Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/87/2005

AKHILESH - Complainant(s)

Versus

ANITA - Opp.Party(s)

HARISHANKAR TIWARI

06 Feb 2019

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Azamgarh(U.P.)
 
Complaint Case No. CC/87/2005
( Date of Filing : 28 Oct 2005 )
 
1. AKHILESH
AZAMGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. ANITA
AZAMGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 06 Feb 2019
Final Order / Judgement

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 87 सन् 2005

   प्रस्तुति दिनांक 28.10.2005

                                     निर्णय दिनांक 06/02/2019

  1. मृतक अखिलेश मिश्रा उम्र तख. 28 साल पुत्र हरिश्चन्द्र मिश्रा

1/1. पूजा मिश्रा उम्र 13 वर्ष पुत्री स्वo अखिलेश मिश्रा प्राकृतिक संरक्षिका माता खुद वादिनी नं. 02 कुमुदलता, साकिन अजगरा मशरकी (नैनीजोर) पोस्ट- नैनीजोर, थाना- रौनापार, तहसील- सगड़ी, जनपद- आजमगढ़।

  •  

1/3. शुभव मिश्र उम्र 07 वर्ष पुत्र गण- स्वo अखिलेश मिश्रा प्राकृतिक संरक्षिका माता खुद वादिनी नं. 02 कुमुदलता, साकिन अजगरा मशरकी (नैनीजोर) पोस्ट- नैनीजोर, थाना- रौनापार, तहसील- सगड़ी, जनपद- आजमगढ़।

  1. श्रीमती कुमुदलता मिश्रा उम्र तख. 25 साल पत्नी श्री अखिलेश मिश्र साकिन ग्राम अजगरा मशरकी (नैनीजोर) पोस्ट- नैनीजोर, थाना- रौनापार, तहसील- सगड़ी, जनपद- आजमगढ़।
  2.  

 

बनाम

  1. डॉक्टर श्रीमती अनिता श्रीवास्तव पत्नी डॉo राजू श्रीवास्तव उम्र तख. 30 साल।
  2. डॉo राजू श्रीवास्तव उम्र तख. 35 साल पुत्र हीरालाल साकिनान- पड़री, अनीता चिकित्सालय चांदपट्टी बाजार थाना रौनापार जिला- आजमगढ़.........................................................प्रथम विपक्षीगण
  3. डॉo एन.एल. यादव उम्र तख. 35 साल बी.एस.एस. आगरा, एस. बी. एच. एम.
  4. डॉo एल. मणि एम. एस. स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ
  5. डॉo रामजीत यादव
  6. डॉo सुनीता यादव पत्नी डॉo रामजीत यादव संदर्भित शेखर चिकित्सालय, बिलरियागंज आजमगढ़।............द्वितीय विपक्षीगण।
  7. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जनपद आजमगढ़।
  8. अनीता चिकित्सालय चांदपट्टी बाजार थाना- रौनापार, जिला- आजमगढ़ जरिये संचालक/प्रोपराइटर।

 

  1.  
  1. शेखर चिकित्सालय बिलरियागंज आजमगढ़ जरिये संचालक/ प्रोपराइटर।......................................................तृतीय विपक्षीगण।

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

 

  •  

अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-

परिवादीगण ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि दिनांक 05.08.2008 को परिवादिनी संख्या 02 की तबियत खराब हुई, पेट में दर्द हुआ और वे नजदीक के अस्पताल “अनिता चिकित्सालय चांदपट्टी बाजार गए। वहां पर उपस्थित महिला चिकित्सक ने जांचोपरान्त सलाह दिया कि पेट में कुछ गड़बड़ी है इलाज का एक हजार रुपया लगेगा और अच्छा हो जाएगा। वह महिला चिकित्सक तथा उसके पति डॉक्टर राजू संयुक्त रूप से चिकित्सा शुरू किए, परन्तु उनके घोर लापरवाही और चिकित्सकीय जानकारी न होने के कारण परिवादिनी संख्या 02 के बच्चेदानी काटते हुए आंत क्षतिग्रस्त कर दिया। जिससे उसकी शारीरिक स्थिति प्रतिक्षण खराब होती गयी। डॉक्टर द्वारा गलत सुझाव देने के कारण बिलरियागंज शेखर हास्पिटल में गयी। जहां पर अस्पताल के संरक्षक एन.एल.यादव, डॉ. एल.मणि एवं डॉ. रामजीत यादव व सुनीता विपक्षीगण ने संयुक्त रूप से चिकित्सकीय असफलता का परिचय दिया और परिवादिनी को मौत के दलदल में धकेल दिया। वे उस 11 दिनों तक भर्ती रखे। परिवादिनी व उसके साथ के लोगों द्वारा शिफारिस करने पर डॉक्टर लोगों ने बताया कि गलत इलाज के कारण बच्चेदानी व आत कट गयी। मरीज की स्थिति नाजुक है और उसका जीवन एक दो दिन ही बचा है। उसके रोने चिल्लाने पर शेखर अस्पताल के चिकित्सक रामजीत एवं चपरासी रामवृक्ष उसे वाराणसी सिंह मेडिकल एवं रिसर्च सेन्टर मलदहिया वाराणसी ले गये। जहां पर डॉक्टर पी.एन. शुक्ला ने उसे देखकर डॉक्टरों की चिकित्सकीय लापरवाही बताया। उन्होंने कहा कि काफी विलम्ब के कारण 03 डॉक्टर मिलकर दिनांक 16.08.2005 को ऑपरेशन किए और आंत में कृत्रिम मल निकास थैली लगाया गया है। जिसे स्वाभाविक स्थिति में आने हेतु पुनः सर्जरी करानी होगी।

