Rajasthan

Ajmer

CC/21/2014

ANIL KUMAR - Complainant(s)

Versus

AMER DEEP GAS AGENCY - Opp.Party(s)

ADV C.P GUPTA

07 Apr 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/21/2014
 
1. ANIL KUMAR
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. AMER DEEP GAS AGENCY
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Gautam prakesh sharma PRESIDENT
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर

अनील कुमार  पुत्र श्री रामस्वरूप, जाति- बैरवा, निवासी- न्यू जोधपुर हाउस, मेयोकाॅलेज, अजमेर । 
                                                             प्रार्थी

                            बनाम

अमरदीप गैस एजन्सी जरिए इसके प्रोपराईटर, डिस्ट्रीब्यूअर- भारत गैस, दुकान नं. 3,4,5,6 , मेयो काॅलेज के पीछे, गहलोतों की डूंगरी, गुलाबबाडी, अजमेर-305001
                                                           अप्रार्थी 
                  परिवाद संख्या 21/2014
                            समक्ष
                   1.  गौतम प्रकाष षर्मा    अध्यक्ष
           2. श्रीमती ज्योति डोसी   सदस्या
                           उपस्थिति
                  1.श्री सी.पी.गुप्ता, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री विभौर गौड,  अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 17.04.2015

1.    परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी से गैस कनेक्षन जरिए उपभोक्ता क्रमांक 7096 के ले रखा है । उसने अप्रार्थी से दिनंाक 6.5.2011 गैस कनेक्षन जरिए सब्सक्रिप्षन संख्या 509409773 के  पंजीकृत करवाया  था और  उससे एक गैस सिलेण्डर, एक रेगुलेटर, गैस चूल्हा, गैस पाईप व अन्य गैस उपकरण तथा जांच इत्यादि की कुल राषि रू. 3915.17 के जरिए बिल संख्या 563 दिनंाक 6.5.2012 के प्राप्त किए ।  दिनांक 2.8.2013 तक प्रार्थी को नियमित गैस सिलेण्डर की आपूर्ति की जाती रही लेकिन सितम्बर माह में अप्रार्थी द्वारा गैस की आपूर्ति बन्द कर दी । जानकारी चाहने पर अप्रार्थी द्वारा अवगत कराया गया कि  गैस उपकरणों की जांच किए जाने के बाद गैस कनेक्षन चालू किया जावेगा । दिनंाक 18.10.2013 को प्रार्थी की अनुपस्थिति में  अप्रार्थी के कर्मचारी ने   गैस उपकरण  उनकी एजेन्सी से नहीं खरीदने के आधार पर खराब बतलाते हुए उसकी पत्नी से रू. 700/- की मांग की । उसकी पत्नी ने  गैस उपकरण जांच की सूची मांगी  तथा उसे बतलाया गया कि जांच ष्षुल्क के रू. 75/- होते है फिर रू. 700/- क्यों मांगे जो रहे है इस पर अप्रार्थी के कर्मचारी रू. 700/- एजेन्सी पर जमा कराए जाने के बाद ही कनेक्षन चालू करना बतलाया ।  प्रार्थी ने अप्रार्थी एजेन्सी पर जाकर जानकारी की तो उसे बतलाया कि रू. 700/- जमा कराने पर ही गैस कनेक्षन चालू होना बताया । दिनंाक  17.12.2012 को अप्रार्थी ने पुनः राहुल षर्मा नाम के कर्मचारी को उसके निवास स्थान पर भेजा  जिसने रू. 75/- प्राप्त कर जांच सूची की काॅपी प्रार्थी को दी और 24 घण्टे में गैस कनेक्षन चालू करने का आष्वासन दिया । एक दिन बाद जब उसने गैस बुक करवानी चाही तो उसे अवगत कराया गया कि गैस  कनेक्षन बन्द होने के कारण गैस की बुकिंग किया जाना सम्भव नही ंहै ।  उसने दिनंाक 24.12.2013 को  अधिवक्ता के माध्यम से  अप्रार्थी को नोटिस भी  दिया  कोई  कार्यवाही  नहीं किए जाने पर उसनेे दिनंाक 7.1.2014 को नोडल अधिकारी, अजमेर  को भी रजिस्टर्ड  पत्र लिखा   इसके उपरान्त भी कोई कार्यवाही नही ंहुई  ं। प्रार्थी का गैस कनेक्षन बन्द कर दिए जाने के कारण काफी परेषानी हो रही है और उसे अपने मित्रों व रिष्तेदारों से  गैस की आपूर्ति  करनी पड रही है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
2.    परिवाद के उत्तर में अप्रार्थी  ने  प्रार्थी का उनका उपभोक्ता  क्रमांक  7096 होना,  दिनंाक 6.5.2011 को गैस पंजीकृत करवाया जाना, व दिनंाक 6.5.2012 को गैस कनेक्षन पैटे रू. 3915/- प्राप्त करने के तथ्य को अविवादित होना दर्षाते हुए पा्रर्थी को दिनांक 2.8.2013 को गैस सिलेण्डर की आपूर्ति की गई लेकिन उसके बाद प्रार्थी ने गैस बुक नहीं कराई । 
    अप्रार्थी का कथन है कि भारत गैस द्वारा द्विवर्षीय  मैकेनिक जांच के  अभाव में नियमानुसार गैस की आपूर्ति रोक रखी थी और अप्रार्थी  के मैकेनिक मनीष कुमार वर्मा  दिनंाक 9.8.20913 को   जांच हेतु प्रार्थी के निवा स्थान पर गया  जिसने जांच कराने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उसके पति मौजूद नहीं है अगले दिन आना और जब मैकेनिक अगले दिन गया तो प्रार्थी ने  जांच कराने से साफ इन्कार कर दिया  इसके बाद प्रार्थी ने माह- दिसम्बर, 13 में अप्रार्थी से सम्पर्क किया तब उसे अवगत कराया  गया कि जब तक वह गैस उपकरणों की जांच नही ंकरवाएगा तब तक अप्रार्थी न तो गैस बुक कर सकता है और ना ही आपूर्ति दे सकता है । इस पर प्रार्थी के निवेदल न पर दिनांक 17.12.2013 को मैकेनिक राहुल ष्षर्मा ने जांच की  तो गैस चूल्हे की गैस काक की लाॅक पिन लीक होना पाई गई जिसे गैस लीक होने की समभावना थी और दुर्घटना होना सम्भव था।   जिसे बदलने की प्रार्थी को सलाह दी गई  जिसके रू. 20/- व मैकेनिक चार्ज के रू. 75/- के मांगे गए थे । प्रार्थी से रू. 700/- की कोई मांग नही ंकी गई थी ।  इसी प्रकार रबड ट्यूब जो अगस्त, 2013 तक ही वेलिड थी, को भी बदलने के रू. 190/- प्रार्थी ने दिए । प्रार्थी ने  लाॅक पिन  चैन्ज करा लेने की कोई सूचना अप्रार्थी को नहीं दी जिसके कारण  अप्राथी्र क्लीयरेंन्स रिर्पोट भारत गैस कम्पनी को प्रार्थी के पक्ष में नहीं दे पा रहा है । इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई अन्त में परिवाद खारिज होना बतलाया । 
3.    हमने पक्षकारान को सुना एवं परिवाद का अनुषीलन किया । 
4.      जहां तक प्रार्थी अप्रार्थी गैस एजेन्सी का उपभोक्ता है इस संबंध में कोई विवाद नहीं है । 
5    प्रकरण में अप्रार्थी गैस एजेन्सी की ओर से एक कानूनी एतराज इस आषय का भी लिया है कि परिवाद में गैस कम्पनी जो एक आवष्यक पक्षकार है, को पक्षकार नहीं बनाया ।  अतः प्रार्थी का वाद चलने योग्य नहीं है ।  अतः हमने इस बिन्दु पर पक्षकारान की जो बहस हुई पर गौर किया । प्रार्थी अप्राथी्र का उपभोक्ता है तथा परिवाद में वर्णित अनुससार अप्रार्थी गैस एजेन्सी ने ही  प्रार्थी की गैस आपूर्ति रोक रखी थी । अप्रार्थी गैस एजेन्सी ने अपने जवाब में यह अवष्य बतलाया है कि प्रार्थी की  गैस आपूर्ति  पर  गैस कम्पनी(भारत गैस) ने रोक लगा रखी थी लेकिन प्रार्थी की ओर से सूचना के अधिकार  के अन्तर्गत आवेदन पत्र प्रस्तुत कर जो सूचना प्राप्त की उसके अनुसार गैस कम्पनी ने प्रार्थी की गैस आपर्ति पर कोई रोक लगा रखी हो , के तथ्य से इन्कार किया है ।  अतः हमारे विनम्र मत में इस परिवाद की सुनवाई एवं इस परिवाद के निर्णय हेतु गैस कम्पनी आवष्यक  पक्षकार नही ंहै एवं गैस कम्पनी को पक्षकार नहीं बनाए जाने के कारण  प्राथी्र का परिवाद खारिज होने योग्य हो, हम नहीं पाते । 
