ब्याज सम्मिलित करते हुए वापसी की धनराशि की गणना चार्ट के साथ परिवादी, विपक्षी के कार्यालय में उपस्थित दिवस पर प्रस्तुत करेगा। उपरोक्त तिथि पर परिवादी एवं विपक्षी के प्रतिनिधि जो भी उचित निर्णय हो लेने का सम्यक प्रयास करेंगे तथा अपने अन्तिम निर्णय से इस आयोग को अगली तिथि पर अवगत करायेंगे। पत्रावली इसी पीठ के समक्ष पुन: दि0 03.08.2021 को 3:30 बजे सुनवाई हेतु सूचीबद्ध की जाये।
उक्त आदेश का अनुपालन विपक्षी द्वारा सुनिश्चित नहीं किया गया। अतएव अन्तिम रूप से विपक्षी को एक सप्ताह का समय उक्त आदेश के अनुपालन हेतु प्रदान किया जाता है। उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्तागण देय धनराशि अथवा प्राप्त धनराशि से सम्बन्धित विवरण की गणना (समस्त विवरण के साथ) अगली तिथि पर इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत करेंगे, जिसकी प्रतिलिपि उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्तागण द्वारा एक दिवस पूर्व एक-दूसरे को प्राप्त करायी जायेगी। प्रस्तुत परिवाद को पुन: इसी पीठ के समक्ष दि0 10.08.2021 को 3:30 बजे सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किया जाये।
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निश्चित तिथि पर विपक्षी कम्पनी के जनरल मैनेजर/मैनेजर इस न्यायालय के सम्मुख उपस्थित रहेंगे।
उपरोक्त आदेश के परिशीलन से यह स्पष्ट है कि उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण द्वारा उक्त आदेश के अनुपालन में आज इस पीठ के समक्ष विवरण तालिका प्रस्तुत करनी थी जिससे यह साबित हो सके कि पक्षकारों को कितनी धनराशि देनी/प्राप्त करनी है। यह सुस्पष्ट है कि यदि उपरोक्त आदेश का अनुपालन विपक्षी कम्पनी द्वारा नहीं किया जाएगा तब उस स्थिति में विपक्षी कंपनी के जनरल मैनेजर/मैनेजर इस न्यायालय के सम्मुख उपस्थित होंगे।
अत्यन्त खेद का विषय है कि न तो विपक्षी कम्पनी के द्वारा देय धनराशि के विवरण गणना चार्ट को ही प्रस्तुत किया गया और न ही उनकी कम्पनी के उपरोक्त जनरल मैनेजर/मैनेजर ही उपस्थित हुए हैं।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा विपक्षी द्वारा कुल देय धनराशि का विवरण चार्ट जिसकी एक प्रतिलिपि विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता को भी प्राप्त करायी गयी, इस परिवाद में प्रस्तुत की गयी जो पत्रावली में रखी जाए। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता श्री मानवेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा एक सप्ताह का समय विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी को कुल देय धनराशि मय ब्याज के सम्पूर्ण विस्तृत गणना चार्ट किसी चार्टर्ड एकाउंटेट के माध्यम से कराते हुए अगली निश्चित तिथि को प्रस्तुत किया जाए। अन्यथा की स्थिति में विपक्षी कम्पनी के मैनेजर/जनरल मैनेजर के विरूद्ध हर्जाना लगाया जाएगा। प्रस्तुत वाद को पुन: सुनवाई हेतु दिनांक 24-08-2021 को 3.30 बजे सूचीबद्ध किया जाए।
यहॉं यह कहना समीचीन है कि पिछली अनेकों तिथियों पर विपक्षी द्वारा न सिर्फ न्यायालय का बहुमूल्य समय बर्बाद किया गया वरन् विपक्षी कम्पनी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा दी गयी सहमति का सम्मान न करते हुए कम्पनी द्वारा पारित आदेशों का अनादर भी किया गया।
पिछले आदेश का अनुपालन न करने की दशा में विपक्षी कम्पनी के जनरल मैनेजर/मैनेजर को स्पष्ट्रीकरण प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया गया, परन्तु वे न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने में असफल रहे तथा नियत तिथि पर अनुपस्थित भी रहे।
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संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार है कि प्रस्तुत परिवाद परिवादी प्रदीप प्रभाकर द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख माह-मार्च, 2019 में योजित किया गया जिसके द्वारा निम्न अनुतोष प्रदान करने की प्रार्थना की गयी :-
i. Direct the Opposite Party to provide the physical possession of fully finished Flat No.02, 2nd Floor, Tower G, Celebrity Greens, at Sushant Golf City, Sultanpur Road, Lucknow after completing the Project in question as earliest.
