राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 1359/2018
लवकुश अग्रवाल पुत्र बृज मोहन अग्रवाल।
बनाम
अंकित अग्रवाल पुत्र के0के0 अग्रवाल व दो अन्य।
समक्ष:-
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री महेन्द्र कुमार मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 18.09.2024
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 22/2017 अंकित अग्रवाल बनाम श्री अनुज उपाध्याय एप्स डेली कनेक्ट सेंटर व दो अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय, आगरा द्वारा पारित निर्णय व आदेश दि0 05.06.2018 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने प्रश्नगत निर्णय व आदेश के माध्यम से परिवाद स्वीकार करते हुये निम्नलिखित आदेश पारित किया है:-
‘’परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0- 02 व 03 के विरुद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0 02 व 03 को आदेशित किया जाता है कि वे प्रश्नगत मोबाइल सेट उचित सही हालत में रिपेयर करके अथवा उसके स्थान पर नया मोबाइल सेट वारण्टी सहित इस निर्णय की तिथि से एक माह के अंदर परिवादी को डिलेवर करें। आदेश का पालन न करने पर परिवादी, विपक्षी सं0 02 व 03 से प्रश्नगत मोबाइल सेट की कीमत मु0 55,900/- रू0 तथा इस धनराशि पर परिवाद दायर करने की तिथि से 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ब्याज भुगतान की तिथि तक पाने का अधिकारी होगा। परिवादी मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में मु0 2000/-रू0 विपक्षी सं0 02 व 03 से पाने का अधिकारी है।‘
हमारे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री महेन्द्र कुमार मिश्रा को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परीक्षण व परिशीलन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 3 के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है कि वे प्रश्नगत मोबाइल सेट के डीलर एवं विक्रेता हैं, जब कि प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी द्वारा इस हैण्ड सेट का बीमा प्रत्यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 अनुज उपाध्याय, एप्स डेली कनेक्ट सेंटर से करवाया गया था। अत: उनका उत्तरदायित्व मोबाइल सेट के खराब हो जाने में नही बनता है, क्योंकि इसकी भरपाई बीमाकर्ता प्रत्यर्थी सं0-2/विपक्षी सं0- 1 द्वारा की जानी है।
परिवाद पत्र के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्रस्तर 2 में प्रत्यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 द्वारा प्रश्नगत मोबाइल का बीमा किया जाना स्वीकार किया गया है। प्रस्तर 4 में यह उल्लेख किया गया है कि प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी ने मोबाइल सेट के सर्विस सेंटर पर इस मोबाइल सेट को भेजा था। इसलिये मोबाइल के निर्माणकर्ता एवं बीमाकर्ता प्रत्यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 का उत्तरदायित्व मोबाइल खराब हो जाने के सम्बन्ध में भरपाई करने का उत्तरदायित्व अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 3 एवं डीलर से उसका सम्बन्ध नहीं है, विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने इस बिन्दु पर विचार नहीं किया है। अत: विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने विक्रेता से मोबाइल सेट की क्षतिपूर्ति की जो धनराशि प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी को दिलाया है वह उचित नहीं है। तदनुसार प्रश्नगत निर्णय व आदेश परिवर्तित किये जाने योग्य एवं अपील स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश दि0 05.06.2018 के उत्तरदायित्व से अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 3 को मुक्त किया जाता है। शेष प्रश्नगत निर्णय व आदेश यथावत रहेगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुधा उपाध्याय)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3