Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/452

Cross Road Auto Pvt Ltd - Complainant(s)

Versus

Aneeta Agarwal - Opp.Party(s)

Alok Sinha

27 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/452
( Date of Filing : 16 Mar 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Cross Road Auto Pvt Ltd
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Aneeta Agarwal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 27 Nov 2024
Final Order / Judgement

                                                                                                                              (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-452/2010

Cross Road Auto Pvt. Ltd.

Vs.  

Smt. Aneeta Agarwal W/O Sri Ramesh Chandra Agarwal & other

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आलोक सिन्‍हा, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं

दिनांक :27.11.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.       परिवाद संख्‍या-89/2006, श्रीमती अनीता अग्रवाल बनाम क्राश रोड़ आटो प्राइवेट लि0 व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, रामपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.10.2009 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.           जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए अंकन 57,500/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है, साथ ही अंकन 1,500/-रू0 कोस्‍ट अदा करने के लिए भी आदेशित किया है।

3.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार सैफई महोत्‍सव के दौरान विपक्षी सं0 के अधिकृत प्रतिनिधि से दिनांक 24.01.2005 को ओपेल ओपट्रा कार क्रय की गयी थी, जिसकी कीमत अंकन 6,00,000/-रू0 थी तथा वारण्‍टी 4 वर्ष थी। अंकन 21,908/-रू0 अदा कर बीमा प्राप्‍त किया गया था, परंतु विपक्षीगण द्वारा आवश्‍यक उपकरण तथा पंजीकरण का फार्म उपलब्‍ध नहीं कराया और विपक्षी द्वारा दिनांक 18.02.2005 का एक पत्र प्राप्‍त हुआ, जिसके द्वारा Turn Over Tax  6,000/-रू0 की मांग की गयी, जबकि शासनादेश द्वारा इस टैक्‍स की वसूली रूकी हुई थी। परिवादिनी द्वारा दिनांक 28.04.2005 को यह ड्राफ्ट द्वारा जमा कर दी गयी, इसके बाद दिनांक 30.05.2005 को पंजीकरण के लिए फार्म प्राप्‍त हुआ। विपक्षी के कार्य से परिवादिनी को मानसिक प्रताड़ना कारित हुई। दिनांक 15.10.2005 को लीगल नोटिस प्रेषित किया गया, जिसका कोई जवाब नहीं दिया गया। इस प्रकार अंकन 50,000/-रू0 क्षतिपूर्ति के लिए, अंकन 24,706/- एसेसरीज की हानि के लिए तथा अंकन 5,000/-रू0 परिवाद व्‍यय प्राप्‍त करने के लिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

4.         विपक्षी सं0 2 द्वारा लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया गया। विपक्षी सं0 1 द्वारा भी लिखित कथन दाखिल नहीं किया गया न ही कोई मौखिक बहस की गयी, इसके बाद एकतरफा सुनवाई करते हुए उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।

5.          इस निर्णय के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील के ज्ञापन में वर्णित तथ्‍यों तथा मौखिक बहस का सार यह है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग रामपुर को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है, परंतु चूंकि सैफई महोत्‍सव उत्‍तर प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश के उपभोक्‍ताओं के लिए संचालित किया गया था, इसलिए महोत्‍सव मे क्रय की गयी कोई सामग्री उसी स्‍थान पर क्रय की गयी मानी जायेगी, जहां पर परिवादी अध्‍यासित है और आंशिक वाद कारण उसी स्‍थान पर उत्‍पन्‍न हुआ, इसलिए जिला उपभोक्‍ता रामपुर को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त है।

6.          अपीलार्थी की ओर से यह भी बहस की गयी है कि उनके द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अंकन 57,500/-रू0 की क्षति का जो आंकलन किया गया है, वह आधारहीन है।

7.         जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि दिनांक 24.01.2005 को वाहन सुपुर्द करते समय एसेसरीज उपलब्‍ध नहीं करायी गयी, जिससे विपक्षी द्वारा इंकार नहीं किया गया, इसलिए एसेसरीज की राशि अंकन 7,500/-रू0 लौटाने का आदेश दिया गया है, जो विधिसम्‍मत है, परंतु मानसिक प्रताड़ना के मद में अंकन 50,000/-रू0 का कोई आंकलन नहीं किया गया, परिवादी द्वारा कार क्रय करने की कुल कीमत 6,00,000/-रू0 है। अत: केवल देरी से पंजीकरण होने के कारण अंकन 50,000/-रू0 मानसिक प्रताड़ना के मद में नहीं दिया जा सकता। इस मद में केवल 15,000/-रू0 की राशि दिया जाना उचित है तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।  

  

आदेश

           अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विपक्षीगण, परिवादिनी को एसेसरीज के मद में अंकन 7,500/-रू0 अदा करे तथा मानसिक प्रताडऩा के मद में अंकन 50,000/रू0 के स्‍थान पर अंकन 15,000/-रू0 अदा करे। शेष निर्णय/आदेश पुष्‍ट रहेगा।  

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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