(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-76/2006
The Oriental Insurance Company Ltd.
Versus
Amitabh Tewari S/O Sri Kamal Tewari
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री बी0पी0 दुबे, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :26.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-143/2003, अमिताभ तिवारी बनाम ब्रान्च ओरियन्टल इं0कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग (द्वितीय) लखनऊ द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 16.11.2005 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी की ओर से से विद्धान अधिवक्ता श्री बी0पी0 दुबे के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमित धनराशि अंकन 67,000/-रू0 09 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी की जूस एवं कोल्डड्रिंक की एक दुकान आदर्श मिल्क बार के नाम से अमीनाबाद, लखनऊ में स्थित है, जिसका बीमा कराया गया था। बीमित अवधि के दौरान दिनांक 22.09.2002 को लगभग 1:30 बजे के आसपास इस दुकान में आग लग गयी और फायर ब्रिगेड द्वारा आग पर काबू पाया गया। फायर आफीसर द्वारा 87,034/-रू0 के नुकसान की रिपोर्ट दी गयी। बीमा क्लेम प्रस्तुत किया गया, परंतु बीमा क्लेम अदा नहीं किया गया।
4. विपक्षीगण द्वारा आग लगना स्वीकार किया गया है, परंतु यह कथन किया गया है कि सर्वेयर द्वारा केवल 12,577/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया है, इसलिए परिवादी इस राशि को पाने के लिए अधिकृत है, इस राशि को प्राप्त करने का प्रस्ताव दिया गया था, परंतु स्वीकार नहीं किया गया। जिला उपभोक्ता आयोग ने साक्ष्य की व्याख्या करने के पश्चात अग्निशमन रिपोर्ट के अनुसार 71,000/-रू0 की क्षति के आधार पर क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया गया है।
5. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि अग्निशमन रिपोर्ट क्षतिपूर्ति करने के लिए विचार मे नहीं ली जा सकती तथा सर्वेयर द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट को विचार मे लेने योग्य है जब तक कि इस रिपोर्ट को खारिज करने का कोई समुचित आधार न हो। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क में वैधानिक बल है। फायर बिग्रेड की रिपोर्ट केवल कार्यगुजारी दर्शित करने के उद्देश्य से तैयार की जाती है। इस रिपोर्ट के आधार पर क्षति का आंकलन नहीं किया जा सकता। क्षति का आंकलन केवल सर्वेयर रिपोर्ट के आधार पर या परिवादी द्वारा प्रस्तुत की गयी दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर किया जा सकता है। प्रस्तुत केस में सर्वेयर रिपोर्ट के अलावा क्षति का आंकलन करने के लिए अन्य कोई साक्ष्य पत्रावली पर उपलब्ध नहीं है। अत: सर्वेयर रिपोर्ट के आधार पर अंकन 12,577/-रू0 की क्षति देय बनती है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि कि बीमित धनराशि अंकन 67,000/-रू0 के स्थान पर 12,577/-रू0 अदा किया जाये। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2