ii. Direct the Opposite Party to pay interest @ 18% on the amount deposited by the complainant from May 2015 till the date of possession, which comes to Rs. 5, 42097/- per year.
iii. Direct the Opposite Party to pay a sum of Rs. 5,00,000/- as damages for committing deficiency in service.
iv. Direct the Opposite Party to pay a sum of Rs. 5,00,000/- as compensation for the loss of rent occasioned by the Complainant till date.
v. Direct the Opposite Party to pay the difference in the cost of escalation which shall be incurred at the time of the execution of the registered sale deed.
vi. Allow the complaint and direct the Opposite Party to pay a sum of Rs. 5,00,000/- towards cost of the case.
vii. Any other order which this Hon’ble State Commission may deem fit and proper in the circumstances of the case may also be passed.
परिवादी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि परिवादी द्वारा विपक्षी कम्पनी द्वारा प्रस्तावित योजना Celebrity Greens जो Sushant Golf City, Sultanpur Road, Lucknow, पर प्रस्तावित थी, में एक फ्लैट को दिनांक 05-05-2010 को श्री ओम प्रकाश वर्मा एवं श्रीमती प्रतिभा वर्मा द्वारा क्रय किया गया था तथा जिसका कुल मूल्य 37,64,565/-रू0 था जिसमें पी.एल.सी भी सम्मिलित था, को परिवादी द्वारा प्रथम क्रेता श्री ओम प्रकाश वर्मा एवं श्रीमती प्रतिभावर्मा द्वारा दिनांक 05-11-2011 को हस्तान्तरित कराकर क्रय किया गया तथा हस्तान्तरण से संबंधित सभी कार्यवाही दिनांक 05-11-2011 को सम्पादित की, जिसके
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परिप्रेक्ष्य में विपक्षी द्वारा उक्त फ्लैट संख्या-02,2nd Floor, Tower G, Celebrity Greens, Sushant Golf City, Sultanpur Road, Lucknow जिसका कुल क्षेत्रफल 1995 Sq.Ft. था को परिवादी के पक्ष में हस्तान्तरित/ट्रान्सफर किया गया। परिवाद पत्र के संलग्नक-2 में उपरोक्त हस्तान्तरण से संबंधित प्रपत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध है।
परिवादी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा प्रथम क्रेता श्री ओम प्रकाश वर्मा एवं श्रीमती प्रतिभा वर्मा को विपक्षी कम्पनी द्वारा आवंटित एलाटमेंट पत्र के संदर्भ में अवगत कराया गया कि उक्त एलाटमेंट पत्र में कुल देय धनराशि का विवरण 37,64,565/- स्पष्ट रूप से वर्णित है तथा यह कि प्रथम क्रेता द्वारा उपरोक्त फ्लैट के संदर्भ में विपक्षी को कुल धनराशि 1,88,229/-रू0 एलाटमेंट लेटर के सम्पादन की तिथि पर दिया गया। प्रस्तर-13 एलाटमेंट लेटर में फ्लैट के हस्तान्तरण की समय-सीमा 36 माह इंगित की गयी तथा प्रस्तर-14 में यह वर्णित किया गया कि किसी दशा में यदि उपरोक्त अवधि (36 माह) में फ्लैट का हस्तान्तरण सम्भव नहीं हो पायेगा तब उस दशा में छ: माह का ग्रेस पीरियड भी विपक्षी कम्पनी द्वारा आवंटित व्यक्ति से प्राप्त किया जायेगा।
परिवादी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि उपरोक्त लेटर आफ एलाटमेंट के साथ शेड्यूल-। एवं शेड्यूल -।। से यह सुस्पष्ट है कि उपरोक्त आवंटित फ्लैट में किन-किन चीजों को विपक्षी कम्पनी द्वारा पूर्ण करके आवंटित व्यक्ति को फ्लैट हस्तान्तरित किया जावेगा।