3

परिवादिनी केवल जूस ग्रहण करती है। उसका इलाज में लगभग 1,72,725/- रुपया खर्च हो गया और प्रतिदिन 500/- रुपये की दवा खर्च होती है। उसे मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति लगभग 5,00,000/- रुपये हुई है।

परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी द्वारा कागज संख्या 16 सिंह मेडिकल एण्ड रिसर्च सेन्टर प्राइवेट लिमिटेड में 19000/- रुपया अग्रिम जमा करवाने सम्बन्धी रसीद, कागज संख्या 16/2 सिंह मेडिकल एवं रिसर्च सेन्टर का पर्चा, कागज संख्या 16/4 सिंह मेडिकल एवं रिसर्च सेन्टर द्वारा की गयी जांच की रिपोर्ट, कागज संख्या 16/5 ता 16/13 सिंह मेडिकल एण्ड रिसर्च सेन्टर प्राइवेट लिमिटेड वाराणसी का पर्चा प्रस्तुत किया है।

विपक्षी संख्या 01 व 02 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उन्होंने परिवाद पत्र की दफा 03,04,05,06 को अस्वीकार किया है।

अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवाद गलत आधार पर दाखिल किया गया है। विपक्षी संख्या 01 व 02 न डॉक्टर है न तो डॉक्टरी पेशार करते हैं। विपक्षी संख्या 01 नर्स की ट्रेनिंग कानपुर से किया है और उन्होंने कोई चिकित्सालय कायम नहीं किया है। न तो डॉक्टरी करते हैं। वे अपने घर पर खेती-बाड़ी करते हैं और उसी से अपना खर्च चलाते हैं। विपक्षी संख्या 01 व 02 ने परिवादिनी का न तो कोई चिकित्सा किया है न तो कोई ऑपरेशन किया है। उनका कोई लगाव शेखर अस्पताल बिलरियागंज से या विपक्षी संख्या 03 ता 06 से नहीं है। चूंकि वे डॉक्टर ही नहीं है। अतः परिवादी संख्या 02 को चिकित्सकीय परामर्श देने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। गांव की रंजिस के कारण यह पिटिशन दाखिल किया गया है। विपक्षी संख्या 01 व 02 परिवादिनी को जानते भी नहीं हैं। अतः परिवाद खारिज किया जाए।

4

विपक्षी संख्या 01 व 02 की ओर से अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र में यह कहा गया है कि उसने विपक्षी संख्या 01 व 02 को उसे पेट दर्द होने की शिकायत दिखाकर उनके अस्पताल अनिता चिकित्सालय चांदपट्टी गए और उन्होंने एक हजार रुपया लेकर के उसका ऑपरेशन कर दिया। इसके विपरीत विपक्षी संख्या 01 व 02 ने अपने जवाबदावा में यह कहा है कि वे डॉक्टर नहीं हैं न तो किसी का इलाज करते हैं न तो डॉक्टरी का पेशा करते हैं, बल्कि व खाती-बाड़ी करते हैं और उसी से अपनी आजीविका चलाते हैं। जहां परिवादीगण का प्रश्न है तो उनके द्वारा कोई भी ऐसा प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे यह जाहिर हो कि विपक्षी संख्या 01 व 02 का वास्तव में चिकित्सालय है अथवा नहीं । उन्होंने इस सन्दर्भ में कोई कागजात प्रस्तुत नहीं किया है जिससे यह सिद्ध हो कि विपक्षी संख्या 1 व 2 ने उसका चिकित्सकीय परीक्षण किया अथवा उसका ऑपरेशन किया। विपक्षी संख्या 1 व 2 की लापरवाही सिद्ध करने का भार परिवादीगण पर है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है। शेष प्रतिवादीगण को उन्होंने किस उद्देश्य से पक्षकार मुकदमा बनाया है। इसका भी कोई विवरण परिवाद पत्र में नहीं दिया गया है। जहां तक अनुतोष का प्रश्न है उन्होंने अपने परिवाद में किसी भी अनुतोष की याचना नहीं किया है। यदि हम यह मान भी लें कि परिवादिनी का 1,72,725/- रुपया इलाज पर खर्च हुआ है और 500/- रुपया उसका प्रतिदिन दवा पर खर्च हुआ है तो यह धनराशि वह किस प्रतिवादी से प्राप्त करना चाहती है। इसका भी कोई उल्लेख नहीं है।

ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।

 

 

5

आदेश

परिवाद अस्वीकार किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                       (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

                        दिनांक 06/02/2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                        (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV]
MEMBER

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