Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/195/2009

Shri Faraz Hussain - Complainant(s)

Versus

Anil Kumar & Others - Opp.Party(s)

23 Sep 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/195/2009
 
1. Shri Faraz Hussain
R/0 Wilsoniya School Thana Civil Line Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Anil Kumar & Others
R/0 Village Kodari Thana Pakawar, Distt. Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि फर्श लगाने में निम्‍न स्‍तर के कार्य एवं लापरवाही के फलस्‍वरूप परिवादी को हुऐ नुकसान के मुआवजे के रूप में विपक्षीगण से उसे 2,00,000/- रूपया बतौर मुआवजा  दिलाऐ जाऐ।
  2. ​ संक्षेप में परिवाद कथनइस प्रकार है कि सिविल लाइन्‍स, मुरादाबाद स्थित विल्‍सोनिया स्‍कूल के प्राइमरी सेक्शन में फर्श लगाने एवं उसकी घिसाई हेतु 20/- रूपया प्रति वर्ग फिट की दर से विपक्षीगण को ठेका दिया गया था। लगभग 3000 वर्ग फिट  एरिया में पत्‍थर लगना था जिसके लगाने और  घिसाई के 60,000/-  रूपया होते थे। परिवादी ने विपक्षीगण को पत्‍थर खरीद कर दिया।  विपक्षीगण के  अनुरोध पर नवम्‍बर, 2008 में परिवादी ने उन्‍हें 20,000/- रूपया एडवांस दिये, 15-20 दिन बाद विपक्षीगण ने मात्र 300 – 400 वर्ग फिट एरिया में पत्‍थर लगाया बाकी हिस्‍से में रोड़ा ,बिछाकर वे चले  गऐ, पत्‍थर भी वहीं पड़ा रहा, 2-3 महीने बाद बड़ी मुश्किल से जनवरी, 2009 में पत्‍थर लगाने के लिए विपक्षीगण आये। यह कहकर कि उनके यहॉं चोरी हुई गई है, उन्‍हें औंजार और मशीने खरीदनी हैं, 35,000/- रूपया फिर  परिवादी से उन्‍होंने ले लिऐ। विपक्षीगण ने बड़ी मुश्किल से मार्च, 2009 में पत्‍थर लगाने का काम पूरा किया। विपक्षीगण को 0 नम्‍बर से लेकर 1, 2, 3, 4 और फिर 5 नम्‍बर की वट्टी से फर्श की घिसाई करनी थी, किन्‍तु  उन्‍होंने केवल 0 नम्‍बर की वट्टी से घिसाई की और उसमें भी  इतनी लापरवाही की, कि फर्श में जगह-जगह गड्ढ़े पड़ गये। विपक्षीगण ने निम्‍न स्‍तर का  काम किया और रात में अपना सारा सामान, मशीन इत्‍यादि लेकर भाग गये। सुबह को परिवादी ने देखा कि जगह-जगह टूटे पत्‍थर लगे हुऐ हैं, पत्‍थरों के ज्‍वांइट भी सही तरीके से नहीं लगाये गऐ और फर्श समतल भी नहीं था  सारा काम निम्‍न स्‍तर का था। परिवादी के अनुसार निम्‍न स्‍तर का कार्य करके विपक्षीगण ने  परिवादी का लगभग 2,00,000/- रूपये का नुकसान किया। परिवादी की शिकायत पर कुछ दिन तो विपक्षीगण कहते रहे कि टूटे पत्‍थरों को बदल देगें, ज्‍वांइट सही कर देगें तथा फर्श की 5 नम्‍बर वट्टी से घिसाई भी कर देगें, किन्‍तु सितम्‍बर, 2009 में उन्‍होंने ऐसा करने से इन्‍कार  कर दिया और परिवादी के साथ अभद्रता की। परिवादी ने यह कहते हुऐ कि एक ओर विपक्षीगण ने निर्धारित अवधि में काम पूरा नहीं किया वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा निम्‍न स्‍तर कार्य का कार्य किऐ जाने से पत्‍थर और फर्श खराब हो गया परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की। परिवाद के साथ परिवादी ने फर्श लगाये जाने सम्‍बन्‍धी कार्य के सिलसिले में  विपक्षीगण द्वारा लिखे गऐ एग्रीमन्‍ट दिनांकित 15/11/2008 और 07/1/2009 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया।