उपरोक्त आवंटन पत्र के शेड्यूल-।। में देय धनराशि के संबंध में समस्त विवरण इंगित है, जिसके अनुसार परिवादी द्वारा विपक्षी कम्पनी को दिनांक 05-11-2011 की तिथि तक कुल रू0 11,36,729/- प्रदान किया गया जिसका विवरण संलग्नक-।। में निम्नवत उल्लिखित है:-
Mr. Pradeep Prabhakar
Siddharth Enclave
HIG-B-328, Taramandal
Gorakhpur
Customer/Acc./Office
SUB: Transfer of Flat No. G/02/02 Type-Celebrity Greens
With reference to Transfer Application dated 21-10-11
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Dear Sir/Madam,
This is to confirm that Flat No. G/02/02 type Celebrityy Greens with Super built-up area 1995 Sq.Ft. situated Sushant Golf City, Luucknow which was in the name of MR. OM PRAKASH VERMA AND MRS. PRATIBHA VERMA stands transferred in your name and the amount of Rs. 11,36,729.00 (ELEVEN LACS THIRTY SIX THOUSAND SEVEN HUNDRED TWENTY NINE ONLY) stand credited to your account.
Yours Faithfully
For Ansal Properties & Infrastructure Ltd.
Sd/-
(Authorized Signatory)
उपरोक्त ट्रान्सफर लेटर विपक्षी कम्पनी के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा परिवादी के पक्ष में जारी किया गया, तदोपरान्त परिवादी द्वारा विपक्षी कम्पनी के पक्ष में कुल धनराशि रू0 30,74,187 जो (30,11,652/-रू0) दिनांक 11 मार्च, 2013 की अवधि तक प्रदान की जा चुकी है जिसमें विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी से प्रथम क्रेता/आवंटी द्वारा देय धनराशि में विलम्ब की दशा में 220 दिन का ब्याज रू0 30632.21 पैसे भी प्राप्त किया गया।
परिवादी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि यद्धपि परिवादी द्वारा शेड्यूल -।। में निर्धारित समय-सीमा के अन्तर्गत देय धनराशि विपक्षी कमपनी के पक्ष में जमा करायी गयी परन्तु विपक्षी कम्पनी द्वारा निश्चित अवधि में उपरोक्त आवंटित फ्लैट का हस्तान्तरण परिवादी के पक्ष में नहीं किया गया तथा विपक्षी कम्पनी द्वारा गैर कानूनी ढंग से परिवादी से विलम्बित देय धनराशि के मद में अवैधानिक रूप से 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज की मांग की गयी जो पूर्णत: अनुचित व अवैधानिक है।
परिवादी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा हमारा ध्यान विपक्षी कम्पनी द्वारा जारी देय धनराशि के स्टेटमेंट की ओर आकर्षित किया गया जिसके द्वारा विपक्षी कम्पनी ने परिवादी से ब्याज की धनराशि दिनांक 16 जून, 2017 तक कुल रूपया 49603.42 पैसे दर्शित की है।
परिवादी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि यह निर्विवादित है कि परिवादी द्धारा विपक्षी कम्पनी को निर्धारित देय धनराशि
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समयावधि से प्राप्त करायी जा चुकी है, परन्तु फिर भी विपक्षी द्वारा न तो आवंटित फ्लैट का कब्जा समयावधि में परिवादी को प्रदान किया गया न ही परिवादी द्वारा जमा की गयी धनराशि पर ब्याज की गणना करते हुए देय धनराशि को ही वापस किया गया।
परिवादी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि परिवादी द्वारा चार्टड एकाउन्टेंट से देय ब्याज की गणना का विवरण प्रस्तुत किया गया है जिसका उत्तर विपक्षी कम्पनी द्वारा न दाखिल किया जाना विपक्षी की नियत पर पूरी तरह न सिर्फ शक वरन उसकी बदनियती का दयोतक है।
