Uttar Pradesh

StateCommission

A/781/2018

Mohan Lal Sahu - Complainant(s)

Versus

Ansal Properties and Infracture Ltd - Opp.Party(s)

Mujeeb Effendi

05 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/781/2018
( Date of Filing : 01 May 2018 )
(Arisen out of Order Dated 06/04/2018 in Case No. C/236/2015 of District Lucknow-II)
 
1. Mohan Lal Sahu
S/O Late Sri S.L. AShu R/O A/4/0263 Oakwood villa Sushant Golf City Shahid Path Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Ansal Properties and Infracture Ltd
First Floor YMCA Campus 13 Rana Pratap Marg Lucknow thvough its Chairman
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 05 Sep 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-781/2018

मोहन लाल साहू पुत्र स्‍व0 श्री एस0एल0 साहू, निवासी ए/4/0263, ओकवुड विला, सुशांत गोल्‍फ सिटी, शहीद पथ लखनऊ-226030

                                             .......... अपीलार्थी/परिवादी

बनाम          

अंसल प्रापर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड, प्रथम तल, वाइ.एम.सी.ए. कैम्‍पस 13, राणा प्रताप मार्ग, लखनऊ द्वारा चेयरमैन

…….. प्रत्‍यर्थी/विपक्षी 

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य                  

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता      : श्री मोहन लाल साहू (स्‍वयं)

प्रत्‍यर्थीगण के अधिवक्‍ता     : कोई नहीं

दिनांक :-05-9-2022         

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय    

1-   जिला उपभोक्‍ता आयोग, दि्वतीय लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-236/2015 श्री मोहन लाल साहू बनाम अंसल प्रापर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 06.4.2018 के विरूद्ध यह अपील स्‍वयं अपीलार्थी/परिवादी द्वारा इस आधार पर प्रस्‍तुत की गई है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग ने उनके द्वारा जमा की गई राशि पर ब्‍याज दिलाने का कोई आदेश पारित नहीं किया है, जबकि निष्‍पादित करार के अनुसार प्रत्‍यर्थी द्वारा वास्‍तविक भौतिक कब्‍जा कई वर्ष बाद प्रदान किया गया है, इसलिए अपीलार्थी/परिवादी को किराये पर रहना पडा और अंकन 5,000.00 रू0 प्रतिमाह का किराया देना पडा। फ्लैट की कमियों के निराकरण में खर्च होने वाली राशि के मद में भी कोई अनुतोष प्रदान नहीं किया गया है, मानसिक प्रताड़ना के मद में कम राशि अदा करने का आदेश दिया गया है।

-2-

2-   केवल अपीलार्थी को सुना तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

3-   जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि यर्थात में अपीलार्थी/परिवादी का यह कथन रहा है कि अपीलार्थी/परिवादी ने फ्लैट की समस्‍त किस्‍त समय पर अदा कर दी थी एवं अदेयता प्रमाण पत्र भी दिनांक 24.9.2013 को जारी कर दिया गया था, परन्‍तु फ्लैट का कब्‍जा दिनांक 20.3.2015 को दिया गया है। अत: सम्‍पूर्ण भवन मूल्‍य प्राप्‍त हो जाने के बावजूद देरी से कब्‍जा देना का परिणाम यह है कि अपीलार्थी/परिवादी अपने द्वारा जमा की गई राशि पर निर्धारित अ‍वधि के पश्‍चात से वास्‍तविक कब्‍जा प्राप्‍त करने की तिथि तक 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज प्राप्‍त करने के लिए अधीकृत है।

4-   यद्यपि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अंकन 5,000.00 रू0 प्रतिमाह किराये के मद में खर्च करने वाली राशि की भी मॉग की गई है, परन्‍तु चूंकि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा जमा राशि पर 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज अदा करने का आदेश दिया जा रहा है, इसलिए एक त्रुटि के लिए प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को दो बार दण्डित नहीं किया जा सकता है। अपीलार्थी/परिवादी को जो हानि हुई है उसकी पूर्ति 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज प्राप्‍त करने से हो जाती है। उपभोक्‍ता मंच का उद्देश्‍य केवल उपभोक्‍ता को कारित क्षति की पूर्ति कराना है, न कि अतिरिक्‍त धनराशि उपलब्‍ध कराना। इसी प्रकार मानसिक प्रताड़ना के मद में अंकन 15,000.00 रू0 की राशि को अदा करने का आदेश दिया है, जो उचित प्रतीत होता है, अत: इस निष्‍कर्ष पर हस्‍तक्षेप करने का आधार पर्याप्‍त है। अत: अपील तद्नुसार आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

-3-

आदेश

5-   अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में यह तथ्‍य भी शामिल किया जाता है कि अपीलार्थी/परिवादी को उस राशि पर जो फ्लैट की कीमत के रूप में जमा की गई है जमा करने की तिथि के बाद से कब्‍जा प्राप्‍त करने की तिथि तक 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से साधारण ब्‍याज भी देय होगा।

6-   आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   (सुशील कुमार)              

                   अध्‍यक्ष                                            सदस्‍य                                                                           

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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