राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या- 986/2016
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, बस्ती द्वारा परिवाद संख्या 91/2015 में पारित आदेश दिनांक 10.03.2016 के विरूद्ध)
MARUTI SUZUKI INDIA LIMITED
PALAM-GURGAON ROAD,
GURGAON-HARYANA
REGD.OFFICE, PLOT NO.1,
NELSON MANDELA ROAD,
VASANT KUNJ, NEW DELHI-110070
..............अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
- MR. ANIL KUMAR CHAITANYA
S/O LATE SHRI VIDYA PRASAD
R/O 1111/4, MALVIYA NAGAR ROAD,
NEAR VIJAYA BANK, MALVIYA ROAD,
P.O. GANDHI NAGAR BASTI,
JANPAD-BASTI, UTTAR PRADESH272001
..............प्रत्यर्थी/परिवादी
- R.K.B.K AUTOMOBILES PVT. LIMITED,
MANOURI CHORAHA,
BASTI, UTTAR PRADESH
...............प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अंकित श्रीवास्वत।
विद्वान अधिवक्ता ।
प्रत्यर्थी सं0 -01 की ओर से उपस्थित : श्री संजय कुमार श्रीवास्तव।
विद्वान अधिवक्ता ।
प्रत्यर्थी सं0 -02 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 30-08-2017
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत यह अपील परिवाद संख्या-91/2015 अनिल कुमार चैतन्य बनाम आर.के.बी.के. आटोमोबाइल्स प्राइवेट लि0 व एक अन्य में जिला फोरम बस्ती द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 10.03.2016 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
"परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-2 को निर्देश दिया जाता है कि इस आदेश की तिथि से 60 दिन के अन्दर परिवादी के वेगनआर कार की स्टेपनी में आरडिनरी लोहे की रिंग वाली पहिया को बदल कर स्टपेनी का पहिया एलाय व्हील उपलब्ध कर दे तथा परिवादी को हुये मानसिक एवं शारीरिक संत्रास को देखते हुए विपक्षी संख्या 2 परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में 5000/-रू0 एवं वाद व्यय के रूप में 2000/-रू0 का भुगतान उपरोक्त निर्धारित अवधि में कर दे।"
जिला फोरम के निर्णय और आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी संख्या-02 मारूति सुजुकी इण्डिया लिमिटेड की ओर से यह अपील प्रस्तुत की गयी है।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अंकित श्रीवास्तव और प्रत्यर्थी संख्या-01 की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री संजय कुमार श्रीवास्तव उपस्थित आए। प्रत्यर्थी संख्या-02 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
मैंने उभयपक्ष के तर्क को सुना है एवं आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने जिला फोरम के समक्ष परिवाद इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि विपक्षी संख्या-02 मारूति सुजुकी इण्डिया लिमिटेड द्वारा निर्मित वाहनों का जनपद बस्ती उत्तर प्रदेश में विपक्षी संख्या-01 आर0के0बी0के0 आटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड अधिकृत विक्रेता है। दिनांक 29.10.2013 को प्रत्यर्थी/परिवादी ने उपरोक्त विपक्षी संख्या-01 के प्रतिष्ठान से विपक्षी संख्या-02 द्वारा निर्मित STING RAY WAGON R कार क्रय किया था। जिसका रजिस्ट्रेशन और बीमा विपक्षी संख्या-01 द्वारा कराया गया। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नम्बर U.P.-51X5565 है।
परिवादपत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि दिनांक 16.04.2015 को उसके उपरोक्त वाहन का पहिया पंचर हो गया तो स्टेपनी का पहिया लगाने हेतु निकाला गया तब उसे पता चला कि पहिया एलाय व्हील न होकर आर्डिनरी लोहे की रिम लगाकर रखा गया है, जबकि यह व्हील भी एलाय व्हील होना चाहिए था। प्रत्यर्थी/परिवादी ने तुरंत विपक्षी संख्या-01 के स्थानीय मैनेजर श्री राजेश वर्मा को इस संदर्भ में उनके मोबाइल नम्बर 07705803040 पर सूचना दी और चारो एलाय व्हील के अनुरूप स्टेपनी का पहिया चेंज करने को कहा तब उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही वह गोरखपुर विपक्षी संख्या-01 के स्थानीय प्रधान कार्यालय जा रहे हैं। पहिया चेंज कराने का प्रयास करेंगे और इसके सम्बन्ध में विपक्षी संख्या-02 से दूरभाष पर बात करेंगे। परन्तु परिवादी की स्टेपनी का रिम नहीं बदला गया और अंत में इंकार कर दिया गया। अत: विवश होकर प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है।
विपक्षी संख्या-01 की ओर से लिखित तर्क प्रस्तुत कर कहा गया है कि वह विपक्षी संख्या-02 द्वारा निर्मित वाहन की बिक्री करता है और विपक्षी संख्या-02 द्वारा प्रश्नगत वाहन में चारो पहिया एवं स्टेपनी लगाकर भेजा गया था, वही उसने प्रत्यर्थी/परिवादी को बेचा है। उसने अपने लिखित कथन में कहा है कि वास्तविकता यह है कि STING RAY WAGON R का स्टेपनी रिम आयरन रिम पर लगाकर विपक्षी संख्या-02 ने भेजा है। उसके द्वारा अपनी सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-02 की ओर से लिखित कथन प्रस्तुत कर कहा गया है कि उसके और प्रत्यर्थी/परिवादी के बीच संविदा नहीं हुयी है। परिवाद में उसे बेजाफरीक बनाया गया है। उसके विरूद्ध परिवाद पोषणीय नहीं है।
लिखित कथन में विपक्षी संख्या-02 की ओर से यह भी कहा गया है कि वह निर्माता कंपनी है। वह विपक्षी संख्या-01 द्वारा किए गए किसी कृत्य के लिए उत्तरदायी नहीं है।