विपक्षी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा परिवादी के विद्धान अधिवक्ता के कथन को बलहीन कहते हुए यह कथन किया गया कि यद्धपि विपक्षी कमपनी द्वारा परिवादी को उपरोक्त वर्णित फ्लैट पूर्व प्रथम क्रेता द्वारा फ्लैट का आवंटन निरस्त करने की दशा में आवंटन प्रदान किया गया परन्तु निश्चित देय धनराशि को परिवादी द्वारा निश्चित अवधि में विपक्षी कम्पनी के पक्ष में जमा न करने की दशा में विपक्षी कम्पनी को परिवादी से कुल जमा की गयी धनराशि के अलावा दिनांक 07-08-2021 की तिथि तक ब्याज के रूप में रू0 2,01,523/- तथा कुल देय धनराशि 16,33125/-रू0 प्राप्त होना बाकी बताया।
हमारे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया तथा यह पाया गया कि यह विवादित नहीं है कि परिवादी द्वारा विपक्षी से उपरोक्त फ्लैट प्राप्त किया गया जिसके विरूद्ध परिवादी द्वारा माह अप्रैल, 2013 तक विपक्षी कम्पनी के पक्ष में कुल रू0 30,74,187/- जमा किया गया तथा उपरोक्त तिथि के उपरान्त भी विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी से ब्याज के मद में 24 प्रतिशत की ब्याज की गणना करते हुए बाकी की धनराशि की मांग की गयी जो कि विपक्षी की ओर से 16,44,262/-रू0 नियत की गयी जबकि परिवादी के द्वारा जो विवरण परिवादी द्वारा जमा की गयी धनराशि पर ब्याज की देयता का प्रस्तुत किया गया है उस पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की गणना करते हुए दिनांक 05-05-2013 से दिनांक 31-07-2021 तक कुल देय धनराशि की गणना 43,68,197/-रू0 इंगित की गयी।
दौरान बहस विपक्षी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा मौखिक रूप से यह तर्क किया गया कि परिवादी को आवंटित फ्लैट की वास्तविक कीमत लगभग एक करोड़ रूपया है जिस पर परिवादी जो स्वयं उपस्थित है एवं परिवादी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा उपरोक्त आवंटित फ्लैट का विपक्षी कम्पनी द्वारा बेचने की सहर्ष सहमति प्रदान करते हुए परिवादी द्वारा वर्णित ब्याज
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कुल रू0 43,68,197/-( दिनांक 31-07-2021 तक) का डिमाण्ड ड्राफ्ट विपक्षी कम्पनी द्वारा जारी करने की सहमति प्रदान की गयी।
उपरोक्त तथ्यों एवं वास्तविक परिस्थितियों को देखते हुए तथा यह कि विपक्षी द्वारा परिवादी के किसी भी प्रस्ताव को सकारात्मक रूप से स्वीकार नहीं किया गया तथा यह कि विपक्षी कम्पनी द्वारा इस न्यायालय के पारित आदेशों का लगातार उल्लंघन किया गया, यह न्यायालय प्रस्तुत परिवाद को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश के अनुसार परिवाद को निस्तारित करता है:-
- यह कि विपक्षी कम्पनी परिवादी के द्वारा प्रस्तुत गणना चार्ट जो कि चार्टड एकाउन्टेंट द्वारा प्रमाणित है के अनुसार परिवादी द्वारा कुल जमा की गयी धनराशि पर 18 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से गणना करते हुए ब्याज की धनराशि परिवादी द्वारा जमा की तिथि से देय तिथि तक की गणना कर एक माह की अवधि में परिवादी को प्रदान करेंगे।
- यह कि विपक्षी कम्पनी द्वारा जो अनुचित व्यापार पद्धति अपनायी गयी है इस कारण विपक्षी परिवादी को हर्जाने के रूप में कुल रू0 2,00,000/- प्रदान करेंगे।
- यह कि विपक्षी द्वारा परिवादी को किराये के मद में 10,000/-रू0 प्रतिमाह की दर से किराया माह मई, 2015 से अगस्त, 2021 तक की अवधि का प्रदान करेंगे।
- यह कि विपक्षी द्वारा परिवादी को 50,000/-रू0 वाद व्यय भी प्रदान किया जावेगा।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (गोवर्धन यादव) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट न0-1