राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-812/2007
(जिला उपभोक्ता आयोग (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-313/2002 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 17-02-2007 के विरूद्ध)
1. दी ओरियण्टल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 द्वारा डिवीजनल मैनेजर, डिवीजनल आफिस प्रथम, आगरा।
...........अपीलार्थी/विपक्षी।
बनाम
1. अनूप कुमार गर्ग पुत्र श्री आनन्द गर्ग, निवासी 25/61-सी, गांधी नगर, आगरा। ............ प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 18-06-2024.
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-15 के अन्तर्गत, जिला उपभोक्ता आयोग (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-313/2002 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 17-02-2007 के विरूद्ध योजित की गई अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया।
विद्वान जिला आयोग ने क्षतिपूर्ति के लिए बीमा की राशि अंकन 38,450/- रू0 06 प्रतिशत वार्षिक के साथ अदा करने का आदेश दिया गया है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि आटोमोबाइल इंजीनियर की रिपोर्ट के अनुसार इंजन की खराबी के कारण वाहन क्षतिग्रस्त
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हुआ, इसलिए कोई धनराशि देय नहीं है। यह रिपोर्ट एक राय मात्र है। केवल विशेषज्ञ रिपोर्ट के आधार पर यह सुनिश्चित करना उचित नहीं है। इस प्रकार दुर्घटना होने के बाद वाहन क्षतिग्रस्त हुआ। चूँकि क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान अपीलार्थी बीमा कम्पनी द्वारा नहीं किया गया है, अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा बीमा की धनराशि का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, जिसमें कोई अवैधता नहीं है, सिवाय इसके इस धनराशि पर ब्याज की राशि परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक अदा करने का आदेश दिया जाए।
तदनुसार विद्वान जिला आयोग का प्रश्नगत निर्णय/आदेश संशोधित करते हुए वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील, आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-313/2002 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 17-02-2007 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि बीमित वाहन की बीमित धनराशि पर ब्याज की गणना परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक की जायेगी। निर्णय के शेष भाग की पुष्टि की जाती है।
अपील व्यय उभय पक्ष पर।
अपीलार्थी द्वारा यदि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत कोई धनराशि जमा की गई हो तो वह सम्पूर्ण धनराशि मय अर्जित ब्याज के सम्बन्धित जिला आयोग को विधि अनुसार शीघ्रातिशीघ्र प्रेषित कर दी जाए ताकि विद्वान जिला आयोग द्वारा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश के सन्दर्भ में उक्त धनराशि का विधि अनुसार निस्तारण किया जा सके।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध
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करायी जाय।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
दिनांक : 18-06-2024.
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-1,
कोर्ट नं.-2.