Uttar Pradesh

StateCommission

A/899/2019

Dell International Services India Pvt Ltd - Complainant(s)

Versus

Ankur Goyal - Opp.Party(s)

Pramendra Verma

21 Jul 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/899/2019
( Date of Filing : 24 Jul 2019 )
(Arisen out of Order Dated 06/02/2019 in Case No. C/114/2017 of District Firozabad)
 
1. Dell International Services India Pvt Ltd
12/1 12/12 (A) 13/A Divya Shree Greens Koramangla Ring Road Challaghatta Village Varthur Hobli Domlur Bangalore /Bengaluru Karnataka 560071
...........Appellant(s)
Versus
1. Ankur Goyal
S/O Sri Prehlad Kumar Goyal R/O 457/14 Arya nagar Firozabad U.P.
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Jul 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-899/2019

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, फिरोजाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-114/2017 में पारित निर्णय दिनांक 06.12.2019 के विरूद्ध)

 

डेल इंटरनेशनल सर्विसेस इंडिया प्रा0लि0।        .........अपीलार्थी@विपक्षी

बनाम

 

अंकुर गोयल पुत्र श्री प्रहलाद कुमार गोयल निवासी 457/14

आर्य नगर फिरोजाबाद उत्‍तर प्रदेश व एक अन्‍य।

                                          .......प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री प्रमेन्‍द्र वर्मा, विद्वान

                           अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : कोई नहीं।

दिनांक 21.07.2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 114/2017 अंकुर गोयल बनाम डेल इन्‍टेल सर्विस इंडिया व एक अन्‍य में पारित निर्णय/आदेश दि. 06.12.2019 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को निर्देशित किया है कि परिवादी को विक्रय किए गए लैपटाप के बदले लैपटाप का मूल्‍य रू. 84000/- 30 दिन के अंदर अदा करें। इस राशि पर 06 प्रतिशत ब्‍याज अदा करने तथा अंकन रू. 2000/- परिवाद व्‍यय के रूप में अदा करने का आदेश दिया गया है।

2.   परिवाद के तथ्‍य के अनुसार परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 2 से एक लैपटाप डेल आईएनएस 5567 दि. 14.02.2017 को अंकन रू. 84000/- में

 

 

-2-

क्रय किया था, जो 15 दिन के बाद ही खराब हो गया और लैपटाप में निम्‍न समस्‍याएं उत्‍पन्‍न हो गईं।

(ए). लैपटाप के अंदर सी0डी0 राइडर का बार-बार अटक जाना

(बी). लैपटाप के अंदर प्रीजिंग की समस्‍या आना।

(सी). माउस हैग हो जाना।

(डी). विन्‍डो का प्रोपर/उचित तरीके से कार्य न करना।

(ई). शिकायतें करने के बाद लैपटाप की दो बार विन्‍डो पड़ चुकी है दो बार सिस्‍टम रीसेट हो चुका है तथापि लैपटाप का उचित कार्य न करना।

(एफ). बीच-बीच में समस्‍त सिस्‍टम का चलते-चलते स्‍वयं बंद हो जाना।

3.   विपक्षी संख्‍या 2 ने बिल संख्‍या 1459 में वारंटी का उल्‍लेख नहीं किया, जबकि आनलाइन आर्डर करते हुए एक वर्ष की वारंटी दर्शाई है तथा टोल फ्री नम्‍बर पर शिकायत दर्ज कराई। इंजीनियर श्री जय त्रिवेदी ने लैपटाप का परीक्षण किया, परन्‍तु दुरूस्‍त नहीं कर पाए, पुन: टोल फ्री नम्‍बर पर शिकायत की गई, तब इंजीनियर पवन कुमार ने लैपटाप देखा, परन्‍तु केवल आश्‍वासन देकर चले गए, इसलिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

