(राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ)
सुरक्षित
अपील संख्या 2438/2011
(जिला मंच द्वितीय लखनऊ द्वारा परिवाद सं0 949/2010 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 20/09/2011 के विरूद्ध)
1- हेवलेट पैकर्ड इंडिया सेल्स प्रा0 लि0, एच0पी0 सेन्टर 92, इण्डस्ट्रीयल सर्वर सेकेण्ड स्टेज, यशवंतपुर, बंग्लोर।
2- एच0पी0 इंडिया सेल्स प्रा0 लि0, 24 सलरपुरिया, एरिना हसुज, मेन रोड, एडडूगोडी, बंग्लोर।
…अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
1- अनिल कुमार उम्र लगभग 37 पुत्र श्री प्रकाश चन्द्र निवासी- डी-14 सेक्टर एफ-कपूरथला बाग, अलीगंज, लखनऊ।
2- यू.एम.ए.सी.के. इनफो सिस्टम यू.जी.एफ.-2 ज्ञान भवन, कपूरथला अलीगंज, लखनऊ।
.........प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण
समक्ष:
1. मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य ।
2. मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री अमित चन्द्रा।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री अजय कुमार शर्मा।
दिनांक 30-10-2015
मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित ।
निर्णय
प्रस्तुत अपील परिवाद सं0 949/2010 अनिल कुमार बनाम हेवलेट पैकर्ड इंडिया सेल्स प्रा0 लि0, जिला मंच द्वितीय लखनऊ द्वारा दिनांक 20/09/2011 को निर्णय पारित करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया गया:-
‘’ परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0 2 व 3 के विरूद्ध निर्णीत किया जाता है और विपक्षी संख्या 2 व 3 को आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय से दो माह के भीतर परिवादी को एच0पी0 कलर लेजर पिंटर माडल सं0 2600 के बदल दूसरा उसी मेक और माडल का पिंटर उसी धनराशि पर दें और यदि उसी मेक और माडल का पिंटर उपलब्ध न हो तो परिवादी को उसकी कीमत रू0 41,700/- दावा दायर करने की तिथि से रकम अदा होने की तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अदा करें। इसके अतिरिक्त परिवादी को विपक्षी सं0 2 व 3 मानसिक कष्ट हेतु रू0 8,000/- एवं रू0 3000/- वाद व्यय भी अदा करेंगें। परिवादी पिंटर विपक्षी संख्या 2 व 3 को वापस करेंगे।‘’
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उक्त वर्णित आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा वर्तमान अपील योजित किया गया है।
परिवाद का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी विपक्षी सं0 1 जो विपक्षी सं0 2 व 3 का विक्रेता है, से एच0पी0 कलर लेजर पिंटर माडल सं0 2600 एन. एवं सीरियल नंबर सीएनएफजे 56 डब्लू0 76 विपक्षी सं0 1 से दिनांक 28/10/2009 को रू0 41,700/- रूपये देकर इनवाइस नंबर 195 द्वारा क्रय किया। विपक्षी ने एक वर्ष की वारंटी प्रदान किया। एक माह बाद पिंटर ने काम करना बंद कर दिया। परिवादी ने विपक्षी सं0 1 से शिकायत किया उन्होंने इंजीनियर भेजा, जिसने पिंटर की कमी दूर कर दी। रिपेयर होने के दो माह बाद पिंटर में खराब पिन्टिंग होनेलगी। पेपर जाम होने लगा जिसकी शिकायत विपक्षी सं0 1 सक की गई। विपक्षी के इंजीनियर ने देखा लेकिन कमी दूर नहीं हो पाई। मार्च 2010 में विपक्षीगण द्वारा कमी दूर की गई लेकिन खराब पिन्टिंग द्वारा छपाई की कमी तथा अतिरिक्त समस्याएं यथावत बनी रही।
जिला मंच के समक्ष विपक्षी सं0 2 व 3 उपस्थित हुए और अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत करते हुए यह अभिवचन किया कि विपक्षी सं0 1 विपक्षी सं0 2 व 3 का डीलर नहीं है और उसके मध्य कोई व्यवसायिक संविदा नहीं है। परिवादी का विपक्षी सं0 1 से पिंटर क्रय किया जाना उसके संज्ञान में नहीं है क्योंकि विपक्षी सं0 1 उसका डीलर नहीं है। विपक्षी सं0 2 व 3 विपक्षी सं0 1 के कार्य के लिए जिम्मेदार नहीं है। विपक्षी सं0 1 विपक्षी सं0 2 व 3 का सर्विस पार्टनर नहीं है, इसलिए विपक्षी सं0 1 कोई सेवा प्रदान करने हेतु अधिकृत नहीं है। कंपनी टोल फ्री नंबर पर शिकायत मिलने पर 24 घंटे सेवा प्रदान करता है। कोई एक्सपर्ट रिपोर्ट परिवादी ने निर्माण संबंधी त्रुटि के संबंध में नहीं बताई है।