Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1678

M/s Iftikhar & Co - Complainant(s)

Versus

Anokhe Lal - Opp.Party(s)

R K Gupta

17 Oct 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1678
( Date of Filing : 27 Sep 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s Iftikhar & Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Anokhe Lal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 17 Oct 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1678/2010

M/S Iftikhar & Co. Ltd. Authorised Dealer Mahindra Tractors

Versus

Anokhe Lal S/O Sri Munna Lal

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आर0के0 गुप्‍ता, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित:-श्री ए0के0 पाण्‍डेय, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :17.10.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.    परिवाद संख्‍या-35/2009, अनोखे लाल बनाम इफतकार एंड कंपनी द्वारा प्रोपराईटर में विद्वान जिला आयोग, (द्वितीय) बरेली द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 31.08.2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.         जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया है कि परिवादी को प्रपत्र 21 एवं 22, एक माह के अंदर प्रदान करें। इसके अलावा मानसिक प्रताड़ना के मद में अंकन 20,000/-रू0 और परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 2,000/-रू0 अदा करने के लिए आदेशित किया गया।

3.          परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने एक ट्रैक्‍टर दिनांक 19.02.2008 को 4,10,000/-रू0 में क्रय किया था तथा अन्‍य खर्च शामिल करते हुए कुल 4,26,000/-रू0 खर्च हुए थे। चलाने पर ज्ञात हुआ कि कि इंजन से खटखट की आवाज आ रही है तथा साईलेन्‍सर से मोविऑयल निकल रहा है। शिकायत करने पर परिवादी ने पहला अपना मैकेनिक भेजा, उसके बाद मैकेनिक को वर्कशाप पर बुलवाया गया, परंतु तीसरे दिन ट्रैक्‍टर यह कहकर वापस कर दिया कि कम्‍पनी को रिपोर्ट भेजी जायेगी क्‍योंकि ट्रैक्‍टर के इंजन की क्रैंक टूट गयी है। अनेक अनुरोध किये जाने के बावजूद ट्रैक्‍टर ठीक नहीं किया गया तथा पंजीकरण के लिए आवश्‍यक दस्‍तावेज फार्म सं0 21 एवं 22 उपलब्‍ध नहीं कराये गये, इसलिए ट्रैक्‍टर वादी के पास खड़ा हुआ है।

4.      विपक्षी का कथन है कि परिवादी ने ट्रैक्‍टर उधार क्रय किया था। ट्रैक्‍टर खराब होने पर एक सप्‍ताह बाद ट्रैक्‍टर विपक्षी के यहां छोड़ दिया गया। 2 महीने बाद वादी ने बताया कि केवल 2,80,000/-रू0 ऋण स्‍वीकृत हो रहा है। अवशेष मनी 1,46,400/-रू0 का प्रबंध परिवादी के पास नहीं है। विपक्षी इस राशि के भुगतान की रसीद अदा कर देता ताकि इस रसीद को बैंक में दिखाया जा सके और बैंक द्वारा 2,80,000/-रू0 का ड्राफ्ट प्राप्‍त  किया जा सके। परिवादी के आश्‍वासन पर 1,46,400/-रू0 की रसीद दे दी गयी है और तब तक फार्म सं0 21 एवं 22 को रोके रखा गया ।

5.         पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया है कि विपक्षी द्वारा अनुचित व्‍यापार प्रणाली अपनायी गयी। तदनुसार उपरोक्‍त वर्णित अनुतोष परिवादी के पक्ष में जारी किया गया।

6.          इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गयी है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग ने साक्ष्‍य के विपरीत निर्णय पारित किया है। परिवादी ने 1,46,404/-रू0 कभी भी अपीलार्थी के यहां जमा नहीं कराये गये, परंतु जमा के आश्‍वासन पर रसीद दे दी गयी, इसलिए चूंकि परिवादी की रकम बकाया है। अत: फार्म सं0 21 एवं 22 प्रदान नहीं किया जा सकता। इस संबंध मे जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा दिया गया निर्णय साक्ष्‍य के विपरीत है।

7.       जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अंकन 1,46,404/-रू0 के संबंध मे साक्ष्‍य की व्‍याख्‍या करते हुए निष्‍कर्ष दिया है कि परिवादी द्वारा यह राशि विपक्षी के पास जमा करायी गयी है और रसीद जारी की है। यदि परिवादी द्वारा यह राशि जमा नहीं करायी जाती तब विपक्षी द्वारा रसीद देने का प्रश्‍न  ही नहीं उठता, इसलिए इस निष्‍कर्ष में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नहीं होता क्‍योंकि रसीद परिवादी के पास है। परिवादी ने सशपथ इस कथन का खण्‍डन किया है कि धनराशि जमा कराये बिना अपीलार्थी द्वारा रसीद प्रदान की गयी है। अत: जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा दिया गये निष्‍कर्ष के विपरीत अन्‍य कोई निष्‍कर्ष दिये जाने का आधार जाहिर नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।

 

आदेश

                 अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।

                  उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे। 

                 प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

     

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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