  3.  फोरम के आदेश दिनांक 16/6/2010 द्वारा विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध तामीला पर्याप्‍त मानी गई। दिनांक 05/10/2010 से विपक्षी सं0-1 पर भी  तामीला पर्याप्‍त हुई। वे उपस्थित नहीं हुऐ। दिनांक 05/10/2010 को विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय किऐ जाने के आदेश हुऐ। 
  4. एकपक्षीय साक्ष्‍य में परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/4 दाखिल  किया। परिवादी के समर्थन में परिवादी के  पैरोकार मुकेश का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-13 और उसके साथ विपक्षीगण द्वारा लगाऐ गऐ पत्‍थरों के फोटोग्राफ बतौर संलग्‍नक दाखिल किये, यह फोटोग्राफ पत्रावली के कागज सं0-13/2 व 13/3 हैं। 
  5.  हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
  6.  परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र के माध्‍यम से परिवाद कथनों को सशपथ दोहराते हुऐ उन्‍हें प्रमाणित किया। परिवादी के पैरोकार मुकेश ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र के माध्‍यम से इस तथ्‍य का समर्थन किया कि विपक्षीगण ने निम्‍न स्‍तर का कार्य किया। अपने शपथपत्र के माध्‍यम से पैरोकार मुकेश ने विपक्षीगण द्वारा लगाऐ गऐ पत्‍थरों और फर्श की फोटो कागज सं0- 13/2  एवं 13/3 के सन्‍दर्भ में सशपथ कथन किया कि यह फोटो उसी फर्श और पत्‍थरों की है जो विपक्षगण ने लगाऐ थे। मुकेश ने यह भी कथन किया कि यह फोटो मौके के अनुरूप हैं इनमें किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं की  गई है।
  7.   फोटोग्राफ कागज सं0-13/2 एवं 13/3 के अवलोकन से स्‍पष्‍ट है कि पत्‍थर लगाने का कार्य नि:तान्‍त लापरवाही से किया गया उनकी घिसाई भी सही  तरीके से नहीं हुई है पत्‍थर टूटे हुऐ हैं और जगह-जगह दरारें पड़ी हुई हैं और फर्श समतल भी नहीं है। परिवाद के साथ दाखिल एग्रीमेन्‍ट की नकल कागज सं0-2/7 एवं 2/8 से परिवादी के इन कथनों की पुष्टि होती है कि पत्‍थर लगाने और फर्श की घिसाई का ठेका विपक्षीगण ने परिवादी से 20/- रूपया प्रति वर्ग फिट की दर से दिनांक 15/11/2008 को लिया था और एक माह  में विपक्षीगण को यह कार्य पूरा करना था, किन्‍तु विपक्षीगण ने निर्धारित अवधि में यह कार्य पूरा नहीं किया। 2 बार में क्रमश: 20,000/-  रूपया और फिर 35,000/- रूपया विपक्षीगण द्वारा परिवादी से ले लिया जाना भी  कागज सं0 2/7 एवं 2/8 से प्रमाणित है।
  8.  पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य सामग्री एवं फोटोग्राफस से परिवाद कथनों को एकपक्षीय रूप से सिद्ध करने में परिवादी सफल रहा है। परिवाद सव्‍यय एकपक्षीय स्‍वीकार होने योग्‍य है।

                                                                                                 ओदश

  परिवाद सव्‍यय  एकपक्षीय स्‍वीकार किया जाता है।  विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे आज की तिथि से एक माह के भीतर मुआवजे के रूप  में परिवादी को 2,00,000/- (दो लाख रूपये केवल) अदा करें। विपक्षीगण से​ परिवाद व्‍यय के रूप में 2,500/- (दो हजार पाँच सौ रूपये) परिवादी अतिरिक्‍त  पाने का अधिकारी होगा। 

      

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       23.09.2015         23.09.2015         23.09.2015

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 23.09.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     23.09.2015           23.09.2015        23.09.2015

 

 

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