(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या- 2163/2008
दि मैनेजर वी०एल०सी०सी० हेल्थ केयर लि0 व एक अन्य
बनाम
अंजू अग्रवाल
दिनांक: 02.05.2023
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्या द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी दि मैनेजर वी०एल०सी०सी० हेल्थ केयर लि0 की ओर से विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या- 415/2007 अंजू अग्रवाल बनाम दि मैनेजर वी०एल०सी०सी० हेल्थ केयर लि0 व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 20.03.2008 के विरूद्ध योजित की गयी है।
वाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि विपक्षी एक हेल्थ केयर संस्था हैं और परिवादिनी जिनका वजन 64.9 किलोग्राम था, ने विपक्षी के हेल्थ केयर सेन्टर में अपना वजन कम करने हेतु सम्पर्क किया और विशेष पैकेज के लिए दिनांक 25-09-2006 को रू० 4,714/- विपक्षी के यहॉं जमा किये। विपक्षी ने वजन कम करने के लिए सभी पैथालॉजिकल टेस्ट करवाए और यह आश्वासन दिया कि वजन तीन माह में कम हो जाएगा परन्तु वजन कम नहीं हुआ। परिवादिनी का कथन है कि वजन कम न होने के कारण वह विभिन्न परीक्षाओं में नहीं बैठ सकी जिससे उसे अत्यन्त मानसिक कष्ट एवं शारीरिक पीड़ा पहॅुची है जिस हेतु परिवाद जिला आयोग के सम्मुख प्रस्तुत करते हुए अपनी जमा की गयी धनराशि एवं मानसिक, शारीरिक क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए परिवाद जिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है।
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विपक्षी की ओर से नोटिस तामीला के बावजूद जिला आयोग के समक्ष कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर परिवाद स्वीकार करते हुए जिला आयोग द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है:-
परिवाद स्वीकार किया गया। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादिनी को उनके द्वारा जमा रू० 4,714/- वापस करें। विपक्षीगण को यह भी आदेशित किया जाता है कि वे परिवादिनी को रू० 4000/-रू० आने-जाने में किये गये व्यय के लिए, रू० 5000/- मानसिक कष्ट हेतु एवं रू० 10,000/- परिवादिनी का समय नष्ट करने के लिए क्षतिपूर्ति दें। इसके अलावा विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि 1000/-रू० वाद व्यय भी परिवादिनी को दें। उक्त आदेश का अनुपालन इस आदेश की प्रतिलिपि मिलने के एक माह के अन्दर विपक्षीगण द्वारा किया जाए अन्यथा परिवादिनी को उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी आज की तिथि से भुगतान की तिथि तक देय होगा।
जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय एवं आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी मैनेजर वी०एल०सी०सी० हेल्थ केयर लि0 द्वारा प्रस्तुत अपील योजित की गयी है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा उपस्थित हुए। प्रत्यर्थी सुश्री अंजू अग्रवाल स्वयं उपस्थित हुयीं। हमारे द्वारा उभय-पक्ष के तर्क को विस्तारपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया।
पत्रावली के परिशीलन से स्पष्ट होता है कि परिवादिनी द्वारा उपरोक्त धनराशि अपना वजन कम करने हेतु विपक्षी संस्था में जमा की गयी थी परन्तु परिवादिनी का वजन कम नहीं हुआ। विद्वान जिला आयोग द्वारा समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों का गहनतापूर्वक परिशीलन करने के
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उपरान्त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है परन्तु विद्वान जिला आयोग ने उपरोक्त आदेश में दिलायी गयी समस्त धनराशि 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से अदा किये जाने हेतु आदेशित किया है जो वाद के तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए 10 प्रतिशत के स्थान पर संशोधित करते हुए 09 प्रतिशत की जाती है। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है, तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में ब्याज 10 प्रतिशत के स्थान पर 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से दिलाए जाने हेतु आदेशित किया जाता है, शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुधा उपाध्याय)
सदस्य सदस्य
कृष्णा–आशु0 कोर्ट नं0 3