जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-328/2014
प्रषान्त कुमार गुप्ता पुत्र विश्णु नारायन गुप्ता निवासी मकान नं0 302 महाजनी टोला, थाना कोतवली नगर, जिला फैजाबाद। .............. प्रार्थी
बनाम
अमित अग्रवाल, प्रोपराइटर एलाइड इण्डस्ट्रीज स्टेट ताल कटोरा रोड लखनऊ निवासी 178 राजेन्द्र नगर, थाना लखनऊ। .......... विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 18.08.2014
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या।
निर्णय
परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी से पाली पाउच बैग 300 किग्रा0 एक सौ चालीस रूपये प्रति किग्रा0 की दर से क्रय करने के लिए दो हजार रूपये 2000/- एडवान्स में अमित अग्रवाल द्वारा बताये गये खाते आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक की फैजाबाद षाखा में खाता सं0-126305000163 में दिनंाक 16-12-2013 को रूपये 10,000/-, दिनंाक 27-12-2013 को रूपये 12,000/- तथा दिनंाक 21-01-2014 को रूपये 12,000/- कुल चैतींस हजार रूपये 34,000/- जमा किया। विपक्षी ने आयुश टेªडिंग कम्पनी के द्वारा दिनंाक 22-01-2014 को प्रषान्त परफ्यूमरी वक्र्स मकान नं0 302 महाजनी टोला फैजाबाद को पाली पाउच बैग (तैंतीस किग्रा0) 33 किग्रा0 रसीद बुक नं0 01 के सीरियल नं0 20 की रसीद के साथ लखनऊ से न्यू फैजाबाद लखनऊ फारवर्डिग एजेन्सी द्वारा भेजा जो परिवादी को दिनंाक 23-01-2014 को प्राप्त हुआ। पाली पाउच बैग की गुणवत्ता खराब होने के कारण परिवादी द्वारा विपक्षी से षिकायत की गयी तो उन्होंने कहा कि बचा हुआ पाली पाउच बैग वापस भेज दो, आप को सही गुणवत्ता वाला पाली पाउच बैंग भेज दिया जायेगा। परिवादी ने दिनंाक 10-05-2014 को फैजाबाद रोड लाइन्स से बिल्टी के रूप में (बीस किग्रा0) 20 किग्रा0 पाली पाउच बैग वापस भेज दिया। विपक्षी द्वारा आज तक सही गुणवत्ता वाला पाली पाउच बैग नहीं भेजा और परिवादी द्वारा एडवान्स में दिया गया रूपया भी वापस नहीं किया। परिवादी ने दिनांक 12.11.2014 को अपने अधिवक्ता के द्वारा विपक्षी को एक विधिक नोटिस भेजा मगर विपक्षी ने नोटिस के बाद भी न तो माल भेजा और न ही परिवादी का रुपया वापस किया। परिवादी को विपक्षी से रुपये 36,000/- एडवांस मंे दिया गया रुपया वापस दिलाया जाय, क्षतिपूर्ति रुपये 1,00,000/- तथा परिवाद व्यय रुपये 25,000/- दिलाया जाय।
विपक्षी को फोरम से पंजीकृत नोटिस भेजी गयी। विपक्षी को भेजी गयी नोटिस का रजिस्ट्री लिफाफा वापस नहीं आया इसलिये विपक्षी पर तामीला पर्याप्त मानते हुए दिनांक 16-06-2015 को परिवाद की सुनवाई विपक्षी के विरुद्ध एक पक्षीय रुप से किये जाने का आदेष किया गया। निर्णय के पूर्व तक विपक्षी ने न तो कोई रिकाल प्रार्थना पत्र दिया और न ही अपना लिखित कथन दाखिल किया।
पत्रावली का भली भंाति परिषीलन किया। परिवादी ने अपने पक्ष के समर्थन में अपना षपथ पत्र, साक्ष्य में षपथ पत्र, बैंक में रुपये जमा किये जाने की रसीद दिनांक 16-12-2013, 27.12.2013 तथा 21-01-2014 की मूल रसीदें, बिल्टी की मूल रसीद दिनांक 23.01.2014, माल प्राप्ति की मूल रसीद दिनांक 22-01-2014 तथा माल वापस भेजे जाने की रसीद दिनांक 10.05.2014 की छाया प्रति दाखिल की है, जो षामिल पत्रावली है। परिवादी द्वारा दाखिल किये गये साक्ष्य अकाट्य हैं जिन पर अविष्वास नहीं किया जा सकता। किन्तु परिवादी ने माल लखनऊ से खरीदा है और माल बिल्टी द्वारा परिवादी के पास पहुंचा है। विपक्षी का कोई कार्यालय फैजाबाद में नहीं है और न ही विपक्षी अपने लाभ के लिये कोई कार्य फैजाबाद में करता है। परिवादी का परिवाद फोरम के क्षेत्राधिकार से बाहर होने के कारण परिवादी का परिवाद जिला फोरम फैजाबाद मंे नहीं चल सकता है। परिवादी चाहे तो अपना परिवाद सक्षम न्यायालय में दाखिल कर सकता है। परिवादी का परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 11(1)(क) से बाधित है, इसलिये क्षेत्राधिकार न होने के कारण परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 18.08.2014 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष