जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-226/2012
अरूण कुमार शुक्ल पुत्र श्री रामचेत शुक्ला नि0 ग्राम तिवारी पुर थाना व तहसील बीकापुर जिला फैजाबाद .................... परिवादी
बनाम
अमित आटो सेल्स लखनऊ रोड 5 कि.मी. फैजाबाद फोन नं0-05278236058 द्वारा अमित घई प्रोपराइटर ................. विपक्षी
निर्णय दि0 25.01.2016
निर्णय
उद्घोषित द्वाराः-श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी वाहन सं0-यू0पी042टी/9902 (महेन्द्र जीओ पैसेन्जर) का वैध एवं पंजीकृत स्वामी है। वाहन को क्रय करने के पश्चात् परिवादी अपने उक्त वाहन पैसेन्जर गाड़ी में बीकापुर से फैजाबाद चलवाता है। परिवादी ने उक्त वाहन ऋण पर क्रय किया है जिसकी किश्त वह प्रतिमाह वाहन चलवाकर पैसे की कमाई करके अदा करता है। उक्त वाहन में
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कुछ खराबी होने के कारण दि0 12.6.2012 को विपक्षी के वर्कशाप पर सर्विसिंग के लिए व वाहन में आई कमियों को दूर करने के लिए दिया था। गाड़ी का वर्कशाप में विपक्षी द्वारा नियुक्त मैकेनिकों द्वारा सर्विसिंग की गयी एवं वाहन में आई कमियों को दूर करके वाहन को परिवादी को बिल नं0-आर.बी.सी.आई.003800-6197 दि0 12.6.2012 समय 17.6 बजे धनराशि मु0 4,700=00 प्राप्त कर वाहन को परिवादी को दिया गया। वर्कशाप के मैकेनिकों द्वारा यह कहा गया कि अब वाहन में किसी भी प्रकार की कोई खराबी नहीं रह गयी है। दि0 13.6.2012 को परिवादी का उपर्युक्त वाहन ड्राइवर लेकर सवारी में चला रहा था तो वाहन काफी धुआॅं दे रहा था जिसकी शिकायत फोन से परिवादी ने वर्कशाप को दिया जिस पर मैकेनिकों द्वारा यह बताया गया कि 1-2 दिन में गाड़ी मोबिल खाना बन्द कर देगी और वाहन ठीक ढंग से चलेगा। दि0 14.6.2012 को परिवादी का उक्त वाहन विपक्षी की खराब सेवाओं के कारण रास्ते में ही खड़ा हो गया जिसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी को दिया तो विपक्षी के मैकेनिकों द्वारा यह कहा गया कि वाहन लेकर आइये पुनः उसी पैसे में वाहन दुरूस्त हो जायेगा। इस आश्वासन पर परिवादी अपने वाहन को दूसरे वाहन में टोचन करके दि0 15.6.2012 को विपक्षी के वर्कशाप पर लाकर दिया। वर्कशाप में कार्यरत कर्मियों द्वारा यह कहा गया कि कल तक वाहन सही हो जायेगा और कल आकर वाहन ले जाना। दि0 16.6.2012 को परिवादी विपक्षी के वर्कशाप पर गया तो यह जानकारी दी गयी कि वाहन ठीक हो गया है लेकिन पैसे की माॅंग की गयी और पुनः मु0 6,671=00 का बिल देकर नकद पैसा लेकर परिवादी को वाहन दिया गया। लगभग 15 दिन वाहन चलने के पश्चात् वाहन पुनः खराब हो गया जिसके सम्बन्ध में परिवादी ने दि0 03.7.2012 को विपक्षी से सम्पर्क किया तो यह कहा गया कि वाहन पुनः लेकर आइये ठीक कर दिया जायेगा। दि0 04.7.2012 को पुनः परिवादी अपने उपरोक्त वाहन को टोचन करके विपक्षी के वर्कशाप पर लेकर गया तो उसी दिन वाहन ठीक होकर परिवादी को मिला किन्तु पुनः नकद धनराशि मु0 497=00 परिवादी को देना पड़ा। पुनः वही पुरानी कमी झटका लेकर बन्द हो जाना व काफी मात्रा में धुआॅं देने वाली परेशानी शुरू हुई और वाहन खड़ा हो गया। दि0 07.7.2012 को परिवादी अपने वाहन को एक अन्य गाड़ी में टोचन कर खींचकर विपक्षी के वर्कशाप में लेकर आया तो मैकेनिकों द्वारा यह बताया गया कि अब इसकी नाजिल खराब हो गयी है। मु0 4,500=00 देकर नाजिल मिला। जब परिवादी नाजिल लेकर वर्कशाप पर आया तो वाहन को ठीक कर वर्कशाप से मु0 440=00 का बिल बनाकर परिवादी