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अमित चन्द्रा उपस्थित है। प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अजय कुमार शर्मा उपस्थित हैं। उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण की बहस को सुना गया एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का गंभीरता से परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क दिया कि डीलर मेरा अधिकृत विक्रेता नहीं है परन्तु बिक्री शुदा सामान मेरे कंपनी द्वारा निर्मित है। इस प्रकार अपीलार्थी की सेवा में कोई कमी नहीं है। त्रुटिपूर्ण सामान के संबंध में यह कहना है कि त्रुटि से संबंधित कोई भी टेक्निकल एक्सपर्ट का कोई रिपोर्ट नहीं है जिससे यह पाया जाय कि पिंटर मशीन में कोई डिफेक्ट था। जिला फोरम का निर्णय/आदेश सही एवं उचित नहीं है, खण्डित किये जाने योग्य है।
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प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क दिया कि एच0पी0 कलर लेजर पिंटर माडल सं0 2600 विपक्षी सं0 1 यू.एम.ए.सी.के. इनफो सिस्टम से क्रय किया गया था जो दो माह के अंदर ही पिंटिंग खराब आने लगा। पेपर जाम होने लगा और पिंन्ट नहीं हो सका जिसकी शिकायत विपक्षी सं0 1 से किया गया उसके इंजीनियर आये लेकिन पिंटर की कमी को दूर नहीं किया। मार्च 2010 में पिंटर की मरम्मत की गई लेकिन वह ठीक से कार्य नहीं किया। विपक्षी सं0 1 के इंजीनियर द्वारा पिंटर की जांच किया गया है। इस प्रकार नहीं कहा जा सकता कि टेक्निकल एक्सपर्ट द्वारा दिखाया नहीं गया है। टेक्निकल एक्सपर्ट विपक्षी के द्वारा ही जांच किया गया है। यह अपील लगभग 65 दिन के विलंब से दाखिल किया गया है। विलंब के आधार पर ही अपील खारिज होने योग्य है। विलंब प्रार्थना पत्र दिया गया है लेकिन विलंब का कोई कारण उचित प्रस्तुत नहीं किया गया है।
आधार अपील एवं संपूर्ण पत्रावली का अवलोकन किया जिससे यह प्रतीत होता है कि परिवादी/प्रत्यर्थी ने एक एच0पी0 कलर पिटिंग मशीन विपक्षी/अपीलार्थी से क्रय किया था। दो माह के अंदर ही पिंटर खराब हो गया। जिसकी सूचना निर्माता/अपीलार्थी को दिया गया था। अपीलार्थी के इंजीनियर ने पिंटर में आई त्रुटि को ठीक कर दिया परन्तु कुछ दिन के बाद पिंटर पुन: खराब हो गया तथा कार्य करना बंद कर दिया। अपीलार्थी का तर्क यह है कि कोई एक्सपर्ट टेक्निकल रिपोर्ट नहीं है कि पिंटर खराब था और निर्माण संबंधी त्रुटि थी। यह तर्क स्वीकार करने योग्य नहीं है क्योंकि पिंटर में आई कमी/त्रुटि की सूचना अपीलार्थी को दिया गया था और अपीलार्थी के इंजीनियर द्वारा त्रुटि दूर कर पिंटर को चालू किया गया था परन्तु पुन: पिंटर काम करना बंद कर दिया इस प्रकार टेक्निकल एक्सपर्ट जांचकर ठीक किया जाना तथ्य साबित है। डीलर अपीलार्थी का अधिकृत विक्रेता नहीं है परन्तु पिंटर मशीन अपीलार्थी का होना स्वीकार है तब अपीलार्थी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता है। जिला मंच द्वारा दिये गये निष्कर्ष में किसी प्रकार का त्रुटि होना नहीं पाया जाता। गुणदोष के आधार पर भी वर्तमान अपील में बल नहीं पाया जाता। यह अपील लगभग 65 दिन के विलंब से दाखिल किया गया है। विलंबका कारण यह दिया गया है कि अपीलार्थी का मुख्यालय बंग्लोर में स्थित है। जिला फोरम, लखनऊ से आदेश की कांपी लेकर विधि विभाग को अनुमति के लिए (अप्रुवल) दिया गया था जो दिनांक 30/10/11 को स्वीकृत हुआ। इस प्रकार अपील दाखिल करने में विलंब हुआ यह तर्क स्वीकार करने योग्य नहीं है क्योंकि
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अनुमति प्राप्त होने में लगभग 65 दिन का समय लगना तर्क संगत प्रतीत नहीं होता है। विलंब के आधार पर भी अपील खारिज होने योग्य है।
उपरोक्त तथ्य एवं परिस्थितियों पर विवेचना करने के उपरान्त हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि यह अपील गुणदोष के आधार एवं विलंब के आधार पर खारिज करने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (संजय कुमार)
पीठा0 सदस्य सदस्य
सुभाष आशु0 कोर्ट नं0 3