Uttar Pradesh

StateCommission

A/484/2019

Magma HDI General Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Amit Kumar - Opp.Party(s)

Brijendra Chaudhary

22 Aug 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/484/2019
( Date of Filing : 09 Apr 2019 )
(Arisen out of Order Dated 13/03/2019 in Case No. C/129/2016 of District Jalaun)
 
1. Magma HDI General Insurance Co. Ltd
Through the manager Legal Office 5th Floor halwasiya Commerce House 11 MG Marg Habibullah Estate hazratganj Lucknow 226001 Interalia Office 24 Park Street Kolkata 700016
...........Appellant(s)
Versus
1. Amit Kumar
S/O Sri Om Prakash R/O Vill. jeepura P.S. Gohan Pargana Jalaun Distt. Jalaun
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 22 Aug 2022
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या :484/2019

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, जालौन स्‍थान उरई द्वारा परिवाद संख्‍या-129/2016 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13-03-2019 के विरूद्ध)

 

मैग्‍मा एच0डी0आई0 जनरल इं0कं0लि0, द्वारा मैनेजर लीगल, आफिस स्थित-पंचम तल, हलवासिया, कामर्स हाऊस, 11, एमजी मार्ग, हबीबुल्‍ला स्‍टेट, हजरतगंज, लखनऊ-226001  सम्‍बद्ध आफिस स्थित 24, पार्क स्‍टेट कोलकाता।

अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्

  1. अमित कुमार पुत्र श्री ओम प्रकाश निवासी ग्राम जीपुरा थाना मोहन परगना जालौन जिला जालौन।

                           प्रत्‍यर्थी/परिवादी

  1. मैनेजर शक्ति फार्माट्रैक ट्रैक्‍टर,  कालपी रोड, उरई जिला जालौन।
  2. मैग्‍मा फिनकार्प मैग्‍मा हाउस 24 पार्क स्‍ट्रीट कोलकाता।

                                   प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष  :-

     1-मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,       अध्‍यक्ष।

 

     उपस्थिति :

     अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-   श्री बृजेन्‍द्र चौधरी।

     प्रत्‍यर्थी  की ओर से उपस्थित-         कोई नहीं।

दिनांक : 25-11-2022

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-129/2016 अमित कुमार बनाम मैग्‍मा एच0डी0आई जनरल इं0कं0लि0 व तीन अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, जालौन स्‍थान उरई  द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 13-03-2019  के विरूद्ध  यह

 

-2-

अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     ‘’आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है :-

  •  

      जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी सं0-2 की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की है।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-3 से फार्माट्रैक ट्रैक्‍टर क्रय किया परिवादी का उपरोक्‍त ट्रैक्‍टर विपक्षी संख्‍या-4 द्वारा विपक्षी संख्‍या-1 व 3 के सहयोग से दिनांक 01-05-2015 को फाईनेंस करके विपक्षी संख्‍या-3 से दिलाया गया था। बीमा अवधि में ही दिनांक 29-03-2016 को परिवादी के चालक योगेश कुमार जो कि खेत से काम करके घर वापस आ रहे थे कि करीब 12.00 बजे दिन ग्राम हदरूख के पास अज्ञात ट्रक द्वारा असावधानी से चलाते हुए परिवादी के ट्रैक्‍टर में टक्‍कर मार दी  गयी जिससे परिवादी का ट्रैक्‍टर पेड़ से टकराकर बुरी   तरह क्षतिग्रस्‍त हो गया, जिसमें परिवादी के चालक योगेश कुमार को  

 

-3-

चोटें भी आयी। परिवादी ने घटना की सूचना दिनांक 29-03-2015 को थाना मोहन में दिया किन्‍तु पुलिस द्वारा न तो कोई कार्यवाही की गयी और न ही रिपोर्ट लिखी गयी, तब परिवादी ने दिनांक 17-05-2016 को पुलिस अधीक्षक, जालौन के समक्ष प्रार्थना पत्र दिया और विपक्षीगण को भी घटना के संबंध में अवगत कराया, जिस पर विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा सर्वेयर नियुक्‍त किया गया जिसे घटनास्‍थल पर जाकर वाहन का सर्वे किया और ट्रैक्‍टर विपक्षी संख्‍या-3 के यहॉं बनने हेतु पहुँचा दिया गया। विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा ट्रैक्‍टर में आयी क्षति का विवरण विपक्षी संख्‍या-2 व 3 को दिया, किन्‍तु फिर भी विपक्षीगण द्वारा ट्रैक्‍टर की बीमित धनराशि अदा नहीं की गयी जो कि विपक्षीगण के स्‍तर से सेवा में कमी है अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।

     विपक्षी संख्‍या-1 व 2 की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया और कथन किया गया कि ट्रैक्‍टर संख्‍या-यू0पी0 92 एस 1680 के कथित दुर्घटनाग्रस्‍त होने के संबंध में जो सूचना थाने में दी गयी है उसकी कोई प्रति सर्वेयर या बीमा कम्‍पनी को प्रस्‍तुत नहीं की गयी है। बीमा कम्‍पनी के सर्वेयर श्री जितेन्‍द्र नरायन शर्मा द्वारा उक्‍त वाहन का सर्वे कराया गया जिसके अनुसार अनुमानित क्षति मु0 1,79,883/-रू0 पार्ट का व 10,500/-रू0 लेवर का दिलाया गया जिस पर साल्‍वेज का मु0 8797/-रू0 तथा अन्‍य व्‍यय घटाने के बाद कुल सम्‍भावित राशि 1,68,380/-रू0 बतायी गयी लेकिन परिवादी ने उक्‍त वाहन को न तो बनवाया और न ही बनवाने की सूचना दी और न ही कोई बिल व भुगतान की रसीदें ही प्रस्‍तुत की, जिससे यह

 

 

-4-

अनुमान लगाना कि वास्‍तविक खर्च क्‍या हो सकता है मुश्किल है। उनकी ओर से सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गयी है।

     विपक्षी संख्‍या-3 की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया गया कि विपक्षी संख्‍या-3 के द्वारा अनेकों सूचनायें भेजने के उपरान्‍त भी विपक्षी संख्‍या-2 व 4 द्वारा कोई रूचि नहीं ली गयी है। विपक्षी संख्‍या-2 व 4 स्‍टीमेट के उपरान्‍त अग्रिम कार्यवाही हेतु नहीं आये। ट्रैक्‍टर बीमाकृत होने के कारण विपक्षी संख्‍या-1, 2 व 4 का पूर्ण दायित्‍व बनता है। विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा दिये गये स्‍टीमेट के बाद उसके कई पार्ट डैमेज पाये गये इस स्थिति में ट्रैक्‍टर मूल स्थिति में रिपेयर हो पाने स्थिति में नहीं है, उनकी ओर से सेवा में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं की गयी है।

     विद्धान जिला आयोग ने उभयपक्ष को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का गहनतापूर्वक परीक्षण करने के उपरान्‍त विपक्षी संख्‍या-2 की सेवा में कमी पाते हुए परिवाद अंशत: स्‍वीकार किया है।

     अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिक्‍ता श्री बृजेन्‍द्र चौधरी उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है। अत: अपील स्‍वीकार करते हुए जिला आयोग के निर्णय को अपास्‍त किया जावे।

     मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

 

 

-5-

     पत्रावली के परिशीलन एवं अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुनने के पश्‍चात मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का गहनतापूर्वक विश्‍लेषण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

     आदेश

     अपील निरस्‍त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।

     अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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