Uttar Pradesh

StateCommission

A/2000/1835

Union Of India - Complainant(s)

Versus

Amit Kumar - Opp.Party(s)

Dr. Uday Veer Singh

17 Aug 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2000/1835
( Date of Filing : 31 Jul 2000 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Union Of India
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Amit Kumar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 17 Aug 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-1835/2000

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-1005/1998 में पारित निर्णय दिनांक 26.05.2000 के विरूद्ध)

यूनियन आफ इंडिया द्वारा सेक्रेटरी डिपार्टमेन्‍ट आफ टेलीकम्‍यूनिकेशन

न्‍यू दिल्‍ली व दो अन्‍य।               .........अपीलार्थीगण@विपक्षीगण

बनाम

अमित कुमार निवासी 351 कटरा इलाहाबाद व दो अन्‍य।

                                      .......प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण

समक्ष:-

1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलाथी की ओर से उपस्थित : श्री श्रीकृष्‍ण पाठक, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : श्री एम0एच0खान, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 17.08.2022

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील जिला फोरम इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या 1005/1998 में पारित निर्णय व आदेश दि. 26.05.2000 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

     ‘’विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि निर्णय की जानकारी के 30 दिन के अंदर रू. 50000/- सावधि जमा धनराशि मय निर्धारित ब्‍याज दिनांक 26.08.96 से एक वर्ष तक भुगतान करें। रू. 500/- वाद व्‍यय भी दें। रू. 1000/- क्षतिपूर्ति भी परिवादीगण को दिया जाए। ऐसा न होने पर आदेश की तिथि से जमा धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतान की तिथि तक देना होगा।‘’

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि यह परिवाद खाता संख्‍या 57407 की जमा धनराशि रू. 45000/- दि. 17.08.96 से 36 प्रतिशत

-2-

वार्षिक ब्‍याज के साथ पाने, रू. 2500/- क्षतिपूर्ति एवं रू. 1100/- वाद व्‍यय के लिए परिवाद प्रस्‍तुत कया गया है और कथन किया गया है कि वादी की लड़की की शादी संपन्‍न होनी है। दि. 17.08.96 का खाता उपरोक्‍त में रू. 45000/- विपक्षी संख्‍या 3 के यहां जमा किया गया है।

     विपक्षीगण ने जिला मंच के समक्ष लिखित कथन में कहा कि न तो खाता खोला गया, न रूपया जमा किया और न ही पासबुक दी गई। पासबुक फर्जी तैयार की गयी है, वह उपभोक्‍ता नहीं है। परिवाद कालबाधित है और निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

     दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय व पत्रावली का अवलोकन किया गया।

     जिला मंच द्वारा अपने निर्णय में यह पाया गया है कि परिवादी ने विपक्षी के कागजात से साबित कर दिया है कि उसके पासबुक में रू. 45000/- का जिक्र है जो विपक्षी संख्‍या 3 के पास है। धनराशि वापस न करके विपक्षीगण ने सेवा में कमी किया है। जब कोई धनराशि जमा करता है तब यदि पोस्‍ट आफिस के कर्मचारी अथवा एजेन्‍ट कोई गड़बड़ी करते हैं तब उन्‍हें दंडित किया जा सकता है, किंतु जमाकर्ता को प्रत्‍येक दशा में धनराशि वापस की जानी चाहिए। संलग्‍नक 3 दावा अस्‍वीकृत करने के आदेश की छायाप्रति है। चूंकि इस समय पासबुक परिवादीगण के पास नहीं है और विपक्षीगण ने भी उसकी कापी उपलब्‍ध नहीं कराया है, इसलिए उसकी प्रविष्टियां नहीं देखी जा सकती है, किंतु विपक्षीगण ने पासबुक में रू. 50000/- का उल्‍लेख होना संलग्‍नक 3 में किया है। यदि पासबुक में कोई गंभीर त्रुटि थी तो दावा निरस्‍त करते समय इसका उल्‍लेख करना चाहिए

 

-3-

था। परिवादीगण को लड़की की शादी के समय उन्‍हें समय से धनराशि नहीं दी गई। धनराशि देने में विलम्‍ब होना न्‍यायहित में नहीं है।

     वाद के तथ्‍य एवं परिस्थितियों के आधार पर हम यह पातें हैं कि जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय विधिसम्‍मत है, उसमें हस्‍तक्षेप करने का कोई औचित्‍य नहीं है, परन्‍तु ब्‍याज दर अत्‍यधिक अधिरोपित की गई है, अत: ब्‍याज दर 06 प्रतिशत दिया जाना न्‍यायोचित प्रतीत होता है।

     अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित आदेश में जमा धनराशि पर 06 प्रतिशत ब्‍याज देय होगा। शेष आदेश पुष्‍ट किया जता है।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

              

       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   (सुशील कुमार)                                                                                                                                                       अध्‍यक्ष                               सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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