जिला फोरम ने उभयपक्ष के अभिकथन और उपरोक्त साक्ष्यों पर विचार करने के उपरांत अपने निर्णय में उल्लेख किया है कि उभयपक्ष के द्वारा दाखिल किए गए प्रपत्रों का परिशीलन करने के उपरांत इस मंच के द्वारा पाया जाता है कि इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि विपक्षी संख्या-02 के द्वारा निर्मित गाड़ी को विपक्षी संख्या-01 जो विपक्षी संख्या-02 का डीलर है, ने परिवादी को विक्रय किया है। विवाद इस बिन्दु पर है कि परिवादी के द्वारा कहा गया है कि गाड़ी के चारों पहिए एलाय व्हील के है परन्तु जो स्टेपनी का पहिया दिया गया वह एलाय व्हील का न होकर आर्डिनरी लोहे की रिम लगाकर दिया गया है जो विपक्षी संख्या-02 के द्वारा स्पष्ट रूप से व्यवसाय में धोखा किया गया है। जिला फोरम ने अपने निर्णय में उल्लेख किया है कि इस मंच के द्वारा पाया जाता है कि प्रपत्र संख्या-06 को देखने से यह स्पष्ट होता है कि पांचों टायरों के नम्बर 3414 अंकित है जहां तक रिम का प्रश्न है तो इस सम्बन्ध में स्पष्ट रूप से कोई उल्लेख नहीं है। जिला फोरम ने अपने निर्णय और आदेश में उल्लेख किया है कि परिवादी द्वारा दाखिल की गयी ओनर बुक के परिशीलन से पाया जाता है कि ओनर बुक में कही भी यह स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया है कि चार पहिया एलाय व्हील का होगा और एक पहिया लोहे की रिम का होगा। उपरोक्त उल्लेख के आधार पर जिला फोरम ने यह निष्कर्ष निकाला है कि प्रत्यर्थी/परिवादी की गाड़ी का चार पहिया एलाय व्हील का और एक पहिया लोहे की रिम का है। अत: जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध परिवाद स्वीकार करते हुए उपरोक्त प्रकार से आदेश पारित किया है।
अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क किया है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय त्रुटिपूर्ण है। अपीलार्थी/विपक्षी ने ओनर्स मैनुअल और सर्विस बुकलेट के अनुसार वाहन के चार पहिया एलाय व्हील का और एक पहिया लोहे की रिम का उपलब्ध कराया है। उसने ग्राहक के साथ कोई धोखा नहीं किया है और न सेवा में कोई कमी की है। अपील स्वीकार करते हुए जिला फोरम का निर्णय निरस्त किया जाना आवश्यक है।
प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश साक्ष्य और विधि के अनुकूल है और इसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
मैंने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है। बहस के दौरान अपीलार्थी मारूति सुजुकी इण्डिया लि0 के विद्वान अधिवक्ता ने अपीलार्थी की कंपनी के वैगनआर वाहन की ओनर मैनुअल और सर्विस बुकलेट प्रस्तुत की है जिसमें आइटम व्हील एण्ड सस्पेशन के स्पेशिफिकेशन का अंकित विवरण निम्न है:-
ITEM: Wheel and Suspension
Tire size, front and rear | WAGON R: Type-1 | 145/80R13 75T*1, 155/65R14 75T*1,155/65R14 75H*1 | |
WAGON R: Type-2 | 155/65R14*1 | |
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Tire size, spare | For vehicle equipped with 145/80R13 tire | 145/80R13 (Steel Wheel) | |
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For vehicle equipped with 155/65R14 tire | 155/65R14 (Steel Wheel) | |
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Rim size | | 155 tire: 14 x 4 1/2J*2, 145 tire: 13 x 4J | |
Tire pressures | | For the specified tire pressure, see the Tire Information Label located on the driver’s door lock pillar. | |
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*1: When tire replacement is necessary and if the specified load index and speed rated tire is not available, then use a tire of higher load index and speed rating.
*2: The spare wheel provided for Wagon R: Type-2 with alloy wheel variant is steel wheel rim, hence follow 4 tire rotation only. (Refer: Tire rotation under section “Inspection and maintenance”)
ओनर मैनुअल और सर्विस बुकलेट के Inspection And Maintenance के हेड में टायर रोटेशन का एक डायाग्राम दिया गया है, जो निम्न है:-
इस डायाग्राम से स्पष्ट है कि टायर रोटेशन में स्टेपनी के टायर को आगे के पहिए में लगाया जाना है और व्हील एण्ड सस्पेशन के उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि वैगनआर टाइप-2 हेतु जो कंपनी द्वारा स्पेयर व्हील दिया जाएगा उसकी व्हील रिम स्टील की होगी अत: वैगनआर की ओनर मैनुअल और सर्विस बुकलेट के उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट है कि स्पेयर व्हील की रिम वाहन के शेष चारों व्हील की रिम के समान स्टील की रिम होगी। अत: प्रत्यर्थी/परिवादी के वाहन में जो स्पेयर व्हील लोहे की दी गयी है वह सेवा में त्रुटि और अनुचित व्यापार पद्धति है। अत: जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जो निर्माता कंपनी को प्रत्यर्थी/परिवादी के वाहन की रिम बदलकर एलाय व्हील की रिम देने हेतु आदेशित किया है वह अनुचित और अवैधानिक नहीं कहा जा सकता है।
उपरोक्त विवेचना के आधार पर जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश में हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं दिखता है अत: अपीलार्थी द्वारा प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
उभयपक्ष अपील में अपना-अपना वादव्यय स्वयं वहन करेंगे।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
सुधांशु श्रीवास्तव, आशु0
कोर्ट नं0-1