4.   विपक्षी संख्‍या 1 का कथन है कि वे लैपटाप की त्रुटि के निराकरण हेतु तैयार व इच्‍छुक हैं, परन्‍तु परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 1 की सेवाएं प्राप्‍त नहीं की और लैपटाप बदलने की मांग की गई। हार्डवेयर के उत्‍पाद की समस्‍या नहीं है, इसलिए लैपटाप नहीं बदला जा सकता था, इसलिए सेवा में कोई कमी नहीं की गई।

5.   विपक्षी संख्‍या 2 द्वारा नोटिस की तामीला के बावजूद कोई लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया गया, इसलिए उनके विरूद्ध एकतरफा सुनवाई की गई।

-3-

6.   दोनों पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि परिवादी को त्रुटिपूर्ण लैपटाप दिया गया है, इसलिए परिवादी लैपटाप की कीमत अंकन रू. 84000/- वापस प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है।

7.   अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने विधिक सिद्धांतों के विपरीत निर्णय पारित किया है और इस बिन्‍दु पर विचार नहीं किया कि कि मशीनरी को दुरूस्‍त किया जा सकता है, परन्‍तु उसको बदलने या वापस करने का आदेश दिया जाना विधिसम्‍मत नहीं है। स्‍वयं परिवादी ने मरम्‍मत करने की सेवाएं प्राप्‍त नहीं की, इसलिए अपीलार्थी को सेवा में कमी के लिए उत्‍तरदायी ठहराना त्रुटिपूर्ण है तथा यह निष्‍कर्ष भी विधि विरूद्ध है कि लैपटाप में उत्‍पादन त्रुटि है। विशेषज्ञ साक्ष्‍य के बाद भी यह निष्‍कर्ष दिया जा सकता था कि लैपटाप में निर्माण संबंधित त्रुटि है। कंप्‍यूटर में केवल साफ्टवेयर से संबंधित त्रुटि थी न कि हार्डवेयर से संबंधित, जिसको सुगमता से दुरूस्‍त किया जा सकता था, इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

8.   केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश व पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

9.   अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि नजीर शिव प्रसाद पेपर इंडस्‍ट्रीज बनाम सीनियर मशीनरी कंपनी 1(2006) सीपीजे 92 एन.सी. में व्‍यवस्‍था दी गई है कि यदि मशीन दुरूस्‍त की जा सकती है तब उसे बदलने का आदेश देने की आवश्‍यकता नहीं है। प्रस्‍तुत केस में परिवादी का लैपटाप दुरूस्‍त किया जा सकता है, परन्‍तु उनके द्वारा लैपटाप दुरूस्‍त नहीं

-4-

कराया गया और केवल लैपटाप बदलने पर ही अपना ध्‍यान केन्द्रित किया गया। जिला उपभोक्‍ता मंच ने अपने निर्णय में यह उल्‍लेख किया है कि परिवादी ने विशेषज्ञ राय प्राप्‍त करने का प्रयास किया, परन्‍तु वह असफल रहा और विपक्षी संख्‍या 1 द्वारा भी विशेषज्ञ साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं की गई, जबकि उनके लिए ऐसा किया जाना सुगम था, इसलिए विशेषज्ञ साक्ष्‍य उपलब्‍ध न होने के बावजूद जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि लैपटाप में उत्‍पादन संबंधी त्रुटि थी, चूंकि लैपटाप में अनेक शिकायतें थी, स्‍वयं विपक्षीगण द्वारा अनेक बार अपने इंजीनियर लैपटाप ठीक करने के लिए भेजे गए, परन्‍तु लैपटाप कभी भी ठीक नहीं हुआ, इसलिए परिवादी लैपटाप की कीमत वापस प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश में किसी प्रकार की त्रुटि जाहिर नहीं होती है, तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

     अपील खारिज की जाती है।

     अपीलार्थी द्वारा धारा-15 के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

     उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

              

       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   (सुशील कुमार)                                                                                                                                                       अध्‍यक्ष                               सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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