(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :- 2174/2015
(जिला उपभोक्ता आयोग, मऊ द्वारा परिवाद सं0-214/2013 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05/09/2014 के विरूद्ध)
1-U.P. Power Corporation Ltd. Through Executive Engineer, Electricity Distribution Division-I, District Mau.
2- Mohd. Tariq Anwar, Junior Engineer, Electricity Distribution-I, 132/4 K.V. Sub station, Rastipur, Post-umapur, district mau
- Appellants
Versus
Anil Kumar S/O Late Mool Chandra R/O Village & Post Umapur Tehsil Sadar District Mau.
समक्ष
- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री मोहन अग्रवाल
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- कोई नहीं
दिनांक:-24.01.2023
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- जिला उपभोक्ता आयोग, मऊ द्वारा परिवाद सं0 214/2013 अनिल कुमार बनाम उ0प्र0 पावर कारपोरेशन व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05.09.2014 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए मुख्य आदेश यह पारित किया
है कि प्रत्यर्थी/परिवादी का विद्युत कनेक्शन पुनर्स्थापित कर दिया जाये। इस आदेश के अनुपालन में अपीलार्थी को किसी प्रकार की कठिनाई होने की कोई आशंका नहीं है क्योंकि परिवादी के नाम विद्युत कनेक्शन स्थापित होने के तथ्य से इंकार नहीं किया गया है।
- द्वितीय आधार यह लिया गया है कि जिला उपभोक्ता मंच ने कुल 10,000/- रूपये हर्जा अधिरोपित किया है। आदेश के अवलोकन से जाहिर होता है कि अंकन 5,000/- रूपये मानसिक प्रताड़ना के मद में, अंकन 2,500/- रू0 शारीरिक प्रताड़ना के मद में और परिवाद व्यय के रूप में 2,500/- रू0 अदा करने का आदेश दिया है, चूंकि विद्युत कनेक्शन जोड़ने के अलावा अन्य किसी अनुतोष की मांग नहीं की गयी थी, इसलिए सभी मदों में कुल राशि 10,000/- के स्थान पर 5,000/- रू0 अदा करने का आदेश देना उचित है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
-
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि मानसिक प्रताड़ना, शारीरिक प्रताड़ना एवं वाद व्यय के मद में जिला आयोग द्वारा आदेशित कुल धनराशि रू0 10,000/- के स्थान पर मात्र 5,000/- रूपये की कुल धनराशि देय होगी। शेष निर्णय पुष्ट किया जाता है।
धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को विधि अनुसार निस्तारण हेतु एक माह की अवधि में प्रेषित किया जाये।
उभय पक्ष अपीलीय वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना)(सुशील कुमार)
संदीप आशु0कोर्ट नं0 2