(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1931/2000
हिन्दुस्तान मोटर्स लि0, 9/1, आर.एन. मुखर्जी रोड, कलकत्ता द्वारा कंपनी सेक्रेटरी, गोविन्द नारायण पारीक।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम
अनिल कुमार सिंह उर्फ हौसला सिंह पुत्र श्री त्रिलोचन सिंह, निवासी ग्राम राजगढ़ सदर, जिला प्रतापगढ़ तथा एक अन्य।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री एम0एच0 खान, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से : श्री वी0पी0 शर्मा, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक: 24.08.2021
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-719/1997, अनिल कुमार सिंह तथा अग्रवाल आटोमोबाइल्स तथा एक अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, इलाहाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 26.06.2000 के विरूद्ध यह अपील योजित की गई है। इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग ने विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध परिवाद निरस्त किया है और विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध परिवाद स्वीकार करते हुए दो माह के अन्दर गाड़ी में उपलब्ध त्रुटियों को दुरूस्त करने का आदेश पारित किया है।
2. इस निर्णय/आदेश को अपील में इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधि विरूद्ध है, मनमाना है और कल्पनाओं एवं संभावनाओं पर आधारित है। अपीलार्थी की ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। परिवाद पत्र में वाहन की त्रुटियों
-2-
के संबंध में जो उल्लेख किया गया है, वह फर्जी एवं बनावटी है। दिनांक 03.03.1997 एवं दिनांक 17.04.1997 को पूर्ण संतुष्टि के साथ गाड़ी की मरम्मत की गई थी। विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग ने गाड़ी को केवल 1482 किलोमीटर चलना पाया, जबकि यथार्थ में स्थानीय डीलर के समक्ष वाहन लाते समय यह वाहन 15142 किलोमीटर चल चुका था।
3. दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग ने अपने निर्णय में स्पष्ट उल्लेख किया है कि परिवादी की गाड़ी का मोबिल आयल, ब्रेक और इंजन में त्रुटियां कायम रहीं। इंजीनियर श्री पी0के0 सिंह ने दिनांक 30.06.1998 को गाड़ी का परीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार मोबिल आयल का लीक होना, ब्रेक सिस्टम की त्रुटि होना, गेयर बाक्स का ठीक से काम न करना, डायनमो क्लच की त्रुटि होना पाया गया। अत: इस रिपोर्ट पर विश्वास करते हुए मरम्मत किए जाने का आदेश पारित किया गया है, जिसमें किसी प्रकार की कोई अवैधानिकता नहीं पायी जाती है और कोई हस्तक्षेप अपेक्षित नहीं है। अपील तदनुसार खारिज होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है।
पक्षकार अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेगें।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3