6    अब हम परिवाद में लाए गए विसाद के लिए अग्रसर होते है । प्रार्थी ने अप्राथी्र के पक्ष में सेवा में कमी इस आषय की दर्षाया है कि  अप्रार्थी ने दिनंाक 2.8.2013 के बाद प्रार्थी को गैस देना बन्द कर दिया । परिवाद में यह कथन किया गया है कि  अप्रार्थी गैस एजेन्सी से सम्पर्क करने पर अप्रार्थी ने दर्षाया है कि  गैस उपकरणों की जांच के बाद गैस कनैकषन चालू किया जावेगा किन्तु अप्रार्थी गैस एजेन्सी के जवाब में आया है कि प्रार्थी की गैस आपूर्ति  गैस कम्पनी ने  ही आॅन लाईन बन्द कर दी थी तथा यह भी दर्षाया है कि जब तक प्रार्थी गैस उपकरणों की  जांच नहीं कर लेता तब तक गैस कम्पनी  गैस आपूर्ति पर रोक नही ंहटा सकती इस प्रकार अप्राथी्र गैस एजेन्सी का कथन रहा है कि उसने अपने स्तर पर कोई रोक नहीं लगा रखाी थी बल्कि गैस कम्पनी ने ही आपूर्ति बंद कर रखी थी ।  
7    हमने इस बिन्दु पर हुई पक्षकारान की बहस सुनी एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अध्ययन किया ं  प्रार्थी द्वारा गैस कम्पनी से सूचना के अधिकार   के तहत  जो सूचना प्राप्त की जिसकी प्रति पत्रावली पर है , में गैस कम्पनी का कथन रहा है कि  उसके द्वारा  कोई रोक गैस आपूर्ति पर नहीं लगा रखी थी । 
8    उपरोक्त विवेचन से यह तथ्य अप्रार्थी गैस एजेन्सी सिद्व नहीं कर पाई है कि गैस कम्पनी ने प्रार्थी की गैस आपर्ति बन्द कर रखी थी । इसके अतिरिक्त स्वयं अप्रार्थी गैस एजेन्सी के जवाब में वर्णित हुआ है कि प्रार्थी ने ट्यूब जो अगस्त, 2013 तक वैध थी, के रू. 190/- की राषि देकर बदलवा ली थी । परिवाद में प्रार्थी का यह भी कथन रहा है कि अप्रार्थी गैस एजेन्सी  के आदमी  ने रू. 700/-  की अवैध मांग  की, यह तथ्य प्रार्थी की ओर से सिद्व नहीं हुआ है । 
9.    उपरोक्त सारे विवेचन से हमारे मत में अप्रार्थी गैस एजेन्सी ने प्रार्थी की गैस आपूर्ति पर स्वयं के स्तर पर रोक लगा दिया जाना पाया गया है जो उसके पक्ष में सेवा में कमी  सिद्व करता है एवं  प्रार्थी अपने इस गैस कनेक्षन के अन्तर्गत देय गैस आपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी  पाया जाता है । इस प्रकार प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य है । अतः आदेष है कि
                         :ः- आदेष:ः-
10.    (1)    अप्रार्थी गैस एजेन्सी से प्रार्थी जब भी  गैस बुक करवावें उसे गैस की आपूर्ति करें एवं भविष्य में भी नियमित रू से करता रहे । 
    (2)   प्रार्थी अप्रार्थी गैस एजेन्सी से  मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 3000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
        (3)    क्र.सं.2 में वर्णित राषि अप्रार्थी गैस एजेन्सी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।  
             (4)    दो माह  में आदेषित राषि का भुगतान  नहीं करने पर  प्रार्थी अप्रार्थी गैस एजेन्सी से  उक्त राषियों पर  निर्णय की दिनांक से  ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक  दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा  ।

                
(श्रीमती ज्योति डोसी)                              (गौतम प्रकाष षर्मा)र
           सदस्या                                           अध्यक्ष    
.        आदेष दिनांक 17.04.2015  को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

           सदस्या                                           अध्यक्ष

    
 

 

 

 


    

 
 
[ Gautam prakesh sharma]
PRESIDENT
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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