Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/807

Madan Mohan Sharma - Complainant(s)

Versus

Ansal Housing - Opp.Party(s)

S K Verma

30 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/807
( Date of Filing : 10 May 2011 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Madan Mohan Sharma
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ansal Housing
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vikas Saxena PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 May 2023
Final Order / Judgement

 

      मौखिक

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ०प्र० लखनऊ

अपील संख्‍या- 807/2011

मदन मोहन शर्मा व अन्‍य

 बनाम

दि जनरल मैनेजर, सेल्‍स अंसल हाउसिंग एण्‍ड कंस्‍ट्रक्‍शन लि0

 

          दिनांक: 30.05.2023

माननीय सदस्‍या श्रीमती सुधा उपाध्‍याय द्वारा उदघोषित

  •   

        प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी मदन मोहन शर्मा की ओर से विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या- 628/2002 मदन मोहन शर्मा बनाम अंसल हाउसिंग एण्‍ड कंस्‍ट्रक्‍शन लि0 व अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक- 20-01-2011 के विरूद्ध योजित की गयी है।

जिला आयोग द्वारा परिवाद कालबाधित होने के कारण खारिज किया गया है जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवाद के परिवादी मदन मोहन शर्मा द्वारा यह अपील योजित की गयी है।

जिला आयोग ने उभय-पक्ष के अभिकथनों पर विचार करने के उपरान्‍त यह निष्‍कर्ष अंकित किया है कि परिवाद समय सीमा से बाधित है। विपक्षी की ओर से यह कहा गया है कि परिवादी के पक्ष में किया गया आवंटन विपक्षी के पत्र दिनांक 09-04-97 द्वारा निरस्‍त कर दिया गया है क्‍योंकि परिवादी ने नोटिस और रिमाण्‍डर के बावजूद शर्तों के अनुसार बकाया धनराशि अदा नहीं किया था। इसकी सूचना  परिवादी  को  विधिवत  दी  गयी  थी। वाद कारण दिनांक      

 

2

09-04-1997 को उत्‍पन्‍न हो गया था परन्‍तु यह परिवाद दिनांक     13-12-2002 को प्रस्‍तुत किया गया।

परिवादी का कथन है कि विपक्षी ने दिनांक 09-04-97 को पत्र द्वारा आवंटन निरस्‍त किया था परन्‍तु एक दूसरा आवास नं० 137 परिवादी को देने के लिए मौखिक रूप से कहा गया था जिसके पक्ष में अपीलार्थी/परिवादी ने कोई भी साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं किया है। यह परिवाद भी मूल रूप से इसी आवास संख्‍या– (137) अनुपम सेक्‍टर-2 के‍ लिए दाखिल किया गया है। विद्वान जिला आयोग ने पत्रावली का अवलोकन करते हुए यह पाया कि अपीलार्थी/परिवादी और प्रत्‍यर्थी/विपक्षी  के बीच जो करार/एग्रीमेंट हुआ था वह भवन संख्‍या 60 के लिए हुआ था। एग्रीमेंट की प्रति विपक्षी ने दाखिल की है जिससे स्‍पष्‍ट है कि भवन संख्‍या-137 के लिए अपीलार्थी/परिवादी और प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के मध्‍य कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ था। अपीलार्थी/परिवादी ने स्‍वयं इस तथ्‍य को स्‍वीकार किया है कि भवन संख्‍या 60 के आवंटन को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा दिनांक 09-04-97 को निरस्‍त किया गया है और इसी तिथि को परिवादी को वाद दाखिल करने का वाद कारण उत्‍पन्‍न हुआ है लेकिन जिला उपभोक्‍ता आयोग, गाजियाबाद में दिनांक 13-12-2002 को परिवाद दाखिल किया गया है जो उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-24-ए के अनुसार कालबाधित है।

उपरोक्‍त समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्‍त हम इस मत के हैं कि जिला आयोग ने तथ्‍यों को उचित ढंग से विश्‍लेषित करते हुए समस्‍त प्रपत्रों का भली-भाति परिशीलन करने के उपरान्‍त निर्णय एवं आदेश पारित किया है जो उचित एवं विधि

 

3

सम्‍मत है जिसमें हमारे विचार से किसी हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं हैं, तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।   

 

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।

    प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला आयोग  को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

       आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                                     

            (विकास सक्‍सेना)                           (सुधा उपाध्‍याय)

               सदस्‍य                                    सदस्‍य

           

          कृष्‍णा–आशु0 कोर्ट नं0 3

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.