राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-40/2008
(जिला उपभोक्ता आयोग, देवरिया द्वारा परिवाद सं0-38/1995 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 06-12-2007 के विरूद्ध)
सीमा इलैक्ट्रानिक एण्ड सर्विस सेण्टर, नई बाजार, देवरिया द्वारा प्रबन्धक।
...........अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1.
बनाम
1. अमित कुमार जायसवाल पुत्र अजीत कुमार जायसवाल निवासी बरहज बाजार, तप्पा-रायपुर, परगना-सलेमपुर मझौली, जिला-देवरिया द्वारा अजीत कुमार।
............ प्रत्यर्थी/परिवादी।
2. वोल्टास लि0, 19 जे0एन0 हरदिया मार्ग बल्लार्ड, इस्टेट मुम्बई द्वारा जनरल मैनेजर।
............ प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2.
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अभिनव मणि त्रिपाठी अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 10-04-2024.
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-15 के अन्तर्गत, जिला उपभोक्ता आयोग, देवरिया द्वारा परिवाद सं0-38/1995 अमित कुमार जायसवाल बनाम सीमा इलैक्ट्रानिक एण्ड सर्विस सेण्टर व एक अन्य में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 06-12-2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
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यद्यपि अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अभिनव मणि त्रिपाठी मौजूद हैं, परन्तु वह बहस के लिए तत्पर नहीं हैं। अत: पीठ द्वारा स्वयं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
विद्वान जिला आयोग ने परिवादी द्वारा क्रय किये गये रेफ्रिजरेटर में खराबी होने पर रेफ्रिजरेटर का मूल्य अंकन 7,186.00 रू0 दिनांक 20-11-94 से वास्तविक अदायगी की तिथि तक 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अदा करने का आदेश पारित किया।
परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक 24-12-93 को अपीलार्थी अर्थात् सीमा इलैक्ट्रानिक एण्ड सर्विस सेण्टर, नई बाजार, देवरिया से एक वोल्टास रेफ्रिजरेटर अंकन 8,428/- रू0 में क्रय किया था, जिसकी एक वर्ष की गारण्टी इस आशय की थी कि यदि रेफ्रिजरेटर क्रय करने की तारीख से खराब होगा तो बदले में नया रेफ्रिजरेटर दिया जाएगा अथवा मरम्मत नि:शुल्क की जाएगी तथा कम्प्रेशर, कन्डेन्सर तथा एवेपोरेटर की गारण्टी सात वर्ष की थी।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 का कथन है कि केवल दिनांक 09-06-1995 को रेफ्रिजरेटर खराब हाने की शिकायत पहली बार प्राप्त हुई, जिसकी मरम्मत के लिए मैकेनिक भेजा गया था, परन्तु परिवादी ने उसे अपना रेफ्रिजरेटर नहीं दिखाया, जो इस बात का द्योतक है कि परिवादी का फ्रिज सही काम कर रहा है। अपने इस कथन के समर्थन में उसके द्वारा कोई शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया, इसलिए परिवादी द्वारा प्रस्तुत किया गया साक्ष्य अखण्डनीय है। अत: इस अखण्डनीय साक्ष्य के आधार पर विद्वान जिला आयोग द्वारा रेफ्रिजरेटर बदलने या उसकी कीमत अदा करने का आदेश दिया गया।
अपील के ज्ञापन में यह उल्लेख है कि स्वयं प्रत्यर्थी/परिवादी ने नहीं
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बताया कि रेफ्रिजरेटर में किस प्रकार की खराबी है और विशेषज्ञ रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की गयी। लीगल नोटिस में भी खराबी का उल्लेख नहीं किया गया। गारण्टी निर्माता कम्पनी द्वारा दी जाती है, जबकि अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 केवल डीलर है। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध निर्माता कम्पनी वोल्टास लि0 द्वारा कोई अपील प्रस्तुत नहीं की गयी है।
यह सही है कि पत्रावली पर रेफ्रिजरेटर में निर्माण सम्बन्धी दोष होने के सम्बन्ध में कोई विशेषज्ञ रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी है, परन्तु परिवादी द्वारा प्रस्तुत किए गए कथनों तथा शपथ पत्र का कोई खण्डन अपीलार्थी द्वारा नहीं किया गया। इसलिए अखण्डनीय साक्ष्य के आधार पर दिए गए निर्णय को अपास्त किए जाने का कोई आधार नहीं है। परन्तु चूँकि अपीलार्थी केवल डीलर है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा दिए गए आदेश का अनुपालन करने के लिए प्रश्नगत रेफ्रिजरेटर की निर्माता कम्पनी उत्तरदायी होगी।
तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, देवरिया द्वारा परिवाद सं0-38/1995 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 06-12-2007 इस प्रकार संशोधित किये जाने योग्य है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित इस आदेश का अनुपालन मात्र परिवाद के विपक्षी सं0-2 निर्माता कम्पनी द्वारा किया जायेगा न कि अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 द्वारा।
तदनुसार वर्तमान अपील, केवल अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 के पक्ष में स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील, केवल अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 के पक्ष में स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, देवरिया द्वारा परिवाद सं0-38/1995 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 06-12-2007 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित इस आदेश का अनुपालन मात्र परिवाद के विपक्षी सं0-2 द्वारा किया जायेगा न कि
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अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 द्वारा।
अपील व्यय उभय पक्ष पर।
अपीलार्थी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उस धनराशि को अर्जित ब्याज सहित विधि अनुसार एक माह में अपीलार्थी को वापस अदा किया जाए।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
दिनांक : 10-04-2024.
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-1,
कोर्ट नं.-2.