(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1455/2018
भारतीय डाक द्वारा, सीनियर पोस्ट मास्टर, मुरादाबाद तथा दो अन्य
बनाम
अंजली गोयल पत्नी श्री संजीव गोयल, निवासी कोठीवाल नगर, मुरादाबाद
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : डा0 यू.वी. सिंह के सहायक
श्री श्रीकृष्ण पाठक।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 29.04.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-115/2015, अंजली गोयल बनाम भारतीय डाक द्वारा सीनियर पोस्ट मास्टर तथा दो अन्य में विद्वान जिला आयोग, द्वितीय मुरादाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 2.2.2028 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता डा0 यू.वी. सिंह के सहायक अधिवक्ता श्री श्रीकृष्ण पाठक को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी को पंजीकृत डाक के माध्यम से नोटिस प्रेषित की गयी, जो बिना तामील वापस प्राप्त नहीं हुई है। डाक रसीद पत्रावली पर चस्पा
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है। अत: तामील की उपधारणा की जाती है।
2. विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया गया कि जो पार्सल डाक विभाग द्वारा परिवादी को उपलब्ध नहीं कराए गए, उनकी कीमत अंकन 4,33,496/-रू0 9 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा की जाए।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने विपक्षी के साथ माल प्राप्ति के साथ भुगतान के लिए एक अनुबंध किया था। इस अनुबंध के तहत परिवादी द्वारा बुक कराए गए माल की कीमत ग्राहक से प्राप्त कर उसे माल डिलीवर करना था और ग्राहक से प्राप्त रकम को ई-पेमेंट द्वारा परिवादी के खाते में जमा करना था। दिनांक 16.5.2014 तक अंकन 4,39,545/-रू0 मूल्य के 71 पार्सल बुक कराए गए, परन्तु लम्बे समय तक किसी भी पार्सल की रकम परिवादी को प्राप्त नहीं हुई। इन तथ्यों के अवलोकन से स्पष्ट हो जाता है कि परिवादी तथा अपीलार्थीगण के मध्य एक व्यापारिक संविदा निष्पादित हुई। व्यापारिक करार के अनुपालन में विपक्षी द्वारा पार्सल की राशि परिवादी को उपलब्ध नहीं करायी गयी, जबकि यह संव्यवहार विशुद्ध रूप से व्यापारिक संव्यवहार है, इसके लिए उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं था। विद्वान जिला आयोग द्वारा एक गैर उपभोक्ता परिवाद पर अपना निर्णय पारित किया गया है, जो अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 02.02.2018 अपास्त
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किया जाता है तथा गैर उपभोक्ता परिवाद खारिज किया जाता है। यद्यपि परिवादी को यह अधिकार उपलब्ध रहेगा कि वह सक्षम न्यायालय के समक्ष वाद योजित कर वांछित अनुतोष की मांग कर सकते हैं।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाय।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3