Uttar Pradesh

StateCommission

A/188/2016

Shriram General Insurance Co. Ltd. - Complainant(s)

Versus

Amit Chauhan - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar

26 Oct 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/188/2016
( Date of Filing : 29 Jan 2016 )
(Arisen out of Order Dated 31/12/2015 in Case No. C/21/2014 of District Etawah)
 
1. Shriram General Insurance Co. Ltd.
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Amit Chauhan
Etawah
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 26 Oct 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-188/2016

(जिला फोरम, इटावा द्धारा परिवाद सं0-21/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 31.12.2015 के विरूद्ध)

Shriram General Insurance Company Limited, E-8, EPIP, RIICO Industrial Area, Sitapura, Jaipur (Rajasthan)- 302022 Branch Office 16, Chintal House, Station Road, Lucknow through its Manager.

                                               ........... Appellant/ Opp. Party

Versus    

Amit Chauhan, S/o Ashok Kumar, R/o 16, Katra Balsingh, District- Etawah.

       …….. Respondent/ Complainant

 

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता    : श्री दिनेश कुमार

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता     : श्री उमेश कुमार शर्मा

दिनांक :-10.4.2019        

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय   

परिवाद संख्‍या-21/2014 अमित चौहान बनाम श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड व दो अन्‍य में जिला फोरम, इटावा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 31.12.2015 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

आक्षेपित निर्णय के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

 

-2-

“परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध 2,94,000.00 रू0 की वसूली हेतु स्‍वीकार किया जाता है इस धनराशि पर वाद योजन की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी देना होगा। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि उपरोक्‍तानुसार धनराशि निर्णय के एक माह में परिवादी को अदा करें।”

जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री दिनेश कुमार और प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री उमेश कुमार शर्मा उपस्थित आये हैं।

मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद अपीलार्थी विपक्षी और दो अन्‍य विपक्षीगण के विरूद्ध इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसका वाहन सं0-यू0पी075एम 1259 अपीलार्थी/विपक्षी की बीमा कम्‍पनी से दिनांक 15.11.2012 से 05.3.2012 तक की अवधि के

-3-

लिए सभी जोखिमों हेतु बीमित था। जिसका पालिसी नं0-108025/3111/0273 था।

परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/पविादी का कथन है कि दिनांक 02.3.2012 को नगरिया पुल थाना दन्‍नाहार, जिला मैनपुरी की सीमा में शॉट सर्किट की वजह से वाहन में आग लग गयी, जिससे वाहन जल कर नष्‍ट हो गया। घटना की रिपोर्ट थाना दन्‍नाहार में दर्ज करायी गई तथा अपीलार्थी/विपक्षीगण की बीमा कम्‍पनी को सूचना दी गई, तब अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी के सर्वेयर ने वाहन का निरीक्षण किया और पूर्ण क्षति मानी। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने सभी कागजात बीमा कम्‍पनी को दिये, फिर भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को बीमित धनराशि का भुगतान नहीं किया गया, जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवाद उसने जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

जिला फोरम के समक्ष अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि वर्तमान परिवाद में तथ्‍य और विधि का प्रश्‍न निहित है, अत: इसका निस्‍तारण व्‍यवहार न्‍यायालय द्वारा ही उचित है। लिखित कथन में यह भी कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने फाइनल सर्वे नहीं कराया है, जबकि उसे अनेक बार कम्‍पनी से सूचना भेजी गई है। लिखित कथन में यह भी कहा गया है कि दुर्घटना के समय

-4-

प्रत्‍यर्थी/परिवादी का प्रश्‍नगत वाहन हिन्‍दुस्‍तान समाचार पत्र ला रहा था, किन्‍तु इसका लोड चालान प्रस्‍तुत नहीं किया गया और दुर्घटना की कम्‍पनी को तत्‍काल सूचना नहीं दी गई है, न ही फायर बिग्रेड बुलाई गई है और न ही फायर बिग्रेड की रिपोर्ट ली गई है। अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने सेवा में कोई कमी नहीं की है। लिखित कथन में कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का पालन नहीं किया है और वाहन व्‍यापारिक उद्देश्‍य से चलाया जा रहा था। अत: बीमा क्‍लेम स्‍वीकार किए जाने योग्‍य नहीं है।

जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन और उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत यह माना है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी वाहन के बीमित मूल्‍य की धनराशि अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी से पाने का अधिकारी है। अत: परिवाद स्‍वीकार करते हुए आदेश पारित किया है, जो ऊपर अंकित किया गया है।

अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आदेश साक्ष्‍य और विधि के विरूद्ध है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने बीमा शर्त का पालन नहीं किया है और वाहन का फाइनल सर्वे नहीं कराया है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि प्रश्‍नगत दुर्घटना के समय वाहन वाणिज्यिक उद्देश्‍य से प्रयोग किया जा रहा था। अपीलार्थी बीमा

-5-

कम्‍पनी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी का बीमा दावा उचित आधार पर अस्‍वीकार किया है। 

प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम का निर्णय उचित और विधि सम्‍मत है। उसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी का प्रश्‍नगत वाहन कथित दुर्घटना के समय अपीलार्थी की बीमा कम्‍पनी से बीमाकृत था, यह तथ्‍य निर्विवाद है और प्रश्‍नगत वाहन का बीमित मूल्‍य 2,94,000.00 था, यह तथ्‍य भी निर्विवाद है। अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के सर्वेयर ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी के वाहन का निरीक्षण कर क्षतिपूर्ति का आंकलन किया है और वाहन को आग से पूर्ण रूप से जलकर नष्‍ट होना सही पाया है। सर्वेयर के अनुसार वाहन के साल्‍वेज का मूल्‍य 60,000.00 रू0 है, जबकि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के अनुसार साल्‍वेज का मूल्‍य 35,000.00 रू0 से अधिक नहीं है। अत: सर्वेयर द्वारा निर्धारित साल्‍वेज के मूल्‍य और प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा आंकलित साल्‍वेज के मूल्‍य को दृष्टिगत रखते हुए साल्‍वेज का मूल्‍य 46,000.00 रू0 निर्धारित किया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: वाहन के बीमित मूल्‍य की अवशेष धनराशि 2,48,000.00 रू0

 

-6-

प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी से दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है।

प्रश्‍नगत वाहन महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा बोलेरो मैक्‍सी ट्रक है। अत: वाहन का प्रयोग कथित दुर्घटना के समय हिन्‍दुस्‍तान समाचार पत्र लाने के लिए किये जाने के कारण बीमा पालिसी का उल्‍लंघन नहीं कहा जा सकता है। बीमा पालिसी ट्रक की सुरक्षा के लिए ली गई है। बीमा कम्‍पनी से व्‍यापार के लिए नहीं। अत: ट्रक में हुई क्षतिपूर्ति की धनराशि प्रत्‍यर्थी/परिवादी अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी से पाने का अधिकारी है।

सम्‍पूर्ण तथ्‍यों, साक्ष्‍यों व परिस्थितियों पर विचार करने के उपरांत मैं इस मत का हॅू कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी से प्रश्‍नगत ट्रक की क्षति की पूर्ति हेतु 2,48,000.00 रू0 परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ दिलाया जाना उचित है। अत: अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए जिला फोरम का निर्णय तद्नुसार संशोशित किया जाना उचित है।

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय संशोधित करते हुए अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी को आदेशित किया जाता है कि वह प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 2,48,000.00 रू0 वाहन की क्षतिपूर्ति हेतु परिवाद प्रस्‍तुत करने

-7-

की तिथि से अदायगी की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ अदा करें।

अपील में उभय पक्ष अपना अपना वाद व्‍यय स्‍वयं बहन करेगें।

धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनिमय के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जायेगी।

 

                        (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)               

                                  अध्‍यक्ष                           

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

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