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को दिया गया। पैसे का भुगतान करने पर वर्कशाप के कर्मचारियों द्वारा परिवादी को वाहन हैण्डओवर किया गया। पुनः वाहन खराब होने पर विपक्षी ने मु0 14,311.21 रूपया नकद लेकर वाहन दिया। विपक्षी की खराब सेवाओं के कारण एवं कपट पूर्ण आचरण के कारण परिवादी का वाहन कई दिनों तक खड़ा रहा। विपक्षी द्वारा धोखा धड़ी करके वाहन के एक ही पार्ट को लगाकर कई बार पेमेन्ट लिया गया एवं झूठा बिल बनाकर धोखा-धड़ी करके गलत ढंग से परिवादी से विपक्षी ने पैसा प्राप्त किया। विपक्षी की खराब सेवाओं में कमी के कारण परिवादी का कुल मु0 35,872=00 का आर्थिक नुकसान व आने जाने भाग दौड़ करने में मु0 2,000=00 दूसरे वाहन को किराये पर लेकर टोचन करके लाने में मु0 5,000=00 इस प्रकार सम्पूर्ण क्षति मु0 42,962=00 की क्षति हुई है। इस प्रकार परिवादी ने विवश होकर यह परिवाद योजित किया है।
विपक्षी ने अपने जवाब में इतना स्वीकार किया है कि वाहन विपक्षी की फर्म से क्रय किया गया है और परिवादी के वाहन को विपक्षी वर्कशाप में लाने पर दुरूस्त किया गया और वाजिब आवश्यक शुल्क लिया गया और विशेष कथन में यह कहा गया कि समय-समय पर मुझ विपक्षी द्वारा सेवा देने में चूक की गयी उससे उपेक्षात्मक व्यवहार किया गया और नाजायज पैसा वसूला गया नितान्त असत्य है क्योंकि विपक्षी की फर्म अमित आटो सेल्स फैजाबाद वर्षो से अपने उपभोक्ताओं को उचित सुविधाजनक सेवा देने का कार्य कर रही है तथा अपने उपभोक्ताओं को बेचे गये वाहनों को वारण्टी के पीरियड में निःशुल्क सेवा नियमों व शर्तो के अधीन देती आ रही है। किन्तु जिन कल पुर्जो की वारण्टी नहीं होती या वारण्टी अवधि बीत गयी होती है उसका उचित पैसा फर्म लेती है और अपनी सेवा प्रदान करती है। यह कहना एकदम गलत है कि परिवादी के सम्बन्ध में ऐसा कोई बर्ताव किया गया जिससे उसे कोई क्षति विपक्षी के कारण हुई है जो भी कोई परेशानी या नुकसान उपरोक्त वाहन यू0पी042टी-9902 महेन्द्रा जी ओ पैसेन्जर से हुआ है परिवादी उसका स्वयं ही जिम्मेदार है। वाहन में जो खराबी आयी वह मिसहैंडलिंग उचित रख रखाव के अभाव में, समय से सर्विसिंग न कराने व ओवरलोडिंग की वजह से हुई है। विपक्षी का कोई उपशम देने का दायित्व नहीं है। उपरोक्त तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में परिवादी का परिवाद सव्यय निरस्त किये जाने योग्य है।
मैं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रेषित किया कि
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परिवादी द्वारा जो कागजात सं0-1/17 लगायत 1/22 प्रेषित किये हैं वह गाड़ी के सर्विस से सम्बन्धित है। वाहन में कोई खराबी नहीं थी। वाहन की सर्विस कराना आवश्यक है। कुछ सामान वाहन में सर्विस के समय बदला जाता है, वही बदले गये हैं। दूसरा तर्क यह प्रेषित किया कि यह व्यवसायिक वाहन है। इस परिवाद को सुनने का क्षेत्राधिकार इस न्यायालय को नहीं है।
परिवादी की ओर से कागज सं0-1/17 विपक्षी का कागज लगाया गया है जिसकी सर्विस दि0 12.6.2012 को नियत थी। परिवादी ने दि0 12.6.2012 को अपने वाहन की सर्विस कराई। दूसरा कागज परिवादी ने जो लगाया है उसकी सर्विस दि0 15.6.2012 को नियत थी, जिसे दि0 16.6.2012 को कराया। तीसरा कागज 1/18 है जिसकी सर्विस दि0 04.7.2012 को ड्यू थी, जिये दि0 04.7.2012 को सर्विस कराया है। इसी प्रकार कागज सं0-1/19 जिसकी सर्विस दि0 07.7.2012 को ड्यू थी, जिसे दि0 09.7.2012 को सर्विस करायी है और जो कागजात दाखिल किये गये हैं वह सामान से सम्बन्धित है। कागज सं0-1/21 जो दाखिल किया है वह इन्वाइस से सम्बन्धित है। वाहन में सर्विस के समय मोबीआयल, ग्रीसिंग, फिल्टर और वाहन के जिन सामानों की वारन्टी नहीं होती उनके खराब होने पर बदला जाता है और उसका चार्ज वाहन स्वामी देता है। वाहन में कोई भी खराबी नहीं पायी गयी और वाहन के खराबी के सम्बन्ध में कोई भी मैकेनिकल सर्टीफिकेट भी प्रेषित नहीं किया गया। इस प्रकार परिवादी अपना परिवाद सिद्ध करने में असफल रहा है। परिवादी के परिवाद में मैं बल नहीं पाता हूॅं। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 25.01.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष